प्रदेश में 10 लाख स्मार्ट मीटर लगाने के कार्य को जल्द पूरा किया जाए: दीपेंद्र सिंह

punjabkesari.in Sunday, Jun 14, 2020 - 09:37 PM (IST)

चंडीगढ़ (धरणी): प्रदेश में जल्द से जल्द 10 लाख स्मार्ट मीटर लगाने के कार्य को पूरा किया जाए, इस कार्य में छह माह से अधिक का समय न लगे, पुराने मीटरों की जगह स्मार्ट मीटर लगाने के लिए विस्तृत रिपोर्ट तैयार की जाए ताकि हर बिजली उपभोक्ता के यहां स्मार्ट मीटर लग सके। हरियाणा इलेक्ट्रिसिटी रेगुलेटरी कमीशन (एचईआरसी) ने हाल ही में हरियाणा की बिजली वितरण निगमों के वार्षिक राजस्व आवश्यकता (एआरआर) पर जो निर्णय दिया, उसमें बिजली वितरण निगमों को कुछ जरूरी आवश्यक दिशा निर्देश दिए गए हैं। 

एचईआरसी के चेयरमैन दीपेंद्र सिंह ढेसी, सदस्य प्राविंद्रा सिंह चौहान और सदस्य नरेश सरदाना ने उत्तर हरियाणा बिजली वितरण निगम (यूएचबीवीएन) और दक्षिण हरियाणा बिजली वितरण निगम (डीएचबीवीएन) को यह आदेश दिए हैं। एचईआरसी के चैयरमैन व सेवानिवृत्त चीफ सेक्रेटरी हरियाणा दीपेंद्र सिंह ढेसी का मानना है कि प्रधानमंत्री ने कहा हुआ है कि हर राज्य को अपने यहां एक शहर चाहे वह राज्य की राजधानी हो या अन्य शहर वहां पर हर कार्य सौर ऊर्जा से संचालित हो।

इसके तहत हरियाणा का एक शहर चाहे वह पंचकूला हो या अन्य कोई शहर जो पर्यटन की दृष्टि से महत्वपूर्ण हो वह पूर्णतय सौर ऊर्जा से संचालित हो। इसके लिए बिजली वितरण निगमों को निर्देश दिए हैं कि वह हरेडा के साथ सामांजस्य बैठाकर इस कार्य को  अमलीजामा पहनाए। यहां पर रूफ टॉप सोलर जेनरेशन का उपयोग करके पूरी तरह से सौर ऊर्जा से संचालित किया जाए। 

एचईआरसी ने दिशा निर्देशों में कहा है कि बिजली मीटर की रीडिंग के मामले में जहां पर मकान मालिक और किरादार में किसी प्रकार का कोई विवाद न हो इसके लिए बिजली वितरण निगमों को ऐसे नए बिजली उपभोक्ताओं को प्रीपेड मीटर देने चाहिए ताकि इस तरह के कोई विवाद ही न उत्पन्न हो। 

वहीं, एचईआरसी के टेरिफ ऑर्डर में बिजली उपभोक्ताओं पर किसी प्रकार का कोई बोझ नहीं डाला गया, उल्टा एग्रो इंडस्ट्रीज के बिजली उपभोक्ताओं की लंबे समय से जो सस्ती बिजली की मांग थी, उसको भी पूरा किया गया। इससे  ग्रामीण अर्थव्यवस्था के विविधीकरण को काफी बढ़ावा मिलेगा, तथा ग्रामीण क्षेत्र में रोजगार के अवसर बढ़ेंगे। डिस्कॉम को अपने परफोरमंस मापदंडों को प्रकाशित करना चाहिए, ताकि उपभोक्ताओं को पता चले कि उनके सेवा प्रदाता ने साथियों की तुलना में कैसा काम किया है।        

एचईआरसी ने दिशा निर्देशों में कहा है नवीकरणीय खरीद दायित्व के बैकलॉग को मंजूरी दी जानी चाहिए और इसे 31.03.2022 से आगे ले जाने की अनुमति नहीं दी जाएगी। हरियाणा विद्युत विनियामक आयोग द्वारा 01.06.2020 से लागू किए गए टैरिफ ऑर्डर में यह प्रावधान किया गया है कि 5000 रुपए से अधिक की राशि नकद में स्वीकार नहीं की जाएगी। हालांकि, 20,000 रुपये तक का भुगतान चेक के माध्यम से किया जा सकता है। 

चेक के माध्यम से भुगतान की इस सुविधा को उपभोक्ताओं के विभिन्न वर्गों, विशेषकर वरिष्ठ नागरिकों से प्राप्त मांग को ध्यान में रखते हुए अनुमति प्रदान की गई है, क्योंकि कई मामलों में ऐसे उपभोक्ता क्रेडिट कार्ड, डेबिट कार्ड और नेट बैंकिंग जैसे डिजिटल माध्यमों से भुगतान करने में सुप्रवीण नही होते हैं। हालांकि, डिजिटल भुगतान की सुविधा उन उपभोक्ताओं के लिए भी उपलब्ध है जो इसका लाभ उठाना चाहते हैं।

