डाहर टोल साढ़े 6 घंटे तो 17 घंटे फ्री रहा जीटी रोड टोल प्लाजा, 28 लाख का हुआ घाटा

punjabkesari.in Saturday, Dec 12, 2020 - 11:41 PM (IST)

पानीपत, 12 दिसम्बर (संजीव नैन) : तीन कृषि कानूनों के विरोध में किसान यूनियनों के आह्वान पर किसानों ने यूनियन के बैनर तले शनिवार को पानीपत के दो टोल प्लाजा पर धरने दिए तथा टोल को फ्री करवा दिया। जिसके चलते दोनों टोल प्लाजा को कुल मिलाकर करीब 28 लाख रुपए का आर्थिक नुकसान उठाना पड़ा है। इन दौरान न केवल टोल पर्ची पूरी तरह से बंद रही बल्कि टोल से गुजरने के दौरान वाहनों की स्पीड अधिक होने के कारण फास्टटैग से भी वाहन चालकों के पैसे नहीं कटे। इसके साथ-साथ पंजाब से आए किसानों के सैकड़ों वाहन भी टोल प्लाजा से फ्री ही निकले। जहां जी.टी. रोड पर स्थित टोल प्लाजा शुक्रवार मध्यरात्रि 12 जिले से शनिवार शाम 5 बजे तक 17 घंटे तक फ्री रहा वहीं डाहर टोल प्लाजा शनिवार सुबह साढ़े 10 बजे से शाम 5 बजे तक साढ़े 6 घंटे तक फ्री रहा है।
तीन कृषि कानूनों के विरोध में दिल्ली में आन्दोलन कर रहे किसान यूनियन के नेताओं ने शनिवार को देशभर के टोल प्लाजा को फ्री कराने का ऐलान किया था। जिस पर भारतीय किसान यूनियन के पानीपत जिला प्रधान कुलदीप बलाना के नेतृत्व में शुक्रवार मध्यरात्रि 12 बजे ही किसानों ने दिल्ली-चंंडीगढ़ नैशनल हाईवे स्थित एलएंडटी के टोल प्लाजा पर पहुंचे तथा वहां कर्मचारियों व अधिकारियों से बातचीत करते हुए टोल फ्री करा दिया। टोल कर्मी दोबारा टोल वसूलना शुरू न कर दें। इसी बात को लेकर किसानों ने शुक्रवार मध्यरात्रि से शनिवार शाम 5 बजे तक जीटी रोड प्लाजा पर धरना भी दिया। इसी दौरान फास्टटैग के सेंसर भी बंद करवा दिए गए थे। मैनेजर योगेश  कुमार ने बताया कि जितने घंटे तक टोल को फ्री करवाया गया है कि उस दौरान इस टोल से औसतन 30 से 35 हजार तक वाहन गुजरते हैं। इस प्रकार टोल फ्री होने से कम्पनी को करीब 20 लाख रुपए का नुकसान उठाना पड़ा है।
वहीं दूसरी ओर किसान नेताओं का एक दूसरा दल पानीपत-रोहतक हाईवे पर डाहर टोल प्लाजा पर शनिवार सुबह करीब साढ़े 10 बजे पहुंचा तथा मैनेजर से बातचीत करके  टोल को फ्री करवाया। यूनियन के आहवान पर डाहर टोल प्लाजा के आसपास के गांव के किसानों ने टोल पर पहुंच कर धरना दे दिया था। इस टोल पर साढ़े 6 घंटे के दौरान ही 8 लाख रुपए का नुकसान होने की बात टोल प्रबंधन द्वारा कही जा रही है। टोल पर मौजूद किसान वहां से गुजरने वाले वाहन चालकों से इस बात की जानकारी लेते रहे कि कहीं उनके फास्टटैग से तो पैसे नहीं कट रहे हैं। हालांकि टोल कर्मियों ने पहले ही किसान नेताओं को बता दिया था कि फास्टटैग के सैंसर बंद कर दिए गए हैं जिससे अब फास्टटैग से भी टैक्स के पैसे नहीं कटेंगे। बताया जा रहा है कि टोल बंद रहने की अवधि के दौरान यहां से करीब 14-15 हजार वाहन गुजरते रहे हैं।

 


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Content Editor

Sanjeev Nain

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