हरियाणा में संकट खत्म, 20 मीट्रिक टन ऑक्सीजन लागत से ज्यादा है: विनोद मेहता

punjabkesari.in Tuesday, May 11, 2021 - 12:07 AM (IST)

चंडीगढ़ (धरणी): कोरोना से लड़ाई में सबसे बड़ी बाधा जो ऑक्सीजन की आ रही थी। हरियाणा सरकार ने उस पर पूरी तरह से काबू पा लिया है। आज की तारीख में हरियाणा के हर जिले में जरूरत से दो-चार फीसदी ज्यादा ऑक्सीजन है। 10 दिन पहले जो ऑक्सीजन की कमी को लेकर जगह-जगह से फोन आ रहे थे, वह बंद हो चुके हैं। मुख्यमंत्री के प्रयास सफल हुए हैं। आज 20 मीट्रिक टन ऑक्सीजन लागत से ज्यादा सर प्लस है, बफर में है। यह बात आज पंजाब केसरी से बातचीत के दौरान हरियाणा मुख्यमंत्री के प्रिंसिपल मीडिया एडवाइजर विनोद मेहता ने कही। 

उन्होंने बताया कि यह ऑक्सीजन मुख्यमंत्री ने अपने पास बफर इसलिए रखी हुई है कि अचानक किसी जिले में ऑक्सीजन की गाड़ी किसी कारण से नहीं पहुंच पाए तो उस जिले को कंट्रोल किया जा सके। मुख्यमंत्री की पूरी टीम ने ऑक्सीजन को लेकर बहुत अच्छे से काम किया है। लेकिन ऑक्सीजन बफर में होने के बावजूद भी हम उसके भरोसे सोने वाले नहीं हैं। जिस दबाव के साथ हम ऑक्सीजन के इंतजाम पहले कर रहे थे। वह कोशिशें तब तक जारी रहेगी जब तक इस कोरोना की लड़ाई में विजय नहीं पा लेते।

मेहता ने बताया कि पेशेंट की रफ्तार के साथ ठीक होने वालों की संख्या भी बढ़ रही है। प्रदेश में बैड का मैनेजमेंट कंट्रोल में आ रहा है। अब अपने आप लोगों को बैड मिलने शुरू हो गए हैं जो कि चार-पांच दिन पहले काफी लोग बैड की दिक्कत को लेकर फोन कर रहे थे। यह एक अच्छा इंडिकेशन है कि अगर मरीज बढ़ रहे हैं तो ठीक होने वालों की संख्या भी लगभग बराबर स्थिति में है। जब डिस्चार्ज अधिक होंगे तो बैड अपने आप खाली होंगे।

 इस मौके पर मेहता ने कहा कि कालाबाजारी का विषय एक गंभीर समस्या है। बेशक प्रदेश सरकार ने इसे कंट्रोल करने के लिए हर जगह रेट लिस्ट लगा दी हो, लेकिन अंडर द टेबल यह डील हो रही है, प्रदेश सरकार की इस पर पूरी निगाह है। जहां-जहां से शिकायत मिल रही हैं, हम पूरा एक्शन ले रहे हैं। इसके साथ हम इसका लॉन्ग टर्म सॉल्यूशन कर रहे हैं। क्योंकि अगर डिमांड से ज्यादा सप्लाई की अवेलेबिलिटी कल देंगे तो समाधान अपने आप हो जाएगा। आज प्रदेश में ऑक्सीजन अधिक हो गई है तो अपने आप ब्लैक खत्म हो जाएगी। मुख्यमंत्री ने खुद ही सभी उपायुक्तों को सिविल अस्पतालों में 20 से 50 और 50 से 100 बैड तक बढ़ा देने के आदेश दिए हैं और ऑक्सीजन की सप्लाई पूरी मिलने की गारंटी दी है। जब पेशेंट को सिविल अस्पतालों में ऑक्सीजन की गारंटी मिलेगी तो कुछ शेयर प्राइवेट की जगह सिविल अस्पतालों की तरफ शिफ्ट होंगे। जिससे कालाबाजारी खत्म होने में मदद मिलेगी। साथ ही जहां से भी कालाबाजारी या ओवरचार्जिंग के हमें इनपुट आते हैं। उस पर हमारी कोर ग्रुप की टीम पूरा एक्शन लेती है। अभी एक शिकायत पलवल से आई तो खुद मुख्यमंत्री ने उस पर एक्शन लिया। सिरसा से एक शिकायत आई तो चंडीगढ़ से सिरसा के उपायुक्त को मैसेज किया गया। जिस पर उपायुक्त ने आईएमए के डॉक्टरों को बुलाकर विश्वास में लिया और 20 फ़ीसदी वेट रिड्यूस करवाएं। निगाह प्रदेश सरकार की हर जगह है, बहुत बड़ा सिस्टम है। जब लोग पैनिक में होते हैं तो कोई भी डॉक्टर कुछ भी मांगता है तो मजबूरी में लोग तैयार हो जाते हैं।

विनोद मेहता ने कहा कि पिछले सवा- डेढ़ साल से लॉकडाउन के नाम पर लोगों में एक दहशत थी। हमने नाम चेंज कर लोगों को जागरूक करने की कोशिश की है कि आप महामारी में फंसे हुए हैं, जान है तो जहान है, इसलिए सुरक्षित रहें, सरकार का सहयोग करें और भीड़ भाड़ इक_ा न करें। लॉक डाउन का जो मनोवैज्ञानिक असर था उसे खत्म करने के लिए हमने इस नाम को बदला है।

विनोद मेहता ने बताया कि प्रदेश सरकार की अगली कोशिश हेल्थ इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूत करने की है। हरियाणा में मेडिकल कॉलेजों की संख्या काफी है। लेकिन उन्हें फुल्ली यूज करना भी जरूरी है। उन्होंने कहा कि केंद्र से एमबीबीएस की कुछ और पोस्ट मिल जाए इसकी कोशिश की जाएगी। हमारे अंडर कंस्ट्रक्शन मेडिकल कॉलेज जल्दी चालू हो जाए। जिनके लाइसेंस पेंडिंग है वह काम भी जल्दी करवाने की कोशिश रहेगी। यानि सभी जगह से पुश करेंगे। उन्होंने कहा कि कोरोना की लड़ाई खत्म होने के बाद यह लड़ाई खत्म नहीं होगी। हेल्थ सिस्टम को मजबूत करना सरकार की प्राथमिकता है।

मेहता ने कहा कि मैं एक प्राइवेट इंडस्ट्री से आया हुआ व्यक्ति हूं और प्राइवेट फैक्ट्री को भी खड़ा करने में बहुत समय लगता है। लेकिन 15 दिन में 500 बेड का अस्पताल खड़ा करने में मुख्यमंत्री ने नायक जैसा काम किया है। अगले हफ्ते पानीपत में बनने वाले अस्थाई अस्पताल का इनॉग्रेशन हो जाएगा।


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Content Writer

Shivam

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