दीपेंद्र सिंह ढेसी के अनुसार एचईआरसी ने एआरआर में एग्रो इंडस्ट्रीज को एक बड़ी राहत प्रदान करते हुए, एचईआरसी ने एग्रो इंडस्ट्रीज की नई 20 किलोवाट तक की लोड टैरिफ श्रेणी/एफपीओ बनाई है। ऐसी इकाइयों से 4.75 रुपये प्रति किलोवाट की रियायती दर ली जाएगी। पहले उन पर 7.05 प्रति किलोवाट रुपये का टैरिफ लगाया जा रहा था। है, 2020-21 के दौरान  इन बिजली उपभोक्ताओं को 42.5 करोड रुपये का कुल लाभ होने का अनुमान है। इस श्रेणी के लाभार्थीयो में पैक हाउस, ग्रेडिंग, पैकिंग, प्री-कूलिंग और राईपनिंग चैंबर, मधुमक्खी पालन, शहद प्रसंस्करण, मशरूम की खेती, टिशू कल्चर, झिंगा और मछली पालन, पोल्ट्री फार्म, सुअर फार्म, मिल्क चिलिंग प्लांट, कोल्ड स्टोरेज उद्योग जगत की यह मांग लंबे समय से चली आ रही थी जो जिससे ग्रामीण अर्थव्यवस्था के विविधीकरण को काफी बढ़ावा मिलेगा।

एचईआरसी ने प्री-पेड मीटर व्यवस्था शुरू करने के लिए बिजली वितरण कंपनियों के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। इसने प्री-पेड सुविधा का लाभ उठाने वाले उपभोक्ताओं के लिए लागू टैरिफ  पर 5 प्रतिशत की छूट प्रदान की गई है। यह निर्णय बिलिंग और संग्रह दक्षता में सुधार के लिए कारगर साबित होगा। घरेलू उपभोक्ताओं के लिए रियायती शुल्क प्रति माह 150 यूनिट तक की खपत वाले घरेलू उपभोक्ता रियायती शुल्क का फायदा लेते रहेंगे।

प्रति माह युनिट दर 0-50 यूनिट 2 रुपये प्रति किलोवाट 51-100 यूनिट 2.50 रुपये प्रति किलोवाट,0-150 यूनिट 2.50 रुपये प्रति किलोवाट की दर रहेगी।इससे उपभोक्ताओं को 465 करोड़ रुपए का लाभ मिल सकेगा। घरेलू आपूर्ति उपभोक्ताओं के लिए प्रति माह 800 यूनिट तक खपत के लिए वितरण और खुदरा आपूर्ति शुल्क में 42 पैसे प्रति यूनिट की कमी की गई है। इसलिए, ऐसे उपभोक्ताओं के लिए बिजली का बिल लगभग 10 प्रतिशत कम हो जाएगा। 

कोरोना महामारी से उत्पन्न असाधारण स्थिति को ध्यान में रखते हुए एचईआरसी ने उपभोक्ताओं के किसी भी वर्ग के लिए बिजली दरों में वृद्धि नहीं करने का फैसला किया है। एचटी/एलटी इंडस्ट्रियल कंज्यूमर्स, कमर्शियल कंज्यूमर्स, रेलवे/डीएमआरसी के सामने आने वाली कठिनाई को देखते हुए बिजली उपभोक्ताओं को टैरिफ  बढ़ोतरी की संभावना से बचने के लिए, हरियाणा पावर यूटिलिटीज यानी एचपीजीसीएल, एचवीपीएनएल, यूएचबीवीएनएल और डीएचबीवीएनएल को 850 करोड़ रुपए की अनुमानित रिटर्न ऑन इक्विटी की अनुमति नहीं दी है। एचईआरसी ने 2020-21 के लिए 27,835 करोड़ रुपये का एआरआर दिया है। यह आंकड़ा 2019-20 में 28805 करोड़ रुपये था।

 एचईआरसी ने बिजली वितरण कंपनियों के लिए 2020-21 के लिए 2180 करोड़ रुपये की एक पूंजीगत व्यय योजना को मंजूरी दी है।2020-21 के दौरान  9217 मिलियन यूनिट्स एग्रीकल्चर पावर (ए.पी.) बिक्री का अनुमान है जिसके लिए बिजली विभाग 2020-21 के दौरान 6650 करोड़ रुपये की आर.ई. सब्सिडी प्रदान करेगा यानि कृषि क्षेत्र के लिए प्रयोग होने वाली बिजली। 


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Edited By

vinod kumar

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