हरियाणा प्रदेश कांग्रेस संगठन पूरी तरह से कमान भूपेंद्र सिंह हुड्डा को सौंपी जाएगी ?

punjabkesari.in Sunday, Mar 20, 2022 - 07:01 PM (IST)

चंडीगढ़(धरणी):आम आदमी पार्टी के हरियाणा में बढ़ते कदमों को देखते हुए कांग्रेस आलाकमान हरियाणा प्रदेश कांग्रेस कमेटी में नए प्रयोग करने की तैयारी में है। प्राप्त संकेतों के अनुसार पिछले कुछ दिनों से पंजाब के चुनाव परिणामों में आम आदमी पार्टी को 92 विधानसभा सीट आने के बाद हरियाणा में जिस प्रकार से प्रतिदिन कई नेता विभिन्न पार्टी को छोड़कर आम आदमी पार्टी को ज्वाइन कर रहे हैं उसको देखते हुए यह मंथन कांग्रेस आलाकमान उच्च स्तर पर कर रहा है।

कांग्रेस आलाकमान का प्रमुख लक्ष्य यह है कि ऐसे कांग्रेसी जो लगभग सवा दो साल ढाई साल पहले इलेक्शन में टिकट ना मिलने से कांग्रेस का परित्याग कर कर चुनाव लड़े थे वह आम आदमी पार्टी की तरफ ना जाएं तथा उन्हें वापस कांग्रेस में लाया जा सके इसके मद्देनजर किसी भी सूरत में नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र सिंह हुड्डा को अनदेखा नहीं कर सकते। कांग्रेस आलाकमान को लगता है कि भूपेंद्र सिंह हुड्डा एकमात्र ऐसे शख्स है जो निर्मल सिंह जैसे पुराने कांग्रेसियों को जिनकी टिकट पिछले चुनावों में कट गई थी तथा वह चुनाव लड़े थे वापस कांग्रेसमें ला सकते हैं। 

 प्राप्त जानकारी के अनुसार प्रदेश कांग्रेस का संगठन पूर्णतया पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा के हवाले किया जाए तथा सीएलपी के लीडर के रूप में पूर्व मुख्य मंत्री चौधरी भजनलाल के पुत्र कुलदीप बिश्नोई को आगे लाकर हरियाणा में कांग्रेस को मजबूत करने की रणनीति पर मंथन चल रहा है। प्राप्त जानकारी के अनुसार नेता प्रतिपक्ष चौधरी भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने इस मामले में प्रदेश कांग्रेस संगठन का प्रमुख बनाने के लिए अपने पुत्र दीपेंद्र हुड्डा के नाम की खुली वकालत की है। 

 ऐसी स्थिति में कांग्रेस आलाकमान कुमारी शैलजा को कहां एडजस्ट करेगी इस पर भी गौर किया जा रहा है। कांग्रेस आलाकमान यह भली-भांति जानती है कि पिछले 8 सालों से हरियाणा प्रदेश में कांग्रेस का संगठन नहीं बन पाया है । अध्यक्ष पद पर चाहे अशोक तंवर रहे हो या अब कुमारी शैलजा हों। आम आदमी पार्टी के पंजाब में सत्ता प्राप्ति के बाद हरियाणा में कांग्रेस से जुड़े लोगों की दलबदल रोकने तथा सत्तारूढ़ भाजपा के खिलाफ आवाज बुलंद करने के लिए कांग्रेस नेता प्रतिपक्ष चौधरी भूपेंद्र सिंह हुड्डा को सबसे सशक्त नेता के रूप में मान रही है। 

परिस्थितियों के अनुसार कांग्रेस नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र सिंह हुड्डा के प्रस्ताव पर उनके पुत्र दीपेंद्र हुड्डा को प्रदेश कांग्रेस का अध्यक्ष बनाया ना बनाएं इस पर भी मंथन चल रहा है। जिस का अहम कारण यह है कि दीपेंद्र हुड्डा को प्रदेश अध्यक्ष बनाए जाने पर कहीं कांग्रेस के दिग्गजों वरिष्ठ नेता केंद्र में जिस प्रकार से राहुल गांधी को संगठन की कमान मिलने के बाद अलग सुर अलापने लगे थे वही परिस्थितियां हरियाणा में ना बन जाए का ध्यान भी रखा जा रहा है। राज्यसभा सांसद दीपेंद्र हुड्डा प्रियंका गांधी के काफी करीब है तथा उत्तर प्रदेश चुनाव वह संघर्ष में उनकी अहम भूमिका रही है।

