प्रदीप चौधरी रोक पाने में असमर्थ रहे तो उप चुनाव संभव: राम नारायण यादव

punjabkesari.in Sunday, Jan 31, 2021 - 11:28 PM (IST)

चंडीगढ़ (धरणी): जाने-माने संविधान विशेषज्ञ, हरियाणा विधानसभा के सेवानिवृत्त एडिशनल सेक्रेटरी, पंजाब विधानसभा के पूर्व एडवाइजर राम नारायण यादव ने कालका से कांग्रेस के विधायक रहे प्रदीप चौधरी को हिमाचल प्रदेश की एक अदालत द्वारा सजा होने पर हरियाणा विधानसभा से उनकी सदस्यता रद्द होने पर कहा कि प्रथम तो ये कि ये आदेश कोर्ट के हैं, स्पीकर साहब के नहीं, दूसरे सभा सचिवालय ने कोर्ट के आदेशों के अनुसार अनुच्छेद-191 व धारा-8(3) में घोषित दोषी की कालका सीट रिक्त घोषित करके अपना संवैधानिक दायित्व निभाया है।

राम नारायण यादव ने कहा कि अब प्रदीप को ऊपरी अदालत में अपील करनी होगी व कंविक्शन को रोकने की ऐप्लिकेशन लगानी होगी। न्यायालय केस के फैक्ट्स पर निर्णय लेगी। जनप्रतिनिधि अधिनियम,1951 की धारा-8 की उपधारा-4 को लिली थामस केस में अनुच्छेद-191 के अंतर्गत धारा 8(4) को निरस्त करने के निर्णय; के. प्रभाकरण के केस में अनुच्छेद-14 के अंतर्गत धारा-8 को सही ठहराए गए निर्णय; व दोनों निर्णयों के अनुसार उपधारा 3 को सही मानना, विशेषकर जब कि उपधारा 3 व 4 वर्ष 1989 के अधिनियम 1 द्वारा ही बदली गई थीं, जबकि उपधारा 3 में "अदर दैन ऐनी आफेंस सेक्शन (2)" का बना रहना।

राम नारायण यादव ने कहा कि अगर इस बीच चुनाव आयोग ने चुनाव घोषित कर दिया तो ये एक और नया मामला पैदा हो जाएगा, हालांकि ऐसे केसों में आदेशों पर रोक भी लगी है। ऐसे मामलों में पूर्व में क्या स्थिति रही हैं, पर उन्होंने कहा कि कंविक्शन के मामले में अयोग्यता के विषय 2013 के थॉमस मामले के बाद शुरू हुए, इससे पहले सिटिंग सदस्य का धारा 8(4) में बचाव था। तब से भारतीय विधायिकाओं में लगभग 10 केस हुए हैं। कुछ में कनविक्सन व अयोग्यता पर रोक भी लगी, जिनमें अंतिम न्यायालय के निर्णय लम्बित भी हैं। चुनाव आयोग की चुनाव अधिसूचना पर भी रोक लगी है और ऐसे केस में सर्वोच्च न्यायालय को दिशानिर्देश देने पड़े। 1 सदस्य ने कनविक्सन के दूसरे दिन त्यागपत्र दे दिया, परंतु दूसरी अयोग्यता से नहीं बच पाए। चुनाव आयोग ने किन्हीं परिस्थितीयों में कनविक्सन के केसों में अयोग्यता में छूट भी दी है। एक बात स्पष्ट है कि प्रदीप चौधरी रोक प्राप्त करने में असमर्थ रहे तो चुनाव सम्भव है व उनका अंतिम कोर्ट का निर्णय उनके विधायकी के समय असम्भव सा है। हरियाणा में यह ऐसा पहला मामला है।


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Shivam

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