SYL का मुद्दा कोई जिन्न नहीं हरियाणा का अधिकार है, पंजाब में सत्तासीन कांग्रेस सबसे बड़ा रोड़ा: यादव

punjabkesari.in Thursday, Dec 24, 2020 - 04:08 PM (IST)

चंडीगढ़ (धरणी): कृषि कानूनों को लेकर आए दिन बढ़ रहे बवाल को लेकर हरियाणा सरकार बेहद चिंतित है। राज्य के मंत्री लगातार किसानों से अपील करते हुए नजर आ रहे हैं और किसानों के हित में इन कानूनों को बता रहे हैं। आज पंजाब केसरी ने हरियाणा समाज कल्याण मंत्री ओम प्रकाश यादव से विशेष मुलाकात की। जिसमें उन्होंने एसवाईएल पर कांग्रेस को करारा जवाब देते हुए कहा कि तराई क्षेत्र के लोगों के लिए भले ही एसवाईएल का मुद्दा कोई खास ना हो, लेकिन वह क्षेत्र जिनमें पीने तक का पानी नहीं है, उनके लिए यह हमेशा एक प्रमुख मुद्दा रहा है। उन्होंने पंजाब की सत्ता पर आसीन कांग्रेस पार्टी को एसवाईएल मामले में सबसे बड़ा रोड़ा बताया। 

प्रश्न:- कृषि कानूनों के विरोध में किसानों द्वारा दिल्ली को चारों तरफ से घेरा हुआ है। क्या कहेंगे?
 उत्तर:- इन बिलों को लेकर कुछ लोग राजनीति कर रहे हैं। भोले-भाले किसान को बरगलाने, बहकाने का काम कर रहे हैं, जबकि यह कानून किसान के हित में है और यह सरकार किसानों ने बनाई है और यह सरकार भी किसानों के हित में है।

प्रश्न:- बतौर मंत्री आप के किसानों से क्या अपील है? 
उत्तर:- मैं किसानों से अपील करता हूं कि यह बहुत सोच समझ कर बनाए गए कानून हैं। यह एकदम नहीं बनाए गए 20 साल से इसकी प्रक्रिया चल रही थी। किसी सरकार द्वारा इसकी प्रपोजल रखी गई, किसी में विचार हुआ। अनेकों बार मीटिंग हुई। लेकिन पीएम मोदी ने इसे प्राथमिकता देते हुए किसानों के हितों में सोचते हुए इसे लागू करने का काम किया। किसान भोला होता है और कांग्रेसी इन्हें बहकाने का काम कर रही है। लेकिन धीरे-धीरे इनके बारे में लोगों को समझ आ जाएगी। हम इनसे उन्नत खेती की तरफ बढ़ेंगे। किसानों को अच्छे भाव मिलेंगे और उनकी आय बढ़ेगी।

प्रश्न:- हरियाणा कांग्रेस ने हुड्डा के नेतृत्व में गवर्नर को जल्द सेशन बुलाने के लिए ज्ञापन दिया है?
उत्तर:- यह बात मेरे संज्ञान में नहीं है, लेकिन फरवरी में बजट सेशन तो होता ही है और यह एक्ट भारत सरकार द्वारा बनाए गए हैं। इसलिए हरियाणा को सेशन बुलाने की जरूरत नहीं है।

प्रश्न:- आपके जेहन में ऐसा क्या समाधान है जिससे यह आंदोलन शांत हो सके?
उत्तर:- किसान भाइयों को समझाने की जरूरत है, वह भ्रम में पड़े हुए हैं। क्योंकि जब ज्ञान कम होता है तो ही आदमी बहक सकता है। उन्हें इन कानूनों से किसानों को होने वाले फायदों के बारे में बताया जाना जरूरी है।

प्रश्न:- आपके समाज कल्याण विभाग द्वारा कितने लोगों को पेंशन दी जा रही है और क्या कोरोना काल में सभी को रेगुलर पेंशन मिलती रही है?
उत्तर:- 27 लाख के करीब पेंशन धारक लाभ उठा रहे हैं। हमने कोरोना कॉल के दौरान भी सभी को पेंशन दी हैं। किसी की भी पेंशन में बाधा नहीं आई है। लगभग 600 करोड़ रुपए पेंशन पर सालाना खर्च होता है और कोरोना काल में भी हमारे विभाग द्वारा सभी को लगातार पेंशन दी गई है।

प्रशन:- एच.आई.वी. पॉजिटिव और कैंसर पीड़ित लोगों को भी पेंशन देने की योजना की घोषणा की गई थी लेकिन देरी क्यों और कब तक इसे शुरू करने की उम्मीद है?
उत्तर:- कैंसर पीड़ित और एचआईवी पॉजिटिव दोनों की पेंशन हम शुरू करना चाहते हैं। हमारे मुख्यमंत्री मनोहर लाल जी ने 8 महीने पहले इसकी घोषणा की थी। इसमें सर्वे करके जो पहचान करने का काम था वह स्वास्थ्य विभाग को सौंपा गया था इसमें कुछ डील हुई है। अब लॉकडाउन खत्म हो चुका है और स्वास्थ्य विभाग जल्द ही हमें डाटा सौंपने वाला है।

प्रश्न:- एसवाईएल का मुद्दा जिन्न की तरह क्यों बाहर आया है?
उत्तर:- यह कोई जिन्न नहीं हरियाणा का अधिकार है एसवाईएल का मुद्दा जीवित था और है। हरियाणा का जो तराई का क्षेत्र है, उन्हें पानी मिल रहा है। लेकिन हम उस क्षेत्र से हैं जहां न तो पीने का पानी है, ना खेती का पानी है और ना हमारे जोड़ों में पशुओं के लिए पीने का पानी है। हमारे लिए तो यह एसवाईएल का मुद्दा कहीं नहीं गया, यह कोई जिन्न नहीं जो बोतल में बंद हो गया हो। हमारे तो घर के दरवाजे के सामने यह हमेशा खड़ा रहा है और लगातार जिंदा रहा है।

प्रश्न:- कांग्रेस कह रही है कि केंद्र और राज्य में भाजपा की सरकार है तो फिर देरी क्यों?
उत्तर:- पंजाब में कांग्रेस इसमें रोड़ा है। इसी अमरिंदर सिंह ने एक बिल पास किया था जो एसवाईएल को रोकने का प्रस्ताव था। यह कांग्रेस वाले भाइयों से पूछो कि उनका मुख्यमंत्री है पंजाब से समाधान क्यों नहीं करवाते?


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Shivam

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