किलोमीटर स्कीम के तहत बसें किराए पर लेने की नीति रद्द करने की मांग

punjabkesari.in Thursday, Mar 19, 2020 - 01:31 PM (IST)

रोहतक : भारत की कम्युनिस्ट पार्टी (माक्र्सवादी) ने मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर को पत्र लिखकर रोडवेज विभाग में निजी आप्रेटरों की बसे किलोमीटर स्कीम के तहत किराए पर लेने की नीति रद्द करने की मांग की। पार्टी राज्य सचिव सुरेंद्र सिंह ने मुख्यमंत्री को लिखे पत्र में कहा कि पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय में सुनवाई के दौरान मई 2019 में सरकार ने किलोमीटर स्कीम बारे विजीलैंस जांच के आदेश दिए थे।

पुलिस अधीक्षक के नेतृत्व में की गई विजीलैंस जांच की रिपोर्ट ने पूरी टैंडर प्रक्रिया को मिलीभगत, धोखाधड़ी, फ्रॉड और राज्य के हितों के खिलाफ बताते हुए पूरी तरह दोषपूर्ण ठहराया है। उन्होंने कहा कि टैंडर प्रक्रिया की विजीलैंस जांच के आधार पर 5 निजी ऑप्रेटरों के खिलाफ विभिन्न धाराओं के तहत मुकद्दमे दर्ज करने और एक एच.सी.एस. अधिकारी समेत 4 विभागीय कर्मचारियों व 2 अन्य विभागों के अधिकारियों के खिलाफ सिविल सेवा नियमों के तहत अनुशासनात्मक कार्रवाई की सिफारिश की गई है। 

उन्होंने कहा कि आरोपी निजी ऑप्रेटरों को ब्लैक लिस्ट करने और उनके खिलाफ कार्रवाई करने की बजाय परिवहन विभाग ने मंत्रिमंडल के निर्णय का हवाला देकर उन्हीं आरोपी निजी ऑप्रेटरों को बसें चलाने का मौका दे दिया है। यह कदम अपराधियों को ही फायदा पहुंचाने वाला है। उन्होंने कहा कि पार्टी शुरू से ही कहती रही है कि ऐसा गोलमाल सर्वोच्च स्तर पर संलिप्तता के बगैर संभव नहीं है क्योंकि नीतिगत निर्णय सर्वोच्च स्तर पर ही लिए जाते हैं तथा निचले स्तर के कर्मचारी ऐसा करने में सक्षम नहीं होते।

विजीलैंस जांच में दोषी पाए जाने के बावजूद उन्हें ही बसें चलाने की इजाजत दिए जाने से इसकी पुष्टि हो जाती है। उन्होंने कहा कि 2018 में रोडवेज कर्मचारी किलोमीटर स्कीम के खिलाफ हड़ताल करके रा४य के हितों को बचाने में ही लगे थे। उन्हें जनता का भी व्यापक समर्थन प्राप्त हुआ था, परंतु भाजपा सरकार ने उनकी बात सुनने की बजाय उत्पीडऩ और दमन का रास्ता अपनाया। गौरतलब है कि रोडवेज कर्मचारियों और जनता के अन्य हिस्सों के खिलाफ संगीन मुकद्दमे और उत्पीडऩ की कार्रवाई अभी भी जारी हैं। उन्होंने सरकार को चेतावनी दी कि अगर उसने इन मांगों बारे सकारात्मक रवैया नहीं अपनाया तो जनता को मजबूरन आंदोलन का रास्ता अपनाना पड़ेगा।


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Isha

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