किसानों व मजदूरों ने किया जमकर प्रदर्शन, बजट को लेकर केंद्र सरकार से की मांग

punjabkesari.in Wednesday, Feb 02, 2022 - 05:49 PM (IST)

अमृतसर (दलजीत शर्मा): केंद्र सरकार की तरफ से जारी बजट का पंजाब में किसानों और मजदूरों की तरफ से जमकर विरोध किया जा रहा है बजट के विरोध में जत्थेबंदी की तरफ से अमृतसर समेत 15 जिलों में प्रधानमंत्री नरेन्दर मोदी के पुतले फूंक कर रोष-प्रदर्शन किया गया है।

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किसान-मजदूर संघर्ष समिति पंजाब के राज्य प्रधान सतनाम सिंह पन्नू और राज्य जनरल सचिव सरवण सिंह पंधेर ने लिखित प्रेस बयान द्वारा बताया कि मोदी सरकार की तरफ से 2022-23 का सालाना बजट पेश किया गया है, वह पूरी तरह कॉर्पोरेट समर्थकी और किसान-मजदूर विरोधी है। इसके विरोध में पंजाब के 15 जिलों में मोदी सरकार के पुतले फूंक कर रोष-प्रदर्शन किए गए और प्रवक्तों की तरफ से मांग की गई कि देश में किसानों-मजदूरों का कंचूमर निकालने, आर्थिक विभाजन और बड़ा करने व देश का धन 1% लोगों के पास इकट्ठा करने की जिम्मेदार साम्राज्यीय निजीकरण, उदारीकरण और संसारीकरण की नीतियां रद्द करने की मांग की गई। किसान नेताओं ने आगे बताया कि पिछले बजट में खेती सेक्टर पर खर्च करने के लिए 1 लाख करोड़ रुपए रख कर सिर्फ 2 हजार करोड़ रुपए खर्च किए गए हैं और इस बार एम.एस.पी. के अंतर्गत फसलें खरीदने के लिए रखी गई राशि पिछले बजट में रखी गई निर्धारित राशि की अपेक्षा भी 9 हजार करोड़ रुपए कम है। यह राशि धीरे-धीरे घटा कर गेहूं, धान की 6% खरीदी जाती फसल की खरीद भी बंद करने की तैयारी है। इसी तरह खाद पर सब्सिडी घटाई गई है और मनरेगा में राशि 98 हजार करोड़ से घटा कर 75 हजार करोड़ कर दी गई है जबकि मनरेगा में और बड़ी राशि रख कर किसानों-मजदूरों की खरीद शक्ति बढ़ाने और खेती पेशों के सभी काम मनरेगों में डालने की जरूरत थी। 

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इसी तरह पिछले बजट में कुल बजट का 4.25% ग्रामीण क्षेत्र के लिए रखी निर्धारित राशी को और घटा कर इस बार 3.84% कर दिया गया है। दूसरी तरफ कॉर्पोरेट को इन्कम टेक्स पर छूट देकर 25% से 15% कर दी गई है। केंद्रीय बजट का कुल खर्चा 39 लाख करोड़ के लगभग दिखाया गया है और आमदन 22 लाख करोड़ है। केंद्र सरकार 17 लाख करोड़ की कमी खुली छोड़ रही है, जिसके साथ महंगाई बढ़ेगी और गरीबों और मध्य वर्ग पर ओर टेक्स लगेंगे। किसान नेताओं ने पंजाब और देश के लोगों को लामबंद ढिंढोरे कार्पोरेट समर्थकी नीतियां लागू करने वाले देश के वोट बटोरते हाकिमों विरुद्ध चलने वाले तीखे संघर्षों में शामिल होने का न्योता देते मांग की कि कॉर्पोरेट घरानों पर इन्कम टेकस की दरें बढ़ाने, देश में सरमाएदारों, जागीरदारों, राजसी नेताओं, अफसरशाही और माफिया ग्रुपों की बनाई नाजायज जायदादों जब्त करने, जमीन की भी पुनर्वितरण करने की लोग समर्थकी पालिसियां बनाईं जाएं। बजट में जीरो बजट खेती का जिक्र किया गया है पर वितरण मामूली रखा गया है। अगर सरकार की नीयत साफ है तो रासायनिक खेती माडल रद्द करके पार्लियामेंट में डिबेट करने के बाद जीरो बजट खेती लागू की जाए और इस पर केंद्रीय बजट का किसानों की आबादी के हिसाब के साथ बनता हिस्सा रखा जाए, एम.एस.पी. का 23 फसलों की खरीद के लिए लाभकारी मूल्य व गारंटी देने का कानून बनाया जाए।

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News Editor

Urmila

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