कोरोना व किसान आंदोलन से इस बार ''फीके'' पड़ गए होली के रंग!

punjabkesari.in Sunday, Mar 28, 2021 - 08:42 AM (IST)

संजय अरोड़ा: बॉलीवुड की एक फिल्म शोले के गीत 'होली के दिन दिल खिल जाते हैं रंगों में रंग मिल जाते हैं, गिले शिकवे भूल के दोस्तों दुश्मन भी गले मिल जाते हैं’ की यह पंक्तियां जहां होली के त्यौहार को मत भेद भुलाकर भाई चारे के रंग में रंगने वाला त्यौहार बता रही हैं तो वहीं इस बार का रंगों भरा यह पर्व कोरोना संक्रमण व किसान आंदोलन के कारण बे-रंग होने के साथ साथ आपसी दूरियों को भी बढ़ाता नजर आ रहा है। कारण साफ है कि कोरोना के फिर से प्रदेश में बढ़ते ग्राफ को देखते हुए जहां सरकार ने रंगों व खुशियों के इस त्यौहार होली को सार्वजनिक तौर पर सार्वजनिक स्थलों पर मनाने पर प्रतिबंध लगा दिया है तो वहीं पिछले चार माह से चल रहे किसान आंदोलन के मद्देनजर हरियाणा के तमाम विपक्षी दलों ने किसानों का साथ देते हुए यह त्यौहार न मनाने का निर्णय लिया है, क्योंकि किसान जहां चार महीनों से दिल्ली से सटी हरियाणा की सीमाओं पर बैठे हैं तो वहीं सैंकड़ों किसानों की इस आंदोलन में जान भी जा चुकी है। यही वजह है कि परिस्थितियों को देखते हुए अबकी बार इस त्यौहार के प्रति आम लोगों में भी उत्साह नजर नहीं आ रहा है। 

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हालांकि पिछले वर्ष कोरोना संक्रमण का दौर शुरू हो गया था मगर उसका असर हरियाणा में इसलिए पिछली होली पर नजर नहीं आया चूंकि पिछले वर्ष होली 10 मार्च की थी और प्रदेश में संक्रमण का पहला मामला 17 मार्च को सामने आया था और उसके बाद कोरोना लगातार बढ़ता चला गया। कोरोना संक्रमितों का ग्राफ अब भी लगातार बढ़ता जा रहा है और कमोबेश किसानों का आंदोलन भी निरंतर जारी है। ऐसे में हर होली पर सुनाई देने वाली इन फिल्मी गानों 'होलिया में उड़े रे गुलाल व रंग बरसे भीगे चुनर वाली’ की गूंज भी मंद रह सकती है। गौरतलब है कि इस माह की शुरूआत से ही प्रदेश में एक बार फिर कोरोना का ग्राफ लगातार ऊपर जा रहा है। इसके साथ ही पिछले करीब चार महीनों से किसान आंदोलन भी चल रहा है। मार्च माह में कोरोना के 6 हजार से अधिक नए केस आ गए हैं। मार्च माह में ही चार दर्जन लोगों की मौत कोरोना के कारण हो गई है। ऐसे में कोरोना को लेकर सरकार एक बार फिर सख्त हो गई है। 

होली चूंकि एक सामुदायिकता का पर्व है। होलिका दहन पर लोग समूह में पूजा करते हैं और फाग के दिन भीड़ में होली का पर्व मनाते हैं। ऐसे में होली पर्व पर कोरोना संक्रमण के फैलाव के बढऩे की आशंका को देखते हुए सरकार की ओर से सार्वजनिक स्थानों पर होली मनाने पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। ऐसे में अब यह पर्व जहां फीका रहने वाला है, वहीं इस बार राजनेताओं की अनूठी होली के दीदार भी नहीं होंगे। खास बात यह है कि होली मनाने पर प्रतिबंध अभी कुछ रोज पहले लगा है, जबकि पखवाड़ा भर पहले से ही होली को लेकर लोगों के साथ राजनेताओं ने भी तैयारी शुरू कर दी थी। अब यह सारे कार्यक्रम रद्द कर दिए गए हैं। स्वयं मुख्यमंत्री ने होली पर्व पर करनाल में कवि सम्मेलन कार्यक्रम में शिरकत करनी थी। अब यह कार्यक्रम भी रद्द कर दिया गया है। 

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इसके साथ ही भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने भी कोरोना और किसान आंदोलन के चलते होली पर्व न मनाने की बात कही है। विपक्ष के अन्य नेता भी इस बार किसान आंदोलन और कोरोना के चलते होली नहीं मनाएंगे। ऐसे में हरियाणा में हुड़दंग, उत्साह और उल्लास का यह पर्व फीका रहने की संभावना है। विशेष बात ये है कि हरियाणा में होली के पर्व को उत्साह के लिहाज से कहीं अनूठा माना जाता है। प्रदेश के कई जिलों में तो इस पर्व की मस्ती एक पखवाड़ा पहले से ही नजर आने लग जाती थी जो इस बार कोरोना व आंदोलन के कारण लगभग गायब है।

