रेल लाइन के इंतजार में युवा हुए बूढ़े, हुड्डा और शैलजा विवाद भी रहा ना बनने का कारण

punjabkesari.in Wednesday, Oct 20, 2021 - 03:46 PM (IST)

चंडीगढ़ (धरणी): देश में अभी भी कई ऐसे इलाके है जहां लोगों ने आज तक रेल लाइन और रेलगाड़ी नहीं देखी। चंडीगढ़ से यमुनानगर वाया नारायणगढ़ साडोरा रेल लाइन की चार दशक पुरानी मांग अभी तक सिरे नहीं चढ़ी है। इस रेल लाइन के बनने से शिवालिक इलाके का विकास होता, वहीं इन इलाकों का पिछड़ापन भी दूर हो सकता था। रेल लाइन के बनने से जहां इस इलाके में कई तरह के उद्योग धंधे चालू होते और हजारों लोगों को रोजगार मिलता, लेकिन अभी तक इसका निर्माण नहीं हो पाया है। 

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रेल लाइन के निर्माण का मुद्दा कई बार लोकसभा में उठ चुका है। हर बार रेल मंत्रियों द्वारा आश्वासन दिए गए, लेकिन धरातल पर कुछ खास नजर नहीं आया। 91 किलोमीटर लंबी इस रेल लाइन के निर्माण पर 1000 करोड़ से अधिक का खर्च आना है। यहां बड़ी दिक्कत आ रही है रेल लाइन के लिए जमीन की। जिसके लिए 1000 से 1500 करोड़ की राशि खर्च होगी। रेल लाइन के लिए दूसरी बार सर्वे पूरा हो चुका है। इस महत्वाकांक्षी परियोजना पर चार दशक पहले भी सर्वे तो हुआ, लेकिन आगे रेलवे लाइन बिछाने की दिशा में कदम नहीं बढ़ सके।

इस ट्रैक के धरातल पर आने से न सिर्फ यमुनानगर, अंबाला, पंचकूला और चंडीगढ़ के लोगों को भी फायदा होगा। इस रेल लाइन के लिए 2017 के बजट में 25 करोड़ की राशि मंजूर हुई थी। इस राशि से रेल लाइन का सर्वे मुकम्मल हो चुका है। हरियाणा रेल इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट कॉरपोरेशन लिमिटेड के अधिकारियों के अनुसार इस प्रोजेक्ट की फीजिबिलिटी स्टडी पूरी कर ली गई है। आगामी कार्रवाई के लिए मामला पीडब्ल्यूडी के इंजीनियर इन चीफ को भेजा गया है। 

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इन इलाके के रहने वाले लोगों का कहना है कि वह 40 वर्षों से इस रेल लाइन की बात सुनते आ रहे हैं, लेकिन रेल लाइन नहीं बिछी। वह रेल लाइन देखने के इंतजार में युवा से बूढ़े हो चले हैं। अब अपनी उम्र के अंतिम पड़ाव में है, लेकिन अभी भी रेल लाइन बिछाने की कोई आस नजर नहीं आ रही। ठस्का गांव के रामफल का कहना है कि मैंने आज तक रेल लाइन नहीं देखी। हमें उम्मीद थी कि हमारे जीवन में हमारे इलाके से रेल लाइन गुजरेगी। लेकिन ऐसा कुछ नजर नहीं आ रहा। हर बार हम बजट सत्र में टकटकी लगाए रहते हैं कि इस रेल लाइन के लिए पैसा मंजूर होगा। लेकिन रेल लाइन का जिक्र तक नहीं होता।

भूपेंद्र सिंह हुड्डा और कुमारी शैलजा में विवाद भी रहा कारण
कुमारी शैलजा अंबाला संसदीय क्षेत्र से दो बार सांसद रही। इसी दौरान प्रदेश में मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा रहे। दोनों के बीच टकराव रहा। जिसके चलते अंबाला संसदीय क्षेत्र की कई परियोजनाएं सिरे नहीं चढ़ी। उसमें एक परियोजना चंडीगढ़-यमुनानगर रेल लाइन भी है।

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हरियाणा प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष व अंबाला की सांसद रही पूर्व केंद्रीय मंत्री कुमारी शैलजा का कहना है कि यह रेल लाइन इलाके के लिए लाइफ लाइन है। उन्होंने कहा कि इसके बनने से इलाके का पिछड़ापन दूर होगा। शैलजा ने बताया कि अपने कार्यकाल में उन्होंने रेलवे बजट में इसका प्रावधान करवाया था। पहले हालांकि रिपोर्ट फीजिबल नहीं थी, लेकिन उसके बाद फिर से रिपोर्ट करवाई गई। कुमारी शैलजा का कहना है कि लगातार देरी की वजह से यह प्रोजेक्ट लगातार महंगा होता जा रहा है। अगर यह प्रोजेक्ट आज से चार दशक पहले पूरा हुआ होता तो इस पर निर्माण लागत बहुत कम आती और साडोरा, नारायणगढ़, बरवाला, रायपुर रानी सहित विभिन्न इलाकों में खुशहाली आ चुकी होती। उन्होंने वर्तमान सरकार से अपील की कि इस प्रोजेक्ट को शीघ्र पूरा किया जाए।

वहीं साढौरा के पूर्व विधायक राजपाल भूखड़ी का कहना है कि उस दौरान हरियाणा के कई इलाकों में नई रेल लाइनें बिछी। जिसके लिए हरियाणा सरकार ने आधी राशि खर्च की, लेकिन जब चंडीगढ़ यमुनानगर रेल लाइन की बात आई तो हरियाणा सरकार ने अपने हाथ खींच लिए। इसी के चलते इसका निर्माण अभी तक अधर में लटका रहा। हरियाणा व केंद्र में दूसरी बार जहां भाजपा सत्ता में है। वहीं इससे पहले दो बार हरियाणा व केंद्र में कांग्रेस की सरकार रही। भूखड़ी का आरोप है कि दोनों ही बार दोनों जगह एक ही पार्टी की सरकार होने के बावजूद यह महत्वपूर्ण परियोजना सिरे नहीं चढ़ी। इसका यही कारण समझ आता है कि इस इलाके के विकास के लिए सरकारें गंभीर नहीं हैं। 

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इस संबंध में पूर्व केंद्रीय मंत्री व अंबाला के सांसद रतनलाल कटारिया का कहना है कि उन्होंने अपने 2017 के कार्यकाल में 25 करोड़ की राशि मंजूर कराई थी। उन्होंने बताया कि यह मुद्दा वह कई बार लोकसभा में उठा चुके हैं और जल्दी ही इस मांग को लेकर रेल मंत्री से मुलाकात करेंगे। हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल से वह मिल चुके हैं और इस परियोजना को जल्द पूरा करने का आग्रह कर चुके हैं। मुख्यमंत्री ने उन्हें भरोसा दिलाया है कि इस पूर्व परियोजना को प्राथमिकता के आधार पर पूरा किया जाएगा। 

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Content Writer

vinod kumar

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