अब कोरोना से मरने वालों का अंतिम संस्कार एलपीजी गैस से संचालित शवदाह मशीन में होगा

punjabkesari.in Thursday, Apr 15, 2021 - 09:33 PM (IST)

अंबाला (अमन कपूर): कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर के चलते अंबाला शहर में मौतों का ग्राफ फिर से बढ़ने लगा है। 31 जनवरी से 13 अप्रैल तक अंबाला शहर के रामबाग रोड गोबिंदपुरी श्मशान घाट में कोरोना से मरने वालों के 19 से ज्यादा शवों का संस्कार किया जा चुका है। कोरोना के चलते हरियाणा सरकार ने हर शहर में एलपीजी शवदाह सिस्टम लगाने का कार्य शुरू किया गया है। नगर निगम ने 4 महीने पहले 29 नवंबर को गोबिंदपुरी श्मशान घाट में लगभग 66 लाख की लागत से एलपीजी शवदाह सिस्टम लगवाया था। लेकिन लोगों की धार्मिक आस्था व पुरानी परंपरा के कारण आज तक इस शवदाह सिस्टम में एक भी दाह संस्कार नहीं हो पाया है। 

अब प्रशासन ने गोबिंदपुरी श्मशान घाट की देखरेख करने वाली खत्री सभा को आदेश दिया है कि कोरोना से मरने वाले लोगों के संस्कार एलपीजी शवदाह सिस्टम के जरिए ही किया जाए। इस मशीन का फायदा है कि कोविड के कीटाणु 700 से 800 डिग्री पर मरते हैं। वहीं लकड़ी के जरिए संस्कार करने में 300 से 350 डिग्री हीट ही निकलती है। खत्री सभा के पदाधिकारियों ने बताया कि सरकार की तरफ से आदेश आए हैं कि कोरोना से मरने वाले व्यक्ति का संस्कार एलपीजी शवदाह सिस्टम में ही किया जाएगा। 

उन्होंने बताया कि इसके लिए तैयारी शुरू कर दी है। इस सिस्टम को चलाने के लिए उपयोग होने वाली चीजों का इंतजाम किया जा रहा है। जल्द ही कोरोना से मरने वाले लोगों का अंतिम संस्कार इस सिस्टम से शुरू कर दिया जाएगा। एलपीजी सिस्टम में संस्कार करने से पैसे और समय दोनों की बचत होती है। इसके इलावा अस्थियां भी साफ प्राप्त होती है। सबसे बड़ा फायदा वातावरण को होता है, क्योंकि इससे प्रदूषण बिल्कुल भी नहीं होता।
 

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Content Writer

vinod kumar

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