रंग-पिचकारी के धंधे पर पड़ा असर
चूंकि होली पर्व को लेकर हरियाणा में दुकानदार करीब पंद्रह दिन पहले ही तैयारी शुरू कर देते हैं। पिचकारी, गुलाल, रंग, बैलुन से लेकर होली के तमाम तरह के सामान का स्टॉक पहले से ही किया जाता है। इस बार भी दुकानदारों की ओर से सामान का स्टॉक किया गया। लेकिन अब कोरोना के बढ़ते संक्रमण के बीच कुछ दिन पहले सरकार की ओर से सार्वजनिक स्थानों पर होली सैलिब्रेट करने पर प्रतिबंध लगाए जाने के बाद ऐसे व्यापारियों और दुकानदारों को बड़ा झटका लगा है। पहले से ही बाजार पिछले करीब एक साल से मंदी का शिकार है। ऐसे में अब चूंकि सार्वजनिक स्थानों पर होली मनाने पर बैन है। ऐसे में रंगों और होली के सामान की बिकवाली न के बराबर रहने की संभावना है। ऐसे में दुकानदार, व्यापारी एवं होली के सामान से जुड़े कारखानेदार आर्थिक संकट झेलने को मजबूर हो गए हैं।
अनूठी रही है राजनेताओं की होली

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हरियाणा में आमजन के साथ ही राजनेता भी होली का पर्व चाव से मनाते आए हैं। इनमें चौ. देवीलाल द्वारा रंगों का यह त्यौहार मनाने का अलग ही अंदाज रहा है। चाहे वह मुख्यमंत्री रहे या सत्ता के बाहर रहे हों, वे हर साल होली पर सिरसा स्थित अपने तेजाखेड़ा फार्महाऊस पर पहुंचते थे। वे अपने कार्यकत्र्ताओं के अलावा फार्महाऊस पर मीडिया के लोगों को खासतौर पर बुलाकर उनके साथ होली खेलने के अलावा सियासी किस्से व चर्चाएं सांझा किया करते थे। गुलाल से होली खेलने के अलावा वे कार्यकर्ताओं और मीडिया के लोगों के साथ भोजन करते थे। चौ. देवीलाल की तरह उनके बेटे ओमप्रकाश चौटाला भी तेजाखेड़ा फार्महाऊस पर होली का पर्व मनाते थे जबकि देवीलाल के छोटे बेटे एवं वर्तमान में बिजली मंत्री रणजीत सिंह भी होली के दिन सिरसा स्थित अपने निवास स्थान पर कार्यकर्ताओं के साथ होली पर्व मनाते रहे हैं। 

इसी तरह से वर्तमान मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर होली पर्व पर हर साल अपने सियासी क्षेत्र करनाल या चंडीगढ़ में पार्टी कार्यकर्ताओं व समर्थकों के साथ रगों का यह त्यौहार मनाते आए हैं। नेता प्रतिपक्ष व पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा भी अपने गृह जिले में कार्यकर्ताओं संग मुलाकात कर होली का पर्व मनाते रहे हैं। कांग्रेस के राष्ट्रीय मीडिया प्रभारी रणदीप सिंह सुर्जेवाला अपने गृह क्षेत्र के अलावा दिल्ली में कांग्रेस मुख्यालय में होली मनाते रहे हैं। साल 2019 में उन्होंने अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के कार्यालय में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी, राहुल गांधी के साथ होली का पर्व मनाया। अपने पिता और दादा की तरह अभय सिंह चौटाला भी होली-दीवाली जैसे पर्व पर तेजाखेड़ा फार्म हाऊस पर आते हैं और कार्यकत्र्ताओं के साथ होली का पर्व मनाते हैं, मगर इस बार होली पर राजनेताओं में भी रंगों की यह मस्ती नजर नहीं आएगी।

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जिलों में जारी किए सख्ती के आदेश
कोरोना वायरस के बढ़ते संक्रमण को देखते हुए सरकार की ओर से अधिसूचना जारी की गई है। अधिसूचना जारी करते हुए सार्वजनिक स्थानों पर उत्सव मनाने और पूजा आदि के लिए भीड़ एकत्रित करने पर पाबंदी लगा दी गई है। ऐसे में लोग सार्वजनिक स्थानों  पर होली का त्योहार नहीं मना सकेंगे। अगर कोई नियमों का उल्लंघन करता है तो उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई के निर्देश भी जारी किए गए हैं। स्वास्थ्य विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव राजीव अरोड़ा ने सभी जिलों के उपायुक्तों और पुलिस अधीक्षकों को निर्देश जारी करते हुए कोविड-19 नियमावली की अनुपालना करने को कहा है। हरियाणा में 17 मार्च को कोरोना का पहला केस सामने आया था। अब तक कोरोना संक्रमण के 2 लाख 83 हजार से अधिक मामले सामने आ चुके हैं।
 

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Content Writer

vinod kumar

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