सड़क हादसे में गई 3 युवकों की जान

punjabkesari.in Tuesday, Dec 10, 2019 - 12:31 PM (IST)

जींद (जसमेर) : चंडीगढ़-हिसार नैशनल हाईवे नंबर-65 पर कुरुक्षेत्र के पिहोवा के समीपवर्ती गांव फूलगढ़ भेरियां गांव के पास सड़क हादसे में जींद जिले के नरवाना उपमंडल के धनौरी गांव के पाला राम के घर का इकलौता चिराग सदा-सदा के लिए बुझ गया। धनौरी का पाला राम 3 महीने पहले पत्नी की मौत के सदमे से उबरा भी नहीं था कि अब उसका इकलौता बेटा सड़क हादसे में मौत का शिकार बन गया।

सड़क हादसे में धनौरी गांव के अढ़ाई साल के वीरेन के सिर से पिता का साया सदा-सदा के लिए उठ गया। सोमवार को जब धनौरी गांव में एक साथ 3 चिताएं जलीं, तब पूरा गांव मातम में डूब गया। सड़क हादसे में जान गंवाने वाले तीनों युवक धनौरी गांव के थे। इनमें 23 साल का सोनू, 24 साल का संदीप और 31 साल का जसवंत शामिल थे। धनौरी के सोनू ने पिहोवा के पास जमीन खेती के लिए ठेके पर ली हुई थी। उसे लगभग अढ़ाई एकड़ जमीन में गेहूं की बिजाई करनी थी और इसके लिए वह अपने ही गांव के संदीप और जसवंत को भी लेकर गया था।

खेतों में गेहूं की बिजाई का काम पूरा करने के बाद यह तीनों शनिवार रात बाइक पर अपने गांव धनौरी वापस लौटने के लिए निकले थे। चंडीगढ़-हिसार नैशनल हाईवे नंबर-65 पर उनकी बाइक को ट्रक ने टक्कर मार दी। इसमें तीनों की मौके पर मौत हो गई। इस सड़क हादसे में धनौरी के 3 युवकों की मौत का समाचार शनिवार रात ही गांव में पहुंच गया था।  जब तीनों युवकों के शव गांव में पहुंचे तो पूरा गांव मातम में डूब गया था।

गांव में एक साथ 3-3 युवकों की चिताएं इस तरह जलीं, तब पूरे गांव में मौत का सन्नाटा सा छाया हुआ था। गांव के राजाराम धनौरी के अनुसार एक सड़क हादसे में गांव के 3 युवकों की मौत के समाचार ने पूरे गांव को गम के गहरे सागर में डुबो दिया। तीनों के अंतिम संस्कार में शामिल हुए तमाम लोगों की आंखें आंसुओं से लबरेज थी। 

नैशनल हाईवे पर हुए सड़क हादसे में जान गंवाने वाला धनौरी गांव का संदीप अपने पीछे अढ़ाई साल के बेटे वीरेन और विधवा पत्नी सुमन को छोड़ गया है। इस सड़क हादसे ने सुमन को विधवा बना दिया तो उसके अढ़ाई साल के बेटे वीरेन से बाप का साया सदा-सदा के लिए छीन लिया। सड़क हादसे में पति की मौत से सुमन गहरे सदमे में चली गई। संदीप के पिता सतबीर उर्फ लीलू को बेटे की मौत से टूटे गमों के पहाड़ को उठाने के साथ-साथ अब अपने अढ़ाई साल के पोते वीरेन को पालने और पोसने के साथ-साथ उसे पढ़ाने का बोझ भी उठाना पड़ेगा। 
 


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Isha

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