शहीद स्मारक के काम को तीव्रता देने के लिए विज की अध्यक्षता में होगी मीटिंग

punjabkesari.in Thursday, Jan 27, 2022 - 08:02 PM (IST)

चंडीगढ़( चन्द्र शेखर धरणी): देश की आजादी की लड़ाई  अंबाला कैंट  से 1857 में शुरू हुई । अनिल विज के कड़े प्रयासों के माध्यम से अंबाला कैंट के अंदर आजादी की पहली लड़ाई का शहीद स्मारक के काम को तीव्रता देने के लिए शुक्रवार 28 जनवरी को दुपहर 3 बजे हरियाणा सचिवालय में अनिल विज की अध्यक्षता में  विभिन्न विभागों की मीटिंग होगी।जिसमें अभी तक हुए कार्यों की समीक्षा की जाएगी व भावी कार्यों पर रणनीति तैयार की जाएगी।

अंबाला कैंट के अंदर बनने वाला शहीद स्मारक कैसे बना इस मामले में अनिल विज ने बताया कि पर्यटन की दृष्टि से राष्ट्रीय स्तर का स्मारक अपनी अलग छाप छोड़ेगा, देश के मानचित्र पर यह आयेगा। अम्बाला का गौरव बढ़ेगा, यहां से गुजरने वाले लोग इस स्मारक को देखे बिना नहीं जायेगे। अनसंग वीरों की अनेक गाथाएं यहां पर प्रदर्शित होंगी। यहां पर अनेकों ऐसे दृश्य होंगे जिसे देखकर लोग अचम्भित होंगे। उन्होंने बताया कि प्रथम स्वतन्त्रता संग्राम 1857 की क्रांन्ति के अनसंग असंख्य योद्धाओं व सेनानियों को राष्ट्रीय और अन्तराष्ट्रीय स्तर पर नई पहचान भी मिलेगी। इस स्मारक में 1857 केे काल की आर्थिक, राजनीतिक, प्रषासनिक, धार्मिक व सामाजिक परिस्थितियों का भी व्यापक वर्णन आधुनिक तकनीक के प्रयोग के माध्यम से किया जाएगा। इसी प्रकार, स्मारक में स्थापित किए जाने वाले संग्रहालय में इतिहास से जुडी पुख्ता वस्तुओं को प्रदर्षन होगा क्योंकि संग्रहालय में रखी जाने वाले वस्तुओं से लोगों को सही ज्ञान प्राप्त करने का एक माध्यम भी प्राप्त होता हैं। 

अनिल विज ने सबसे पहले अंबाला कैंट के अंदर 18 57 की क्रांति के अनगिनत योगदान देने वाले योद्धाओं के स्मारक बनाने पर काम शुरू करवाया। लगभग 7 साल से चल रहे इस कार्य को तीव्र गति से करवाया जा रहा है।विज ने बताया कि  यह स्मारक अपनी तरह का आधुनिक तकनीक से लैस स्मारक होगा जिसमें आज की आधुनिक डिजीटल तकनीक का इस्तेमाल इतिहास को दिखाने के लिए किया जाएगा। बैठक में बताया गया कि इस स्मारक में तीन भागों में 1857 की कं्राति का पर्दापरण होगा जिसमें पहले चरण के तहत अम्बाला में 1857 की क्रांति कब शुरू हुई थी, कहां से शुरू हुई थी, उसका इतिहास दिखाया जायेगा। दूसरे चरण में हरियाणा में 1857 की क्रांति कहां-कहां लड़ी गई, उसका वर्णन किया जायेगा और तीसरे चरण में हिन्दुस्तान में कहां-कहां आजादी की लड़ाई लड़ी गई, झांसी की रानी, बहादुरशाह जफर के साथ-साथ अन्य क्रांतिकारियों ने अपनी क्या-क्या भूमिका निभाई, उसका भी वर्णन किया जायेगा।

हरियाणा के गृह, शहरी स्थानीय निकाय एवं स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज ने कहा कि प्रथम स्वतन्त्रता संग्राम 1857 की क्रांन्ति के अनसंग असंख्य योद्धाओं व सेनानियों की याद में अंबाला में बनाया जा रहा  ‘आजादी की पहली लड़ाई का शहीद स्मारक’ का 90 प्रतिशत काम पूरा हो चुका है।इसकी बदौलत अम्बाला जल्दी ही एक बड़े पर्यटन केंद्र के रूप में विकसित होगा।

विज के अनुसार स्मारक में अब आर्ट वर्क के तहत कार्य किया जायेगा और तीन चरणों में यह कार्य किया जायेगा। पहले चरण के तहत अम्बाला में 1857 की क्रांति कब शुरू हुई थी, कहां से शुरू हुई थी, उसका इतिहास दिखाया जायेगा। दूसरे चरण में हरियाणा में 1857 की क्रांति कहां-कहां लड़ी गई, उसका वर्णन किया जायेगा और तीसरे चरण में हिन्दुस्तान में कहां-कहां आजादी की लड़ाई लड़ी गई, झांसी की रानी, बहादुरशाह जफर के साथ-साथ अन्य क्रांतिकारियों ने अपनी क्या-क्या भूमिका निभाई, उसका भी वर्णन किया जायेगा।उल्लेखीनय है कि यह शहीद स्मारक सूचना, जनसंपर्क एवं भाषा विभाग द्वारा स्थापित किया जा रहा हैं जोकि लगभग 350 करोड़ रूपए की लागत से बनाया जा रहा है। यह शहीद स्मारक 22 एकड़ भूमि में स्थापित होगा और संभवतः यह अगले वर्ष तक तैयार हो जाएगा।

विज ने कहा कि संभवतः देश का सबसे बड़ा व आधुनिक तकनीक से लैस शहीद स्मारक होगा। उन्होंने कहा कि शहीद स्मारक को स्थापित करने के संबंध में विभिन्न विभागों, संस्थाओं तथा विष्वविद्यालय से संबंधित अधिकारियों की राज्य स्तर की एक कमेटी का गठन किया जाएगा ताकि शहीद स्मारक को तैयार करने की प्रक्रिया को सुव्यवस्थित करते हुए स्मारक को जल्द से जल्द स्थापित किया जा सकें।  विज ने कहा कि इस शहीद स्मारक को तैयार करने के लिए इतिहास की पुख्ता वस्तुओं व कहानियों को दिखाने हेतू 1857 से संबंधित इतिहासकारों की एक कमेटी का गठन किया जाएगा जिसमें वे अपने-अपने अध्ययन के अनुसार जो सुझाव देंगें, उन्हें स्मारक में विभिन्न कलाकृतियों, आर्ट, लाईट एंड साऊंड इत्यादि के माध्यम से आंगुतकों के ज्ञान के लिए दर्षाया जाएगा और इसी संबंध में जल्द ही अधिसूचना भी जारी की जाएगी।

विज ने बताया कि लख्मीचंद स्टेट यूनिवर्सिटी आफ परफोरर्मिंग एंड विज्युल आर्टस के अधिकारियों की एक टीम का गठन किया जाएगा ताकि वे स्मारक स्थल का निरीक्षण कर विभिन्न सुझाव राज्य स्तर पर बनाई जाने वाली कमेटी को दे सकें। यह टीम स्मारक में लगाई जाने वाली विभिन्न प्रदर्शित वस्तुओं के रख-रखाव व मूल्यांकन के लिए अपने सुझाव भी देगी। ऐसे ही, स्मारक को शीघ्र स्थापित करने के लिए क्यूरेटर भी नियुक्त किए जाएंगें।


  


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Content Writer

Isha

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