बेटी की गर्भ में हत्या करवाना जघन्य अपराध : डी.सी.

punjabkesari.in Monday, Feb 17, 2020 - 01:52 PM (IST)

करनाल (शैली) : उपायुक्त निशांत कुमार यादव ने कहा कि लिंग जांच के बाद बेटी की गर्भ में हत्या करवाना एक जघन्य अपराध के साथ-साथ पाप भी है। इस सामाजिक बुराई को रोकने के लिए पी.एन.डी.टी. एक्ट को सख्ती से लागू किया जा रहा है। गर्भ में लिंग की जांच करने वाले डाक्टर व इस धंधे में लगे लोगों को रंगे हाथों पकडऩे के लिए सरकार की ओर से 1 लाख रुपए की राशि ईनाम के रूप में दी जाती है, यह राशि उस व्यक्ति को मिलेगी जो गर्भ में लिंग जांच की सूचना सिविल सर्जन कार्यालय या जिला प्रशासन को देगा, सूचना देने वाले का नाम गुप्त रखा जाता है।

उन्होंने बताया कि हरियाणा सरकार की ओर से आपकी बेटी-हमारी बेटी योजना में संशोधन के बाद किसी भी परिवार में तीसरी बेटी के जन्म लेने पर आर्थिक सहायता का लाभ दे रही है। करनाल जिले में इस योजना के तहत चालू वित्त वर्ष के दौरान अब तक महिला एवं बाल विकास विभाग की ओर से 3 हजार 361 बेटियों के लिए प्रति बेटी 21 हजार रुपए की राशि के हिसाब से करीब 7 करोड़ 58 लाख रुपए की राशि एल.आई.सी. में निवेश की गई है। लड़की की आयु 18 वर्ष होने पर निवेश के बाद जमा कुल धनराशि अभिभावकों को मिलेगी।

उन्होंने बताया कि यह राशि परिवार में जन्मी पहली, दूसरी व तीसरी लड़की के लिए निवेश की गई है। इनमें 1 हजार 8 पहली बेटियां, 1516 दूसरी बेटी और 837 तीसरी पैदा हुई बेटियां शामिल हैं। उन्होंने बताया कि हरियाणा सरकार की ओर से योजना में संशोधन किया गया था कि अनुसूचित जाति, बी.पी.एल., पिछड़ा वर्ग तथा सामान्य वर्ग में 22 जनवरी 2015 के बाद जन्मी लड़की को 21 हजार रुपए तथा अनुसूचित जाति पिछड़ा वर्ग व सामान्य वर्ग में 24 अगस्त 2015 के बाद जन्मी लड़की के लिए 21 हजार रुपए की राशि एल.आई.सी. में जमा करवाई जाएगी। लड़की की आयु 18 वर्ष पूरे होने के बाद यह राशि अभिभावकों को दी जाती है, ताकि बेटी के विवाह के समय परिवार की आर्थिक मदद हो सके।

बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ अभियान निरंतर सफलता की ओर
उन्होंने बताया कि बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ अभियान अब निरंतर सफलता की ओर बढ़ रहा है। देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कुछ वर्ष पहले पानीपत से इस योजना का शंखनाद किया था और संदेश दिया था कि समाज में बेटा-बेटी एक समान है, बेटियों को आगे बढऩे के सभी अवसर देकर उन्हें और अधिक सशक्त बनाने की जरूरत है। प्रधानमंत्री की घोषणा के बाद हरियाणा में मुख्यमंत्री मनोहर लाल के नेतृत्व में जोर-शोर से काम हो रहा है। लिंलगानुपात में सुधार की बात करें तो हरियाणा में लड़कियों का लिंगानुपात लड़कों के मुकाबले राष्ट्रीय स्तर से ज्यादा है। लक्ष्य है कि आने वाले वर्षों में 1 हजार लड़कों के पीछे लड़कियों की संख्या भी बराबर हो।


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Isha

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