साहित्य लेखन में अमिट छाप छोड़ने वाले राजकुमार धरणी की जयंती पर विशेष

punjabkesari.in Wednesday, Jan 13, 2021 - 12:31 AM (IST)

चंडीगढ़ (चंद्रशेखर धरणी): सुप्रसिद्ध इतिहासकार, साहित्यकार, लेखक, समकालीन विश्लेषक व काव्य संग्रह में अमिट छाप छोडऩे वाले राजकुमार धरणी (जिनका साहित्यक नाम राज धरणी सागर था), की आज 80वीं जन्मतिथि रूपी स्मृति दिवस है। राजकुमार धरणी का निधन 74 वर्ष की आयु में हुआ था। स्वर्गीय राजकुमार धरणी हरियाणा शिक्षा विभाग में बतौर एसएसके मास्टर व उप प्रधानाचार्य रिटायर हुए थे, राज धरणी सागर की गिनती प्रसिद्ध लेखक, कहानीकार व सहित्यकारों में होती रही है। 

पंजाब केसरी में अमर शहीद लाला जगत नारायण के सानिध्य में उनके काफी लेख, कहानियां, काव्य प्रकाशित हुए थे। पंजाब केसरी में उन दिनों चलाई गई संस्था तरुण संगम व वीर प्रताप की संस्था बालोउद्यान के हरियाणा, पंजाब, हिमाचल के संयोजक के रूप में इन्होंने संचालन किया व सामाजिक कुरीतियों के विरुद्ध अपनी कलम के माध्यम से आवाज उठाई और इन संस्थाओं के माध्यम से जन चेतना भी पैदा की। राज धरणी सागर के ज्येष्ठ पुत्र चंद्र शेखर धरणी चंडीगढ़, हरियाणा के वरिष्ठ पत्रकारों की श्रेणी में आते हैं। चंद्र शेखर धरणी पंजाब केसरी हरियाणा वेब के न्यूज हैड के रूप में कार्यरत हैं।

हरियाणा के गृह, स्वास्थ्य व निकाय मंत्री अनिल विज ने स्व. राज धरणी सागर को साहित्य का एक अद्भुत कुंज बताते हुए कहा कि समय-समय पर अपनी लेखनी के माध्यम से जहां इन्होंने समाज को मार्ग प्रशस्त किया। वहीं शिक्षाविद् होने के नाते सेवानिवृति के बाद बच्चों को साक्षर बनाने के लिए नि:शुल्क स्कूल चलाना इनका एक ऐतिहासिक व अद्भुत कदम था।

विज का कहना है कि सागर ने सेवा निवृति उपरांत मिले धन को अपने परिवार में ना लगाकर गरीब बच्चों को साक्षर करने में लगाया। विज ने कहा है कि राजकुमार धरणी अधिकांश सेवाकाल ग्रामीण अंचल में बिताया। उन्होंने अध्यापक के आदर्श को चरितार्थ किया। वे सरलता, त्याग, सादगी व समाज सेवा में समर्पित रहे। उन्होंने सामाजिक कुरीतियों के खिलाफ अपनी लेखनी के माध्यम से चेतना लाने के अथक प्रयास किए।

घरौंडा से विधायक हरविन्दर कल्याण ने कहा है कि स्वतंत्रता सेनानी शामलाल धरणी के ज्येष्ठ सुपुत्र राजकुमार धरणी ने पानीपत, मलेर कोटला व अमृतसर में शिक्षा लेेने के बाद 1966 में हरियाणा गठन के बाद हरियाणा के अंदर शिक्षा विभाग में बतौर एसएस मास्टर सरकारी नौकरी में कदम रखा था। वे पंजाब के अमर शहीद डॉ. कालीचरण शर्मा के दोहते थे। राजकुमार धरणी जिनका साहित्यक नाम राज धरणी सागर रहा ने 40 के करीब उपन्यास लिखे जो विभिन्न दैनिक समाचार पत्रों में क्रमवार प्रकाशित होते रहे। सात हजार से अधिक समकालीन कविताएं, अनेकों आलेख लिखे, जो कि विभिन्न समाचार पत्रों मे प्रकाशित होते रहे।


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Shivam

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