किसका होगा ऐलनाबाद? आज खुलेगा ईवीएम का पिटारा, अकेले अभय का मान नहीं दांव पर

punjabkesari.in Tuesday, Nov 02, 2021 - 09:07 AM (IST)

हरियाणा टीम: गत चुनावों में इनेलो के एकमात्र विधायक बने अभय चौटाला के इस्तीफे के बाद खाली हुई ऐलनाबाद विधानसभा सीट पर 30 अक्टूबर को उपचुनाव का मतदान हुआ है, जिसकी मतगणना आज की होगी। इस मतगणना के दौरान ईवीएम का पिटारा खुलेगा, जिसमें इस सीट के 19 प्रत्याशियों का भविष्य कैद है। रोचक तथ्य यह है कि ऐलनबाद की विधायकी की दौड़ में इस्तीफा देने वाले अभय चौटाला भी शामिल हैं, अब देखना होगा कि इस सीट पर अभय फिर जीत हासिल करते हैं या फिर गेंद किसी और दल के पाले में जाती है।

ऐलनाबाद उपचुनाव के तहत 30 अक्टूबर को हुए मतदान में 211 बूथों पर हलके के कुल मतदाताओं में 1,51,524 (81.83 प्रतिशत) मतदाताओं ने मतदान किया है। मतगणना केन्द्र चौधरी देवी लाल यूनिवर्सिटी (सीडीएलयू) के लॉ भवन में बनाया गया है, जिसमें 16 राउंड की मतगणना होगी। हर राउंड में 14 ईवीएम खोली जाएंगी, जिनका वीवीपैट से मिलान किया जाएगा, उसके बाद मतगणना प्रक्रिया प्रारंभ की की जाएगी। सुरक्षा के मद्देनजर काऊंटिंग एजेंट, इलेक्शन एजेंट की नियुक्ति की जा चुकी है। इसके अलावा सीडीएलयू के एंट्री गेट पर कड़ा पहरा लगा दिया गया है।

विधानसभा चुनाव- 2019 में ऐलनाबाद का परिणाम
इनेलो पार्टी के उम्मीदवार अभय सिंह चौटाला को मिले वोट- 57055
भाजपा के उम्मीदवार पवन बेनीवाल को मिले वोट- 45133
कांग्रेस के उम्मीदवार भरत सिंह बेनीवाल को मिले वोट- 35383।

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काबिलेजिक्र है कि 2019 के विधानसभा चुनाव में अभय सिंह चौटाला ने ऐलनाबाद विधानसभा सीट से जीत हासिल की थी। वे एकमात्र ऐसे विधायक थे जो इनेलो पार्टी से थे। इसी साल जनवरी महीने में किसान आंदोलन के समर्थन में विधायक के पद से इस्तीफा देने के बाद ऐलनाबाद विधानसभा सीट खाली हुई और इसके साथ ही इनेलो की विधानसभा में हिस्सेदारी शून्य हो गई। अब यह उपचुनाव इनेलो के मान-सम्मान का दांव बन चुका है।

अकेले अभय का मान नहीं दांव पर
ऐलनाबाद उपचुनाव अकेले अभय चौटाला को लेकर रोचक नहीं है बल्कि यह कई पहलुओं से रोचक बन गया है। जहां अभय चौटाला ने इस्तीफा देकर अपनी पगड़ी ऐलनाबाद की जनता के कदमों में रख उसे दोबारा पहनने का दावा कर रहे हैं। वहीं भाजपा-जजपा के सांझे उम्मीदवार बने हलोपा के विधायक गोपाल कांडा के भाई गोबिंद कांडा भी अपनी पगड़ी बचाने और कांडा गुट को बढ़ाने की जुगत में हैं। इसके अलावा कांग्रेस उम्मीदवार पवन बेनीवाल का भी मान-सम्मान भी दांव पर लगा है, जो उपचुनाव के कुछ दिन पहले ही भाजपा को अलविदा कहकर कांग्रेस का हाथ थामा और टिकट लेकर चुनाव में कूद पड़े हैं।

पिछले चार चुनावों से सीट पर काबिज है इनेलो
ऐलनाबाद विधानसभा सीट चौटाला परिवार का गढ़ रही है। इस सीट पर इनेलो का दबदबा 2000 के चुनावों से बन गया था। 2000 में पहली बार इनेलो की टिकट पर भागीराम ऐलनाबाद के विधायक बने थे। 2005 में सुशील कुमार इंडोरा विधायक बने। इसके बाद 2009 के चुनाव में इनेलो सुप्रीमो ओम प्रकाश चौटाला विधायक बने और 2010 में इस्तीफा दिया और उनके बेटे अभय सिंह चौटाला ने लगातार 2010, 2014 व 2019 में यहां से जीत हासिल की।

तीन शीर्ष नेताओं में किसान नेता भी टक्कर में
उक्त तीन पार्टी के नेताओं में एक निर्दलीय उम्मीदवार विकल पचार का नाम भी चर्चा में है, जो किसानों के मुद्दे को लेकर चुनावी रण में कूदे हैं। हालांकि चुनाव से पहले किसान आंदोलन के शीर्ष नेता इशारे में अभय चौटाला को वोट देने के अपील कर गए हैं। हालांकि यह सभी स्थिति मतगणना के आखिरी पड़ाव के बाद स्पष्ट होगी कि ऐलनाबाद की जनता अपना विधायक किसे चुना है?

 

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Content Writer

Shivam

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