खेदड़ में मांगों को लेकर बनी सहमति, जानिए कब होगा मृतक किसान का संस्कार

punjabkesari.in Wednesday, Jul 13, 2022 - 07:03 PM (IST)

हिसार: जिले के खेदड़ में पावर प्लांट को लेकर हुए विवाद में किसानों व प्रशासन के बीच सहमति बन गई है, लेकिन अभी भी किसान धर्मपाल का अंतिम संस्कार नहीं होगा। प्रशासन ने किसानों की सभी मांगों को मान लिया है। मृतक किसान के परिवार को मुआवजा देने समेत कई मांगे कमेटी की ओर से प्रशासन के सामने रखी गई थी, जिन्हें मान लिया गया है। हालांकि किसान नेताओं ने इन मांगों को लेकर सार्वजनिक तौर पर कुछ भी बोलने से इंकार कर दिया है। इसी के साथ पावर प्लांट की राख को उठाने के लिए गौशाला को अनुदान राशि आगे भी मिलती रहेगी। इसी के साथ किसानों के खिलाफ संगीन धाराओं में दर्ज मुकदमों को लेकर भी प्रशासन के साथ किसानों की सहमति बन गई है।

किसानों पर दर्ज मुकदमों को लेकर वार्ता में बनी सहमति

पावर प्लांट के गेस्ट हाउस में 2 घंटे से अधिक समय तक चली बैठक में किसानों की ओर से 5 सदस्यीय कमेटी और प्रशासन की तरफ से डीसी, एसपी और कई अधिकारी मौजूद थे। बीती 8 जुलाई को खेदड़ में हुई हिंसा के बाद कई किसानों पर हत्या करने और हत्या के प्रयास करने जैसी धाराओं में केस दर्ज है। किसानों पर दर्ज किए गए धारा 304 के मुकदमों में धाराएं बदलने और गिरफ्तार किए गए 4 युवकों को वीरवार शाम तक जमानत पर जेल से बाहर निकालने को लेकर प्रशासन से सहमति जताई है। युवकों को जमानत मिलने के बाद ही मृतक किसान धर्मपाल का अंतिम संस्कार होगा। इसी के साथ 15 दिन के अंदर इन मुकदमों को रफा दफा करने की बात कही गई है।

राख के उठान से शुरू हुआ विवाद बातचीत से हुआ खत्म

खेदड़ पावर प्लांट की राख को उठाने को लेकर शुरू हुए इस विवाद में तीसरे दौर की वार्ता में राख के उठान को लेकर भी किसान नेताओं की बात प्रशासन ने मान ली है। इस फैसले के अनुसार गौशाला को राख के उठान के लिए, 37 रुपए प्रति टन के हिसाब से राशि दी जाएगी, जिसमें मशीनें भी गौशाला की ही होगी। वहीं 23 रुपये प्रति टन के हिसाब से राशि और मशीनों को मार्किट रेट के हिसाब से प्लांट वाले गौशाला से ठेके पर लेंगे।

किसानों ने महापंचायत कर हाईवे जाम करने का लिया था फैसला

इस मामले में बुधवार यानी आज एक महापंचायत का आयोजन किया गया था। किसान धर्मपाल की मौत होने और किसानों के खिलाफ मुकदमे दर्ज करने को लेकर किसान नेताओं ने बड़ा फैसला लेते हुए, मृतक किसान धर्मपाल का अंतिम संस्कार अभी नहीं करने का ऐलान किया था। किसान नेताओं ने प्रशासन को 2 घंटे का अल्टीमेटम भी दिया था। 2 घंटे का समय पूरा होने के बाद किसान नेता, मृतक धर्मपाल के शव को ट्रैक्टर पर लेकर हाईवे जाम करने के लिए निकल पड़े थे। किसानों ने शव को सड़क पर रखकर बरवाला-अग्रोहा-हिसार हाईवे को जाम कर दिया है। इसी के साथ किसान पावर प्लांट के गेट पर धरना लगाकर बैठ चुके हैं। 


बैरिकेड्स तोडते वक्त ट्रैक्टर के नीचे आने से हुई किसान की मौत

गौर रहे कि प्रदर्शन कर रहे किसानों ने रेलवे ट्रैक पर बैठकर उसे जाम करने की कोशिश की थी। पुलिस ने किसानों को रोकने के लिए बैरिकेड्स लगाए थे। यही नहीं किसानों को रोकने के लिए पुलिस द्वारा वाटर कैनन का भी इस्तेमाल किया गया और आंसू गैस के गोले भी दागे। इसके बाद किसान ट्रैक्टर पर सवार होकर बैरिकेड्स तोडने लग गए। इस दौरान खेदड निवासी किसान धर्मपाल ट्रैक्टर की चपेट में आ गए और उनकी मौत हो गई। इसी के साथ तीन पुलिसकर्मी भी इस घटना में घायल हो गए थे। एसकेएस नेता श्रद्धानंद ने बताया कि मृतक धर्मपाल के परिवार के पास एक एकड़ जमीन है। मृतक का एक बेटा और एक बेटी है। बेटा ज्यादा पढ़ा लिखा नहीं है और वह अपने पिता के साथ खेती ही करता था। बड़ी बेटी ब्याही हुई है। आज 12 बजे पूरे प्रदेश में टोल समिति के किसान नेता और अन्य जगहों पर चल रहे किसान नेता खेदड़ पहुंचेंगे। समिति जो भी फैसला लेगी, उसी के अनुसार आगे की रणनीति बनाई जाएगी।

ये था पूरा विवाद

खेदड़ पावर प्लांट में पिछले 85 दिनों से ग्रामीण और किसान धरना दे रहे थे। ग्रामीणों की मांग है कि प्लांट की राख पहले की तरह मुफ्त दी जाए, जबकि प्लांट के अधिकारी इसमें असमर्थता जता रहे थे। क्योंकि बिजली मंत्रालय ने राख को टेंडर के जरिए बेचने का प्रस्ताव पास दिया है। यह राख ईंट बनाने में प्रयोग होती है। प्लांट में करीब 67 करोड़ की राख है। ग्रामीणों का तर्क था कि जब पहले राख को कोई लेता नहीं था तो ग्रामीण इसका प्रयोग करते थे। इससे खेदड़ गौशाला को होने वाली आय बंद हो जाएगी और करीब 1 हजार गायों का पालन पोषण कर रही गौशाला बंद हो जाएगी। इसलिए ग्रामीण पहले की तरह राख फ्री में देने की मांग कर रहे थे।

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Content Writer

Vivek Rai

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