वैश्य समाज ने दिखाई ताकत, राजनीति में मांगी समान भागीदारी

punjabkesari.in Monday, Jun 06, 2022 - 06:30 PM (IST)

चंडीगढ़(धरणी) : वैश्य समाज ने भी अब राजनीति में बराबर की भागीदारी मांगनी शुरू कर दी है। हरियाणा के अलावा साथ लगते राज्यों के वैश्य प्रतिनिधियों ने नई दिल्ली में भीड़ जुटाकर अपनी ताकत दिखाने की कोशिश की है। रविवार को नई दिल्ली के ताल कटोरा स्टेडियम में हुई सम्मेलन में हरियाणा की सबसे अधिक भागीदारी रही। अखिल भारतीय वैश्य महासम्मेलन के बैनर तले यह आयोजन हुआ।

हरियाणा के सीएम मनोहर लाल खट्टर के मीडिया एडवाइजर रहे और वैश्य महासम्मेलन के प्रदेशाध्यक्ष राजीव जैन इस आयोजन को लेकर पिछले महीनेभर से लगे थे। उन्होंने राज्य के अधिकांश जिलों, शहरों एवं कस्बों का दौरा कर वैश्य समाज के लोगों के साथ बैठकें की। इसका नतीजा यह निकला कि सम्मेलन न केवल कामयाब रहा बल्कि अपनी छाप छोड़ने में भी कामयाब रहा।

अपनी तरह का इस तरह का यह पहला आयोजन था, जिसमें इतनी तादाद में वैश्य समाज के लोग जुटे। आमतौर पर व्यापार तक सीमित रहने वाले समाज के लोगों ने अब राजनीति में भी हिस्सेदारी मांगनी शुरू कर दी है। 45 डिग्री तापमान के बीच भीषण गर्मी में भी वैश्य समाज से न केवल स्टेडियम खचाखच भरा रहा बल्कि बड़ी संख्या में लोग स्टेडियम के बाहर भी खड़े रहे। सम्मेलन में वैश्य समाज के प्रतिनिधियों ने राजनीति में उपेक्षा के आरोप भी लगाए।

बड़ी बात यह है कि सम्मेलन के मंच पर समाज के प्रतिनिधियों के अलावा भाजपा, कांग्रेस व आम आदमी पार्टी सहित अधिकांश राजनीतिक दलों के लोग भी मौजूद थे। अधिकांश के भाषणों में एक बात सामान्य यह रही कि वैश्य समाज को राजनीति में बढ़-चढ़कर भाग लेना होगा ताकि देश में सुशासित व्यवस्था लागू हो सके। वैश्य समाज के गरीब परिवारों को गले लगाकर उनकी हर क्षेत्र में मदद का आह्वान किया गया।

राजीव जैन की अगुवाई में भारी संख्या में पहुंचकर हरियाणा के वैश्य बंधुओं ने पहुंच कर भूतपूर्व सीएम स्व़ बनारसी दास गुप्ता के संकल्पों को पूरा करने की प्रतिबद्धता दोहराई। निश्चित तौर पर सम्मेलन की कामयाबी आयोजकों में उत्साह का संचार कर के गई है। भविष्य में इस तरह के सम्मेलन सभी राज्यों में आयोजित करने का भी ऐलान वैश्य महासम्मेलन ने किया है। कहने को तो सम्मेलन पूरे देश का था, लेकिन हरियाणा, नई दिल्ली उत्तर प्रदेश और राजस्थान के 75 जिलों पर ही फोकस किया गया था।

महिलाएं भी हुईं लामबंद

वैश्य समाज की महिलाएं भी अब आगे आ रही हैं। सम्मेलन में महिला की अच्छी खासी संख्या रही। अपने-अपने राज्यों के परिधान में यहां पहुंची महिलाओं में इस बात को लेकर गुस्सा भी देखने को मिला कि राजनीति में उनके समाज की अनदेखी हो रही है।

 


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Content Writer

Vivek Rai

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