बिना जानकारी दिए टास्क फोर्स के गठन से अनिल विज बेहद खफा, आलाधिकारी से मांगा स्पष्टीकरण

punjabkesari.in Friday, Jun 18, 2021 - 12:46 AM (IST)

चंडीगढ़ (धरणी): हरियाणा में कोरोना की तीसरी लहर की आशंका के चलते हरियाणा स्वास्थ्य विभाग द्वारा एक टास्क फोर्स गठित करने का मामला तूल पकड़ता जा रहा है। पिछले दिनों हरियाणा स्वास्थ्य विभाग से जुड़े एक आलाधिकारी द्वारा टास्क फोर्स के गठन की जानकारी दी गई थी। इस टास्क फोर्स में मेडिकल लाइन से जुड़े उच्च स्तर के विशेषज्ञों को शामिल करने की भी पुष्टि की गई थी। सूत्रों के अनुसार तीसरी लहर के खतरे को देखते हुए टास्क फोर्स गठित करने की मंजूरी हरियाणा के गृह एवं स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज से न लिए जाने की जानकारी मिल रही है। सूत्र बताते हैं कि विज जानकारी न दिए जाने पर बहुत खफा हैं। ऐसी जानकारी भी मिली है कि इस बारे में अनिल विज ने संबंधित आलाधिकारी से स्पष्टीकरण भी मांगा है।

गौरतलब है कि पिछले दिनों मिली जानकारी के अनुसार एसीएस स्वास्थ्य विभाग के नेतृत्व में टास्क फोर्स का गठन किया गया है। जिसमें मैडिकल कॉलेज के सीनियर प्रोफेसर, प्राइवेट अस्पतालों के डॉक्टर, इंडियन मैडिकल एसोसिएशन हरियाणा चैप्टर डायरेक्टर जनरल आफ हेल्थ सर्विसिज, प्रशासन के अधिकारियों को इसमें शामिल किया गया है। बकायदा तीसरी लहर की तैयारियों को लेकर मीटिंग भी की गई थी। दूसरी लहर में जिस प्रकार का इंफ्रास्ट्रक्चर तैयार किया गया और ऑक्सीजन संबंधी व अन्य दिक्कतें सामने आईं, तीसरी लहर में इनका सामना ना करना पड़े।



2014 से अब तक स्वास्थ्य मंत्रालय अनिल विज के पास ही है। अनिल विज स्वास्थ्य मंत्रालय के अंतर्गत दर्जनों मामलों में कई बड़े और महत्वपूर्ण निर्णय करवा चुके हैं। हरियाणा में नर्सिंग काउंसिल, फिजियोथैरेपिस्ट काउंसिल, आईएमए की सक्रियता और भागीदारी कोरोना की पहली और दूसरी वेव में विज द्वारा जबरदस्त भूमिका अदा की गई है। पहली वेव के दौरान हरियाणा में कोविड टेस्टिंग की एक भी लैब मौजूद नहीं थी जो कि आज अथक प्रयासों से दर्जनों लैब प्रदेश में सरकारी व प्राइवेट मौजूद हैं। दूसरी लहर के दौरान ऑक्सीजन की भारी कमी आने पर सभी सरकारी व प्राइवेट अस्पतालों में ऑक्सीजन जनरेशन प्लांट लगाने जैसे महत्वपूर्ण निर्णय अनिल विज की देन है। 

वहीं तीसरी लहर की आहट सुनते हुए पैरामेडिकल स्टाफ की 3200 भर्ती होना भी एक इत्तेफाक नहीं है।यह भी अनिल विज की मजबूत इच्छाशक्ति के चलते संभव हो पाया है। अनिल विज ने स्वास्थ्य विभाग की व्यवस्था को सुधारने के लिए कई जगह खुद अचानक रेड की है और तो और पंचकूला स्थित हरियाणा स्वास्थ्य विभाग के मुख्यालय में भी विज द्वारा रेड की जा चुकी है। स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारियों की एसीपी जो 2-2, 3-3 साल लटकी रहती थी। इनके दखल के बाद तय समय सीमा में कर्मचारियों की समस्याओं का समाधान हो रहा है।



सभी सरकारी अस्पतालों में मरीजों को पर्याप्त मात्रा में दवाइयां और बेहतरीन सुविधाएं मिलें, जिला मुख्यालय पर सभी प्रकार की टेस्टिंग हो तथा एमआरआई, सीटी स्कैन व अन्य महंगे टेस्ट भी न्यूनतम दामों पर सरकारी अस्पतालों में करवाए जाने का प्रबंध अनिल विज की कार्यकुशलता को दर्शाता है। प्रदेश में गरीब व्यक्ति को  सस्ती सरकारी  मेडिकल सुविधाएं देने के उद्देश्य से बहुत से 50 बैडिड अस्पतालों को 100, 100 को 200 और 200 को 300 बैडिड कर आमजन को रिलीफ का श्रेय अनिल विज को जाता है। स्वास्थ्य विभाग से जुड़े छोटे से लेकर बड़े कर्मचारी व अधिकारी को सहूलियत प्रदान करने के कड़े निर्देश आलाधिकारियों को दिए गए हैं। स्वास्थ्य विभाग की 2014 तक लचर-पचर व्यवस्था को सुधारने के लिए अनिल विज की मेहनत हरियाणा की आम जनता के सामने हैं।

पिछले डेढ़ साल से स्वास्थ्य कारणों से जूझ रहे अनिल विज लगातार घर या कार्यालय से अपने सभी विभागों की मॉनिटरिंग करते रहे। उनके विभाग के एक आला अधिकारी द्वारा टास्क फोर्स के गठन की जानकारी अनिल विज को न दिए जाने से वह बेहद नाराज हैं। सूत्र तो यह भी बताते हैं कि अनिल विज ने संबंधित आलाधिकारी को सख्त भाषा में पत्र भी लिखा है। प्रदेश का स्वास्थ्य विभाग जो बजट के मामले में न्यूनतम रहता था। विज के स्वास्थ्य मंत्री बनने के बाद अब विभाग के पास बजट की कोई कमी नहीं है। अब तक हरियाणा स्वास्थ्य विभाग के सभी अधिकारी-कर्मचारी बिना किसी गुटबाजी के अनिल विज के नेतृत्व में कोरोना पर जीत पाने के लिए दिन-रात एक किए हुए थे। अब विज को बिना जानकारी दिए टास्क फोर्स का गठन कहीं ना कहीं प्रशन चिह्न जरूर लगाता है। यह कोई साधारण घटना नहीं है।

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Content Writer

Shivam

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