भ्रष्टाचार से बेहाल है प्रदेश की जनता : विधायक नीरज शर्मा

punjabkesari.in Thursday, Aug 20, 2020 - 10:34 AM (IST)

फरीदाबाद (सूरजमल) : बीजेपी सरकार में प्रदेश की अफसरशाही निरंकुश हो चुकी है। डबुआ सब्जी मंडी में आवंटन के दौरान हुए भ्रष्टाचार की जांच के लिए खुद सरकार द्वारा नियुक्त की गई कमेटी की सिफारिशें मानने की नैतिकता सरकार के पास नहीं है। यह कहना था एनआईटी फरीदाबाद से विधायक नीरज शर्मा का। श्री शर्मा आज यहां एमएलए हॉस्टल में आयोजित एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान पत्रकारों को संबोधित कर रहे थे। श्री शर्मा ने कहा कि जो लोग वास्तव में सब्जी की दुकानें लगाते थे उन्हें फड़ आवंटित करने की बजाय दलालों और बिचौलियों को फड़ आवंटित हुए जिसका खामियाजा आज भी प्रदेश की सबसे बड़ी मंडी भुगत रही है। असली सब्जी विक्रेता सड़क पर हैं और फर्जी मशाखोरों को आवंटित किए गए शेड खाली पड़े हैं।

श्री शर्मा ने कहा कि इन अनियमितताओं के आरोप में मार्केट कमेटी के सचिव राहुल यादव को निलंबित किया गया। लेकिन फर्जी तरीके से आवंटित किए गए फड़ों को अभी तक रद्द नहीं किया गया है। श्री शर्मा ने आरोप लगाया कि सब्जी विक्रेताओं के पंजीकरण से लेकर आवंटन तक हर स्तर पर अनियमितताएं बरती गई। ‘के’ बुक के पन्ने फाड़े गए । रजिस्ट्रेशन फीस थड़ आवंटन के बाद जमा हुई। 5000 रुपए की रजिस्ट्रेशन फीस निर्धारित की गई थी। जबकि वसूली 6000 रुपए हुई। श्री शर्मा ने प्रदेश के मुख्यमंत्री मनोहर लाल और मु य सचिव के केशनी आनंद अरोड़ा को इस मामले में लिखे गए पत्रों का हवाला देते हुए बताया 19 बिंदुओं में क्रमबद्ध तरीके से इन अनियमितताओं की जानकारी दी गई है।

लेकिन अभी तक फड़ो का आवंटन रद्द नहीं किया गया है। भ्रष्ट अधिकारियों के कारण भ्रष्टाचार के दोषियों के खिलाफ इस सरकार में कोई कार्यवाही नहीं हो रही है। श्री शर्मा ने भ्रष्टाचार का एक और उदाहरण पेश करते हुए कहा कि वर्लपूल चौक से सारण चौक तक की सड़क जो एनआईटी विधानसभा क्षेत्र में प्रवेश का मु य रास्ता है राजनीति की भेंट चढ़ गई है ब्रिज गोपाल कंस्ट्रक्शन कंपनी को दिए गए ठेके का मामला अदालत में लंबित है सरकार के अफसर पिछले लगभग ढाई साल से इस पूरे मामले को लटकाए हुए हैं। इस कंस्ट्रक्शन कंपनी को लगातार हरियाणा में ठेके दिए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि लगभग 200 करोड रुपए के टेंडर फिलहाल इस कंपनी के पास हैं पहले भी इस कंपनी के टेंडरों में 41 करोड़ का अंतर पाया गया जांच की जाए तो 200 करोड रुपए के टेंडरों में भी भारी गोलमाल मिलेगा। श्री शर्मा ने आरोप लगाया क्या एनआईटी 86 के जनता को जानबूझकर नारकीय जीवन जीने के लिए विवश किया जा रहा है।

 


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Manisha rana

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