छात्रा ने कॉलेज के प्राचार्य व प्रोफेसर पर लगाए जातिसूचक गालियां देने के आरोप, एसपी ने शुरू करवाई जांच

punjabkesari.in Friday, Dec 24, 2021 - 12:01 AM (IST)

फतेहाबाद (रमेश भट्ट): फतेहाबाद के रतिया के महिला कॉलेज की बीए द्वितीय वर्ष की छात्रा खुशविन्द्र कौर उर्फ खुश्बू गिल निवासी रतिया ने फतेहाबाद डीसी, एसपी व अनुसूचित जाति आयोग को शिकायत देकर रतिया महिला कॉलेज के प्रधानाचार्य व प्रोफेसर के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है। फतेहाबाद के एसपी ने इस मामले की जांच डीएसपी को सौंप दी है। वहीं कॉलेज के प्रिंसीपल ने इन आरोपों को निराधार बताया है। कॉलेज की कुछ छात्राओं का कहना है कि शिकायतकर्ता छात्रा कॉलेज का प्रधान बनने की कोशिश कर रही थी और उसे नहीं बनाया गया तो घमंड के चलते उसने प्राचार्य व प्रोफेसर पर गलत आरोप लगा दिए।

खुशविन्द्र कौर ने अपनी शिकायत में बताया कि 20 दिसंबर को लगभग एक-दो बजे के बीच में कॉलेज में एनएसएस कैंप के अंतर्गत सफाई अभियान चलाया गया, जिसमें कॉलेज से लेकर तहसील तक रोड के दोनों तरफ से कूड़ा-कर्कट उठाया जा रहा था। खूश्बू ने बताया कि इस दौरान छात्राओं को बिना ग्लव्ज व मास्क के कूड़ा उठावाने के लिए कहा गया। जब वह इस मामले में मिलने के लिए प्रधानाचार्य के पास पहुंची और बताया कि बाहर पड़े कूड़ा-कर्कट में विभिन्न प्रकार के रोगियों से ग्रस्त कचरा और न जाने कैसा-कैसा कूड़ा-करकट होगा, जिससे कॉलेज की लड़कियों को इंफेक्शन होने का डर है, क्योंकि लड़कियों की स्किन वैसे भी नाजुक होती है, ऐसे में एहतियात बरतने की जरूरत है।

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खुश्बू की शिकायत के अनुसार, उसकी इतनी बात सुनते ही कॉलेज के प्रधानाचार्य व प्रोफेसर महेंद्र पाल सिंह आग बबूला हो गए और उसे जातिसूचक गालियां दी। इतना ही नहीं प्रधानाचार्य ने प्रोफेसर को चीखते हुए कहा कि खुश्बू की 5-7 गैर हाजिरी लगाकर कॉलेज से नाम काट दो। आरोप है कि प्रोफेसर ने उसको अगले दिन लेक्चर भी नहीं लेने दिया और क्लास से बाहर जाने को कह दिया, जबकि वह समय पर क्लास में पहुंची थी। अब उसका पीछा भी किया जाता है और कई बार कॉलेज के गेट पर रोक लिया जाता है। खुश्बू के पिता टीटू गिल ने बताया कि वह इस मामले में जब कॉलेज प्राचार्य से मिले तो उनके साथ भी दुर्व्यवहार किया गया।

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इस बारे में कॉलेज के प्राचार्य ने बताया कि उपरोक्त छात्रा एनएसएस में शामिल नहीं है और वह फिर भी एनएसएस के तहत सेवा कर रही छात्राओं के पास पहुंच गई। वह उनके पास आई थी और छात्राओं को ग्लव्ज व मास्क की बात कही थी, जिसके लिए मैंने छात्रा को कहा था कि इस मामले में बजट बनाकर ऊपर भेज दिया जाएगा और आगे से छात्राओं को ग्लव्ज व मास्क मुहैया करवा दिए जाएंगे। इसके बाद छात्रा कॉलेज के प्रोफेसरों से भी मिली। उसे समझा दिया गया था और उससे किसी प्रकार का दुर्व्यवहार नहीं किया गया।

वहीं इस मामले में कॉलेज की छात्राओं ने भी बताया कि कॉलेज प्रिंसीपल व प्राध्यापकों का व्यवहार छात्राओं के लिए बेहद अच्छा है। उक्त छात्रा खुश्बू कॉलेज की प्रधान बनना चाहती थी और नहीं बनाई गई तो उसने यह झूठे आरोप कॉलेज प्रिंसीपल व प्राध्यापकों पर लगा दिए।

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Content Writer

Shivam

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