गैंगरेप अपराधियों के बजाय बेरोजगारों को जेल में डाल रहे सीएम :सुखविंद्र नारा

punjabkesari.in Wednesday, Jan 17, 2018 - 04:49 PM (IST)

चंडीगढ़(धरणी): युवा वकील, कांग्रेस के नेता व पूर्व सीनियर डिप्टी एडवोकेट जनरल सुखविंदर नारा ने हरियाणा में लगातार हुए 5 बलात्कारों की घटना को दुर्भाग्यपूर्ण बताया। उन्होंने इन वारदातों की कटु शब्दों में निंदा करते हुए इस बात पर जोर दिया कि हरियाणा में नैतिक शिक्षा को प्राथमिकता व बढ़ावा देने की काफी जरूरत है।

वहीं, इस मुद्दे पर हरियाणा के मुख्यमंत्री को ट्वीट करते हुए उन्होंने कहा कि हरियाणा में बेटियां डर के माहौल में जी रही हैं। ऐसा तो हमारा हरियाणा नही था। क्या यही बेटी पढ़ाओ-बेटी बचाओ की सफलता है? अपराधियों को पकड़ने की बजाय मुख्यमंत्री ने पुलिस को उन गरीब लोगों को जेल में डालने के काम पर लगा रखा है, जो बेरोजगारी भत्ते की मांग करते है।

उन्होंने कहा कि दिल्ली निर्भया केस के बाद कानून में संशोधन हुआ था, लेकिन फिर भी महिलाओं के साथ अपराध की घटना बढ़ती ही जा रही है। नेशनल क्राइम ब्यूरो के डाटा के आकड़ों को देखे तो ये साफ-साफ महिलाओं की सुरक्षा और गंभीरता को लेकर सरकार की पोल खोलती नजर आती है। सरकार की इस नाकामी ने प्रदेश को अपराध हब के रूप में शर्मनाक ढंग से बदनाम कर दिया है।

अगर बात करे आकड़ों की तो वर्ष 2016 में हत्या के 1090,  बलात्कार के 1198, सामूहिक बलात्कार के 191 और अपहरण के 4019 मामले दर्ज हुए है। जिसका सीधा मतलब है कि प्रदेश में हर रोज तीन हत्याएं और तीन बलात्कार हो रहे है। सरकार की आखें अगर अभी भी नही खुली तो इसका खामयाजा भुगतने के लिए तैयार रहें।

महिलाओं की सुरक्षा को लेकर नारा ने बीजेपी सरकार पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि जींद में एक दलित बेटी के साथ हुई सामूहिक बलात्कार और दुराचार के बाद हत्या की घटना ने प्रदेश को झकझोर कर रख दिया है। राज्य की बीजेपी सरकार न तो बेटियों को पढ़ा पा रही है और न ही बचा पा रही हैं। राज्य में कानून व्यवस्था की हालत इतनी खराब है कि यहां महिलाएं बिल्कुल सुरक्षित नही है। वहीं, प्रदेश में महिलाओं के खिलाफ बढ़ते रेप के मामले गंभीर चिंता का विषय है।

उनका कहना था कि प्रदेश में लगातार महिलाओं के साथ मार-पीट, गैंगरेप व अत्याचार की घटनाएं सामने आ रही हैं। जिससे मानवता भी शर्मसार हो रही है लेकिन प्रदेश की भाजपा सरकार को कानून व्यवस्था से कोई सरोकार नही है। वहीं, अब महिलाओं को अपनी सुरक्षा को लेकर खूद ही ठोस कदम उठाने होंगे।


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