शांतिपूर्ण ढंग से विरोध प्रदर्शन कर रहे निहत्थे किसानों पर बर्बरतापूर्ण तरीके से लाठीचार्ज करना गलत: विवेक बंसल

punjabkesari.in Saturday, Aug 28, 2021 - 07:28 PM (IST)

चंडीगढ़ (धरणी): हरियाणा में कांग्रेस पार्टी मामलों के प्रभारी विवेक बंसल ने शनिवार को बसताड़ा (करनाल) टोल प्लाजा पर भाजपा-जजपा की तानाशाह सरकार के आदेशों पर शांतिपूर्ण ढंग से विरोध प्रदर्शन कर रहे निहत्थे किसानों पर बर्बरतापूर्ण तरीके से लाठीचार्ज किए जाने की कड़े शब्दों में निंदा की है।

यहां जारी एक प्रैस विज्ञप्ति में विवेक बंसल ने कहा कि अपने अस्तित्व को बचाने के लिए देश के किसान पिछले लगभग 9 महीनों से शांतिप्रिय तरीके से आंदोलन कर रहे हैं और इस दौरान 600 के करीब किसान अपनी जान न्यौछावर कर चुके हैं। उन्होंने कहा कि केन्द्र की भाजपा सरकार पहले तो कोरोना के समय चुपचाप कृषि-विरोधी तीन अध्यादेश लाई थी परंतु जब कांग्रेस पार्टी ने इसका डटकर विरोध किया तो मोदी सरकार ने चोर रास्ते से बिलों को पारित कर दिया। 

उन्होंने कहा कि इन बिलों को पारित करने से पहले भाजपा सरकार ने न तो किसी कमेटी का गठन किया और न ही स्टेक होल्डर्स से कोई बातचीत की। भाजपा सरकार ने लोकतंत्र का गला घोंटकर कृषि विरोधी तीन काले कानून पारित कर दिए। देश का किसान, मजदूर इन कानूनों का विरोध कर रहा हैं, परंतु अहंकारी भाजपा सरकार उनकी आवाज सुनने को तैयार नहीं है। इसी कड़ी में आज किसान करनाल में विरोध प्रदर्शन कर रहे थे जिन पर भाजपा-जजपा सरकार ने बर्बरतापूर्ण कार्रवाई की। 

उन्होंने कहा कि करनाल में डयूटी मजिस्ट्रेट के वायरल वीडियों ने यह साबित कर दिया है कि हरियाणा के मुख्यमंत्री व उपमुख्यमंत्री ने ड्यूटी मजिस्ट्रेट के माध्यम से किसानों पर बर्बरतापूर्ण लाठीचार्ज करने का आदेश दिया था। इस लाठी चार्ज में सैंकड़ों लोगों को चोटें आई हैं और दर्जनों किसानों गंभीर रूप से घायल हुए हैं। उन्होंने मांग की कि हरियाणा सरकार को अपने इस तानाशाही रवैये के लिए तुरंत किसानों से माफी मांगनी चाहिए और नैतिकता के आधार पर इस्तिफा दे देना चाहिए।

विवेक बंसल ने कहा कि हाल ही में सम्पन्न हुए विधान सभा के मानसून सत्र में भाजपा-जजपा सरकार एक और विधेयक लेकर आई है जिसके माध्यम से हरियाणा की असंवेदनशील सरकार किसानों की जमीन कुछेक पूंजीपतियों के हवाले करने जा रही है। उन्होंने कहा कि पहले पीपीपी मोड के तहत बनने वाले प्रोजेक्ट के लिए जमीन अधिग्रहण के लिए 70 प्रतिशत किसानों की सहमति जरूरी थी। परंतु भाजपा-जजपा सरकार ने यूपीए सरकार द्वारा किए गए जमीन अधिग्रहण कानून में बदलाव करके किसानों की बर्बादी का एक और नया अध्याय लिखा है। सरकार के इस फैसले से अब पीपीपी मोड वाले प्रोजेक्ट के लिए किसानों की सहमति के बिना भूमि का अधिग्रहण किया जा सकेगा।

विवेक बंसल ने कहा कि कांग्रेस की सरकारों ने किसानों को सशक्त बनाने का काम किया, लेकिन आज भाजपा सरकार अपनी किसान-विरोधी मानसिकता के चलते लगातार अपने फैसलों और नए-नए कानूनों से किसानों को कमजोर करने का काम कर रही है। उन्होंने हरियाणा की भाजपा-जजपा सरकार से मांग की कि उनकी सरकार द्वारा किसानों को बर्बाद करने के लिए जो भूमि अधिग्रहण कानून में जो संशोधन किया गया है उसे तुरंत प्रभाव से रद्द किया जाए।
 

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Content Writer

Shivam

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