हम मास्क पहनकर, सोशल डिस्टेंसिंग व सैनिटाइज करके एक दूसरे को बचा सकते हैं : रोहतास यादव

punjabkesari.in Sunday, Apr 11, 2021 - 08:59 AM (IST)

चंडीगढ़ (धरणी) : कोरोना की दूसरी वेब की स्पीड देखकर जहां आमजन डरा-सहमा हुआ है। वहीं सरकार और प्रशासन के हाथ-पाव फुले पड़े हैं। कई प्रदेशों में लोक डाउन और नाइट करके की स्थिति के बाद हरियाणा के लोगों को पिछले साल की तरह बिगड़ते हालातों की संभावना नजर आने लगी है। उसके बावजूद लोग लापरवाही या करने से बाज नहीं आ रहे। आमतौर पर सड़कों पर बिना मास्क के लोगों को देखा जा सकता है। वही राजनीतिक, धार्मिक और सामाजिक कार्यक्रमों में भारी भीड़ केंद्र सरकार द्वारा जारी गाइडलाइंस की धज्जियां उड़ाते आमतौर पर नजर आ जाती हैं। लेकिन विशेषज्ञों के अनुसार लॉकडाउन या कर्फ्यू समाधान नहीं है। इसका समाधान मास्क, सैनिटाइज और सोशल डिस्टेंसिंग ही है। आज पंजाब केसरी ने रोहतक पीजीआई के डायरेक्टर डॉ रोहतास यादव से एक्सक्लूसिव बातचीत की। यादव आज चंडीगढ़ पहुंचे थे। जिन्होंने बहुत बारीकी से कोरोना के बारे में जानकारी दी। बातचीत के कुछ अंश आपके सामने प्रस्तुत हैं:-

प्रश्न : कोरोना की दूसरी वेब की स्पीड को देखकर आमजन काफी दहशत में है। इस मौके पर लोगों को क्या करना चाहिए ?
उत्तर : 
कोरोना से बचने का पहला सबसे बेसिक स्टेप सोशल डिस्टेंसिंग। हमें एक दूसरे से दूरी रखनी चाहिए। कहीं किसी भी प्रोग्राम में ज्यादा लोग इकट्ठा न हो। बराबर दूरी बनाकर रखें। दूसरा सबसे महत्वपूर्ण चीज है मास्क पहनना। आजकल लोग बड़ी नादानी करते हैं कि वह मास्क नहीं पहनते जो कि सबसे जरूरी है। विभिन्न प्रकार के मास्क आज मौजूद हैं अपनी आवश्यकता के अनुसार पहना जा सकता है।

प्रश्न : वैक्सीन को लेकर लोगों में काफी शंकाएं हैं। इस बारे में क्या कहेंगे ?
उत्तर : 
हमारे पास भारत में दो तरह की वैक्सीन उपलब्ध है एक को-वैक्सीन और दूसरे कोविशिल्ड। को-वैक्सीन के बारे में मैं कहूंगा कि भारत में सबसे पहला ट्रायल रोहतक पीजीआई ने किया था। बाकी अस्पतालों ने बाद में किया और इसका प्रयास काफी सफल रहा। यह काफी सुरक्षित है। छोटा-मोटा बुखार, शरीर में थोड़ी बहुत थकावट हो सकती है।लेकिन यह तो लगभग हर वैक्सीन के साथ ही होती है। दूसरी है कोविशिल्ड। इसके बारे में दुष्प्रचार किया जा रहा है। लेकिन ऐसी कोई बात नहीं है। यह काफी सेफ है। सभी 45 साल के ऊपर के लोगों को वैक्सीन अवश्य लगवानी चाहिए। मैंने खुद वैक्सीन लगवाई है।पीजीआई रोहतक में मैं पहला आदमी हूं जिसने इसकी पहली और दूसरी डोज लगवाई थी।

