बेनतीजा बैठक के बाद एक और तारीख देना हठधर्मिता : भूपेंद्र सिंह हुड्डा

punjabkesari.in Saturday, Jan 09, 2021 - 09:14 AM (IST)

गोहाना : सरकार को हठधर्मिता छोड़कर किसानों की मांगों को लटकाने की बजाय जल्दी मानना चाहिए और फौरन तीनों कृषि कानून रद्द कर उन्हें एम.एस.पी. की गांरटी देनी चाहिए। शुक्रवार की शाम को यह मांग पूर्व मुख्यमंत्री और नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने की। हुड्डा ने कहा कि एक और बेनतीजा वार्ता के बाद एक और तारीख देना सरकार की हठधर्मिता को दर्शाता है। अन्नदाता की बात मानना सरकार की जिम्मेदारी है। हमने भी सरकार में रहते हुए किसान हित को हमेशा प्राथमिकता दी। हमारी सरकार के समय किसानों को उनकी फसलों जैसे कपास, धान, गेहूं, गन्ना, पॉपुलर आदि के उचित दाम मिले इसलिए हमारी सरकार के दौरान प्रदेश में कोई किसान आंदोलन नहीं हुआ।

हुड्डा ने ऐलान किया कि मौजूदा सरकार अगर किसानों की मांग नहीं मानती है तो कांग्रेस सरकार बनने पर तीनों कृषि कानूनों को रद्द किया जाएगा। पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने बरोदा हलके गंगाणा गांव में कुलबीर देसवाल और मदीना गांव में पहलवान मेहर सिंह के घर पहुंचकर श्रद्धांजलि दी और परिजनों से मुलाकात कर शोक प्रकट किया। नेता प्रतिपक्ष ने पत्रकारों से बातचीत करते हुए कहा कि नए कृषि कानून किसानों की बजाय कार्पोरेट घरानों को लाभ पहुंचाने के लिए बनाए गए हैं। इन कानूनों से किसानों को नुक्सान होगा, इसीलिए किसान इसका विरोध कर रहे हैं। फसल बेशक किसान अकेला बोता है लेकिन उसे खाता पूरा देश है। मौजूदा सरकार किसान और नौजवान दोनों की अनदेखी कर रही है। आज किसान खुले आसमान के नीचे सर्दी के थपेड़े झेल रहा है और नौजवान बेरोजगारी की मार झेल रहा है।

हुड्डा ने सी.एम.आई.ई. द्वारा जारी की गई दिसम्बर महीने की ताजा रिपोर्ट का जिक्र करते हुए कहा कि हरियाणा एक बार फिर बेरोजगारी में टॉप पर रहा है। अबकी बार बेरोजगारी दर 32.5 प्रतिशत आंकी गई है। इसका मतलब हुआ कि हरियाणा में हर तीसरा आदमी बेरोजगार है। हरियाणा की बेरोजगारी दर राष्ट्रीय औसत से भी 4 गुना ज्यादा है। हुड्डा ने कहा कि ऐसा इसलिए हो रहा है क्योंकि सरकार रोजगार देने की बजाय छीनने में लगी है। 
 


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Manisha rana

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