रासायनिक रंगों से सजने लगी गणेश की मूर्तियां

punjabkesari.in Friday, Aug 30, 2019 - 02:34 PM (IST)

रोहतक: गणेश चतुर्थी का पावन पर्व 2 सितम्बर से पूरे देश में धूमधाम से मनाया जाएगा। जिले में भी गणेश चतुर्थी के पावन अवसर पर भव्य पंडालों के बीच हजारों मूर्तियां हर वर्ष घरों, पंडालों व मंदिरों में स्थापित की जाती हैं, जिन्हें बाद में पानी में प्रवाहित किया जाता है। गत वर्ष प्रशासन ने हाई कोर्ट के आदेश पर नहरों में मूर्ति प्रभावित करने पर रोक लगाई थी और गौकर्ण सरोवर को मूर्ति प्रवाहित करने के लिए अस्थायी विकल्प के तौर पर लिया था।

एक बार फिर प्रशासन को मूर्ति प्रवाहित करने के लिए अस्थायी विकल्प खोजना होगा, क्योंकि इस बार फिर से मिट्टी की बजाय पी.ओ.पी. से मूर्ति तैयार हो रही हैं और उन पर रासायनिक रंगों का प्रयोग किया जा रहा है। ऐसे में प्रशासन को फिर से मशक्कत करने की जरूरत है। ज्ञात रहे कि गत वर्ष भक्तों ने आरोप लगाया था कि मूर्तियो को नहर में प्रवाहित नहीं करने के आदेश गणेश चतुर्थी से एक माह पहले क्यों नहीं दिए गए, ताकि वह पी.ओ.पी. की बजाय मिट्टी की मूर्तियो को स्थापित करते है। अचानक आदेश देने के कारण वह मिट्टी की मूर्ति नहीं बनवा पाए।

अब गणेश चतुर्थी आने में थोड़ा समय ही बचा है। 2 सितम्बर से शुरू होने वाले गणेश महोत्सव की तैयारियां जोरों पर चल रही हैं। एक बार फिर से कारीगर मिट्टी की बजाय पी.ओ.पी. से मूर्तियो को बना रहे है। पी.ओ.पी. से बनी मूर्तियो के कारण पानी तो जहरीला होता ही है, साथ में उपजाऊ भूमि के लिए भी नुक्सानदायक होता है। इतना ही नहीं, इन मूर्तियो को सुंदर बनाने के लिए इको फ्रैंडली कलरों की बजाय एशियन पेंट के रासायनिक रंगों का प्रयोग किया जा रहा है जो बेहद हानिकारक है। बता दें कि जिले में गत वर्ष करीब पांच हजार छोटी-बड़ी मूर्तियां स्थापित की गई थी। इस बार भी इतनी ही मूर्तियो को स्थापित करने का अनुमान है जिसके कारण प्रशासन को दोबारा मूर्ति प्रवाहित करने के लिए अस्थायी विकल्प तलाशने होंगे। 


सबसे ज्यादा पढ़े गए

Isha

Recommended News

Related News

static