शहीदों की याद में नहीं हुए कार्यक्रम, कोरोना के चलते फीके रहे समारोह
punjabkesari.in Wednesday, Mar 25, 2020 - 02:49 PM (IST)
रानियां (दीपक) : 23 मार्च को हर साज देश अपने वीर शहीदों भगत सिंह, राजगुरु, सुखदेव सिंह को श्रद्धांजलि देता है। इसी दिन तीनों वीरों ने देश के लिए हंसते-हंसते फांसी का फंदा चूमा था।उनकी याद में इस बार कार्यक्रम नहीं हो पाएं। क्योंकि इस बार कोरोना का भी असर भारी मात्रा में देखने को मिला। कोरोना के भय के माहौल में भी लोगों ने वीरों ने अपने घरों में रहकर ही श्रद्धांजलि दी लेकिन आयोजकों ने यह भी ख्याल रखा कि एक साथ ज्यादा भीड़ न हो। क्योंकि लॉकडाऊन के चलते सभी कुछ बंद किया गया है।
वहीं, लायंस क्लब रानियां एक्टिव के रीजन चैयरमैन डा. अमित गगनेजा ने बताया कि प्रतिवर्ष आज के दिन 23 मार्च को देश इन महान 3 सपूतों को नमन करते हुए शहीद दिवस मनाया जाता है लेकिन कोरोना को लेकर जो भी सरकार द्वारा आदेश जारी हुए हैं उनका पालन किया जा रहा है और उन्होंने अपने प्रतिष्ठानों पर ही शहीद भगत सिंह, राजगुरु व सुखदेव सिंह को श्रद्धांजलि दी है।
उन्होंने कहा कि उनको याद करके पत्थर दिन के मन में भी उनके लिए प्रेम और सम्मान का भाव जाग उठ जाता है। वहीं हरियाणा व्यापार मंडल के अध्यक्ष व शहर के साहित्यकार सुभाष सलूजा ने बताया कि इस 23 मार्च 1931 को भगत सिंह, सुखदेव और राजगुरु को फांसी की सजा सुनाई गई थी। इसी दिन को शहीदी दिवस के रूप में मनाते हैं। भगत सिंह, राजगुरु, सुखदेव को देश याद करता है। उन्होंने बताया कि अंग्रेजों के बढ़ते हुए अत्याचार से सबसे पहले भगत सिंह ने लाहौर में सांडर्स की गोली मारकर हत्या कर दी थी। उसके बाद पब्लिक सेफ्टी और ट्रेड डिस्ट्रीब्यूट बिल के विरोध में भगत सिंह ने सैंट्रल असैम्बली में बस फैंका था। उनका मकसद सिर्फ अंग्रेजों तक अपनी आवाज पहुंचाना था, न कि किसी की हत्या करना।
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