चर्चा है कि सीएलपी के नेता के रूप में भूपेंद्र सिंह हुड्डा खेमे की पहली पसंद पूर्व मंत्री गीता भुक्कल हो सकते हैं। कुमारी शैलजा को प्रदेश अध्यक्ष पद से हटाए जाने के बाद किसी दलित चेहरे को सीएलपी नेता बनाया जाए इसकी वकालत आलाकमान से हुड्डा खेमा सूत्रों के अनुसार कर रहा है। कांग्रेस आलाकमान का एक खेमा स्वर्गीय भजनलाल के पुत्र कुलदीप बिश्नोई को सीएलपी का नेता बनाने के पक्ष में है। कांग्रेस आलाकमान के अंदरूनी मंथन में से क्या निकल कर आएगा यह तो अभी कहना जल्दबाजी होगा लेकिन हुड्डा खेमे को वर्तमान राजनीतिक परिस्थितियों में किसी भी तरह से नाराज कांग्रेस आलाकमान नहीं करेगी।

कांग्रेस के अंदर राष्ट्रीय स्तर पर संगठन में भी बहुत अच्छा नहीं चल रहा है। पांच राज्यों के चुनाव परिणामों में कांग्रेस की पतली हालत रहने पर जी-23 के लगातार बढ़ते दबाव को देखते हुए कांग्रेस आलाकमान इन नेताओं को विश्वास में लेकर उन राज्यों में संगठन को मजबूत करना चाहती है जहां पर कांग्रेस आज दमखम रखती है। हरियाणा के अंदर पिछले साढ़े 7 साल से अगर देखा जाए तो कांग्रेस विपक्ष में है तथा भाजपा सत्ता में है।

पिछले साढ़े 7 साल केंद्र पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा खेमे में जितने भी विधायक रहे हैं वह पूर्णतया हुड्डा के साथ जुड़े रहे हैं। 2014 से लेकर 2019 तक अशोक तंवर जब कांग्रेस के प्रधान थे तब भी अधिकांश विधायक भूपेंद्र सिंह हुड्डा के नेतृत्व में एकजुट रहे। 2019 से लेकर 2022 अब तक कांग्रेस के अधिकांश विधायक नेता प्रतिपक्ष चौधरी भूपेंद्र सिंह हुड्डा के झंडे के नीचे चल रहे हैं। भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने किसी भी विधायक को जो उनके साथ जुड़ा हुआ है अपने से अलग नहीं होने दिया है। जिसका अहम कारण है कि भूपेंद्र सिंह हुड्डा अपने साथ जुड़े हुए विधायकों के दुख सुख में पूरी तरह शरीक रहते हैं।

पिछले साढे 7 साल से प्रदेश कांग्रेस का अध्यक्ष क्या है अशोक तवर रहे हो या कुमारी शैलजा उनके नेतृत्व में विधायकों की आस्था अत्यंत कम रही है। विधायक जो भूपेंद्र सिंह हुड्डा के नेतृत्व में चल रहे हैं अशोक तंवर के समय भी आलाकमान को तवर हटाओ कांग्रेस बचाओ की बात कहते रहे और आज भी समय अनुसार शैलजा के विरोध में दिल्ली में शक्ति प्रदर्शन कवि कुमार कर देते हैं। कांग्रेस आलाकमान के सूत्र बता रहे हैं कि आने वाले समय में हरियाणा प्रदेश कांग्रेस संगठन पूरी तरह से कमान भूपेंद्र सिंह हुड्डा को सौंपी जाएगी।

दूसरी तरफ हरियाणा प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रभारी विवेक बंसल ने कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष बदले जाने के मामले को अफवाह करार दिया है उन्होंने कहा है कि ऐसा कुछ नहीं है। विवेक बंसल ने कहा कि जो लोग खेतों की राजनीति करना चाहते हैं वह कांग्रेस में ही रहेंगे। जो लोग  क्षणिक राजनीति में यकीन रखते हैं ,वह लोग आम आदमी पार्टी की तरफ जा सकते हैं। उन्होंने कहा कि बिजेंद्र कादियान आप में जाने से 2 दिन पहले गुरुग्राम के अंदर कुमारी शैलजा के साथ एक कार्यक्रम में मौजूद थे।

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Content Writer

Vivek Rai

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