फार्मेसी काउंसिल की तर्ज पर स्टेट फिजियोथैरेपी काउंसिल के कार्यों की भी हो जांच: डॉ आर के मुदगिल

punjabkesari.in Thursday, Jul 07, 2022 - 03:09 PM (IST)

चंडीगढ़ (धरणी) : हरियाणा चार्टर्ड एसोसिएशन ऑफ फिजियोथैरेपिस्ट (रजि.) के प्रदेश अध्यक्ष डॉ आर के मुदगिल ने कहा कि जिस तरीके से सरकार ने सतर्कता दिखाते हुए मौजूदा स्टेट फार्मेसी काउंसिल में व्याप्त भ्रष्टाचार की जांच शुरू की है उसी तरीके से सरकार को चाहिए कि नवनिर्मित हरियाणा स्टेट काउंसिल फॉर फिजियोथैरेपी के कार्यो की भी समीक्षा की जाए। क्योंकि जिस तरीके से फार्मेसी काउंसिल में रजिस्ट्रेशन के सैकड़ों मामले लंबे समय से लंबित पड़े हुए हैं उसी तरीके से स्टेट फिजियोथैरेपी काउंसिल में भी रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया को लेकर कोई तय समय सीमा नहीं है ऐसे अनेकों फिजियोथेरेपी चिकित्सक हैं जिन्होंने बहुत लंबे समय से काउंसिल में रजिस्ट्रेशन के लिए आवेदन दिया हुआ है लेकिन अभी तक उनको रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट नहीं दिया गया इसके लिए कोई भी तय समय सीमा होनी चाहिए ताकि पता चल सके की उनका आवेदन स्वीकृत किया या निरस्त किया गया। जिससे कि रजिस्ट्रेशन करवाने वाले फिजियोथैरेपी चिकित्सकों को किसी तरह की कोई भी कठिनाई ना हो।

साथ ही डॉक्टर मुदगिल ने इस बात पर भी जोर दिया कि काफी लंबा समय बीत जाने के बाद भी सरकार द्वारा काउंसिल की संपूर्ण कार्यकारिणी का गठन नियमों के अनुरूप पूरा नहीं किया गया है। जिससे कि निरंतर काउंसिल के कार्यों लेटलतीफी हो रही है और इसका खामियाजा प्रदेश के अनेकों फिजियोथेरेपी चिकित्सकों और छात्र-छात्राओं को भुगतना पड़ रहा है क्योंकि अन्य प्रदेशों से हरियाणा में पढ़ने आने वाले छात्र छात्राओं को पढ़ाई पूरी करने के पश्चात जब अपने प्रदेशों में जाते हैं तो उन्हें भी हरियाणा स्टेट फिजियोथैरेपी काउंसिल से अनापत्ति प्रमाण पत्र लेना होता है जोके काफी सारे छात्र छात्राओं को समय पर नहीं मिल पा रहा है जिससे अन्य प्रदेशों में उनके द्वारा उच्च शिक्षा के लिए दाखिला लेने एवं वहां अपना क्लीनिक स्थापित करने में कठिनाई हो रही है।

इस संबंध में छात्रों द्वारा जब साथ लगते राज्य की दिल्ली स्टेट काउंसिल ऑफ फिजियोथैरेपी एंड ऑक्यूपेशनल थैरेपिस्ट से संपर्क किया गया तो वहां के अधिकारियों का भी कहना है कि हरियाणा स्टेट फिजियोथैरेपी काउंसिल उनके पत्राचार का समय पर जवाब नहीं दे रही है जिससे के उनके कार्यों में देरी हो रही है। अन्य भी इसी तरीके की छोटी बड़ी खामियां काउंसिल के नियमित कार्यों में देखी जा रही हैं इसलिए एसोसिएशन की तरफ से उनका सरकार से आग्रह है कि वह अभी तक के किए गए कार्यों की समीक्षा करें और इसके कार्यों में किसी किस्म की भी अनियमितता पाई जाए तो उसकी जांच करवाई जाए क्योंकि अगर शुरुआती दिनों में ही फिजियोथैरेपी काउंसिल की कार्यशैली इस तरह की है तो इस बात की प्रबल संभावनाएं हैं कि भविष्य में स्टेट फार्मेसी काउंसिल की तरह फिजियोथैरेपी काउंसिल में भी कोई बड़ा घोटाला उजागर हो सकता है जो कि प्रदेश के फिजियोथैरेपी चिकित्सकों एवं छात्रों के हितों पर कुठाराघात होगा। एसोसिएशन के साथियों ने मिलकर यह निर्णय लिया है कि जल्द ही इस मामले में प्रदेश के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर एवं स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज से मिलकर फिजियोथैरेपी काउंसिल के कार्यों की समीक्षा एवं जांच के लिए मांग पत्र सौंपा जाएगा।

 


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Content Writer

Manisha rana

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