प्रश्न : प्राइवेट लैब्स में हो रही टेस्टिंग की गलत रिपोर्ट देने की बात क्या आपके सामने भी आई है ?
उत्तर : 
हां, हो सकता है। परंतु जब हमारे पास सुविधा उपलब्ध है। हम लगभग 2500 से 3000 टेस्ट रोजाना निशुल्क कर रहे हैं। किसी प्रकार के पैसे चार्ज नहीं किए जा रहे। जो भी पॉजिटिव केस पाया जाता है। हम रिजल्ट आने पर तुरंत उन्हें बताते हैं। आमजन सही रिपोर्ट के लिए प्राइवेट सेक्टर की बजाय गवर्नमेंट सेक्टरों में जा सकते हैं।

प्रश्न : अभी तक पीजीआई रोहतक में कितने पॉजिटिव मरीज आए और कितनों ने जान गवाई ?
उत्तर : 
हमारे पास पीजीआई में सेकंड वेब में इस समय करीब 60 मरीज दाखिल हैं। लेकिन हम पहले उन मरीजों को भी दाखिल कर लेते थे जिन्हें थोड़ा बहुत बुखार भी होता था। लेकिन आजकल हम ओम आइसोलेशन पर ज्यादा जोर देते हैं। केवल उन सीरियस मरीजों को दाखिल करते हैं जिन्हें वेंटिलेटर की, ऑक्सीजन की जरूरत पड़ सकती है। पिछली बार हमारे पास लगभग 7000 मरीज दाखिल हुए थे। उनमें से लगभग 650 की मौत हुई थी। उसका मुख्य कारण यह था कि पूरे हरियाणा के सीरियस पेशेंट रेफर होकर हमारे पास आते थे। सीधा आईसीयू में आते थे। ज्यादातर वो मरीज जो कोमोरबिडिटी के पेशेंट थे। जिनमें ब्लड प्रेशर, अस्थमा या किडनी डिजीज वाले रोगी होते थे। उनकी इम्यूनिटी पावर कम होने के कारण वह लोग संक्रमण के शिकार बन जाते थे।

प्रश्न : आपके अनुसार आज आमजन किस प्रकार से सुरक्षित रहे ?
उत्तर : 
कोरोना की दूसरी वेब से हमें बच कर रहना चाहिए। यह पहले से ज्यादा तेजी से फैल रहा है। पहले काफी लंबे समय के बाद दोगुना होते थे। लेकिन अब बहुत जल्द दोगुना हो रहे हैं। हमें काफी सतर्क और जागरूक रहने की जरूरत है।

प्रश्न : यूके वाले स्कैन का भी कोई प्रभाव आपको नजर आया ?
उत्तर : 
हमने एक-दो भेजे हैं। लेकिन रोहतक में कोई नहीं आया है। कोई साउथ अफ्रीकन की आ रही है। किसी में यूके की आ रही है। लेकिन हमारे रोहतक में अभी तक कोई ऐसी रिपोर्ट नहीं आई है।

प्रश्न : डायरेक्टर होने के नाते अगर आपकी राय जाने तो क्या आज की स्थिति के अनुसार लॉकडाउन या कर्फ्यू जरूरी है ?
उत्तर : 
लॉकडाउन लगाना तो एक सरकार का फैसला होगा। पर यह तभी लगाया जाए जब बेहद जरूरी हो। जब हम मास्क पहनकर, सोशल डिस्टेंसिंग और सैनिटाइज करके एक दूसरे को बचा सकते हैं। क्योंकि इससे दूसरा मुद्दा लोगों के व्यवसाय, लोगों की आजीविका का भी है। इसलिए उस बात का भी ख्याल रखा जाएगा। मेरे हिसाब से जागरूकता से बचाव किया जा सकता है।

प्रश्न : आपके आंकलन के अनुसार पीजीआई में हुई कोरोना से मौतों का आखिर कारण आपको क्या नजर आया ?
उत्तर : 
ज्यादातर कारण कोमोरबिडिटी ही रही। हमारे डाटा के अनुसार जिनमें खासतौर पर किडनी की बीमारियां थी। उसके साथ-साथ ब्लड प्रेशर, अस्थमा छाती की बीमारी इत्यादि थी। इस प्रकार के संक्रमित लोगों की रोग प्रतिरोधक क्षमता काफी कम होती है।जिस कारण से संक्रमण की चपेट में आने के बाद इन्हें खतरा अधिक होता है।

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Content Writer

Manisha rana

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