क्या अभय चौटाला ऐलनाबाद उपचुनाव में पिछली 3 जीतों  के अंतर का रिकॉर्ड तोड़ पाएंगे ?

punjabkesari.in Tuesday, Oct 05, 2021 - 09:07 AM (IST)

चंडीगढ़ (चन्द्र शेखर धरणी):  इनेलो   ने एक बार फिर  सिरसा ज़िले की ऐलनाबाद  विधानसभा सीट, जहाँ इसी माह 30 अक्टूबर को उपचुनाव हेतु मतदान होगा, से  पार्टी महासचिव अभय सिंह चौटाला को उम्मीदवार बनाने का निर्णय लिया है । यह इस हलके से अभय का लगातार चौथा चुनाव होगा । इससे पहले वह इस सीट से एक उपचुनाव और दो चुनाव में निरंतर विजयी होकर जीत की हैट्रिक लगा चुके हैं ।  पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट के एडवोकेट हेमंत कुमार ने बताया कि 58 वर्षीय  अभय  चावला  ने   पहला चुनाव राजस्थान विधानसभा आम चुनावो, 1998 के दौरान वहां  के हनुमानगढ़ ज़िले की संगरिया विधानसभा सीट से इनेलो पर लड़ा था परन्तु   वह उस चुनाव में पराजित हो गए थे । हालांकि उस चुनाव में  अभय ने 17 प्रतिशत से ऊपर वोट हासिल किये थे।

अभय के बड़े भाई और वर्तमान में जननायक जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अजय सिंह चौटाला हालांकि दो बार  वर्ष 1990 और 1993 में राजस्थान की दंता-रामगढ और नोहर सीट से जनता दल के टिकट  पर जीतकर दो बार विधायक बन चुके हैं। बहरहाल, आज से दो वर्ष पूर्व अक्टूबर, 2019 में हुए 14 वीं हरियाणा विधानसभा के आम चुनावो  में अभय चौटाला ने  ऐलनाबाद सीट से लगातार  तीसरी बार जीत हासिल की थी  जब उन्होंने भाजपा के पवन बेनीवाल को 11 हज़ार 922 वोटो के अंतर से  हराया । उस चुनाव में कांग्रेस के भरत बेनीवाल तीसरे स्थान पर रहे थे ।  गत माह पवन बेनीवाल भाजपा छोड़ कांग्रेस में आ गए हैं एवं संभवत: उन्हें आगामी ऐलनाबाद उपचुनाव में कांग्रेस प्रत्याशी बनाया जा सकता है। इस वर्ष 27 जनवरी, 2021 को केंद्र की मोदी सरकार द्वारा गत वर्ष बनाये गए 3 कृषि कानूनों और उनके विरोध के फलस्वरूप प्रदेश के पनपे किसान आंदोलन के समर्थन में अभय ने ऐलनाबाद  विधानसभा सीट से त्यागपत्र दे दिया था जिस  कारण  गत 8 महीने से यह सीट रिक्त है।

हेमंत ने आगे बताया कि अक्टूबर, 2009 में 12 वीं हरियाणा  विधानसभा के आम चुनावों में अभय के पिता और प्रदेश के  पूर्व मुख्यमंत्री ओम प्रकाश चौटाला ने  जींद ज़िले की उचाना और  ऐलनाबाद दोनों सीटों से विधानसभा चुनाव जीता था जिसके बाद  उन्होंने ऐलनाबाद सीट छोड़ थी जिस पर जनवरी, 2010  में  उपचुनाव करवाया गया जिसमें  अभय ने कांग्रेस के भरत सिंह बेनीवाल को 6227 वोटो के अंतर से हराया था। ज्ञात रहे कि उस समय भूपेंद्र  सिंह हुड्डा मुख्यमंत्री थे एवं उन्होंने कुछ समय पूर्व ही तत्कालीन भजन लाल-कुलदीप बिश्नोई  की हरियाणा जनहित कांग्रेस (हजका )  के कुल 6 में से  5  विधयकों और 7 निर्दलीयों के साथ  जोड़-तोड़ कर प्रदेश में  कांग्रेस की लगातार दूसरी सरकार बनायीं थी. ऐसा  हरियाणा में पहली बार हुआ जब सत्ताधारी पार्टी सरकार बनाने  के तीन माह में ही उपचुनाव हार गयी हो। इसके बाद अक्टूबर, 2014 में 13 वी हरियाणा विधानसभा के आम चुनावो में अभय ने दूसरी बार भी ऐलनाबाद ने जीत हासिल की जब उन्होंने भाजपा के पवन बेनीवाल को 11 हज़ार 539 वोटो के अंतर से हराया. उस चुनाव में कांग्रेस के रमेश भादू तीसरे स्थान पर रहे थे एवं  उनकी ज़मानत भी जब्त हो गयी थी, हालांकि इससे पहले अभय चौटाला मई, 2000 में सिरसा ज़िले की रोड़ी विधानसभा सीट से  रिकॉर्ड 90 प्रतिशत वोट  हासिल कर  चुनाव जीते थे जब ओम प्रकाश चौटाला ने फरवरी, 2000 विधानसभा आम चुनावों में  नरवाना और रोड़ी दोनों सीटें  जीतकर रोड़ी सीट से त्यागपत्र दे दिया था ।

अभय ने उस चुनाव में कांग्रेसी उम्मीदवार बलदेव दास को 86 हज़ार वोटों से अधिक के अंतर से हराया था। इस बीच हेमंत ने एक और रोचक तथ्य साझा करते हुए बताया कि पूर्व मुख्यमंत्री  ओम प्रकाश चौटाला ने भी अपने राजनीतिक जीवन  का पहला चुनाव, जो हालांकि उपचुनाव था, वह भी तत्कालीन हिसार ज़िले (1975 में सिरसा जिला बना ) की ऐलनाबाद सीट से ही जीता है।  यह चुनाव उन्होंने एन.सी.जे. (कांग्रेस पार्टी से  विभाजित ग्रुप ) के टिकट पर लड़ा. वर्ष 1968 में हुए विधानसभा आम चुनावो में  इस सीट से राव बीरेंदर सिंह की तत्कालीन विशाल हरियाणा पार्टी (वीएचपी ) से जीते लाल चंद का चुनाव रद्द घोषित कर दिया गया था जिसके कारण मई, 1970 में  यहाँ उपचुनाव करवाना पड़ा जिसमे ओम प्रकाश चौटाला विजयी हुए. हालांकि उसके  बीस वर्षो बाद मई, 1990  में  सिरसा की दरबा कलां सीट से ओम प्रकाश चौटाला ने  अपना दूसरा विधानसभा चुनाव जीता जिसके बाद यह 1993 , 1996 ,2000 , 2005 और 2009 में फिर हरियाणा विधानसभा के विधायक निर्वाचित हुए एवं  कुल पांच बार प्रदेश के मुख्यमंत्री बने. हालांकि जेबीटी टीचर भर्ती घोटाले में भ्रष्टाचार विरोधी कानून में  दोषी करार एवं  10 वर्ष जेल सजा होने के बाद  रिहाई होने के बावजूद वह वर्ष 2027 तक कोई  चुनाव नहीं लड़ सकते हैं ।


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Content Writer

Isha

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