असमंजस की स्थिति में दुकानदार, ‘कौन से आदेश माने, कौन से न माने’

punjabkesari.in Thursday, Apr 02, 2020 - 02:57 PM (IST)

कालांवाली (प्रजापति) : कोरोना वायरस को लेकर पूरे देश में लॉकडाऊन है और अकेला भारत देश ही नहीं बल्कि दूसरे देश में कोरोना महामारी को लेकर परेशान है और अभी तक कोई दवाई भी ट्रैस नहीं हुई है। सोशल डिस्टैंस बनना और घरां में रहना ही बचाव है यानी बचाव में ही बचाव है। वहीं, दूसरी ओर सरकार के आदेश जारी होते हैं वे शायद किसी की समझ में ही नहीं आए हैं, सवाल पैदा होता है कि जब आदेश ही समझ में नहीं आए हैं तो पालना कैसे होगी।

कालांवाली में खाद्य एवं आपूॢत विभाग की ओर से 30 मार्च के पत्र क्रमांक नंबर नहीं था, पर दुकानदारों के हस्ताक्षर करवाते हुए सूचना दी गई कि आप इस समय से लेकर इस समय तक अपनी दुकानों को खोलने का काम करेंगे ताकि लोगों को दिक्कत न हों। वहीं, हास्यपद बात है कि विभाग के सब-इंस्पैक्टर कुलवीर सिंह दुकानदारों को कहते नजर आए और मीडिया में भी बयान दिया कि हमारे विभाग की ओर से दुकानदारों को जारी लाइसैंस की कोई वैधता नहीं है।

थाना प्रभारी जब चाहे दुकानें बंद करवा सकता है फिर सवाल पैदा होता है कि देश के प्रधानमंत्री और प्रदेश के मुख्यमंत्री कह रहे हैं कि खाने की वस्तुओं को कोई कमी नहीं रहेगी जब दुकानें ही नहीं खुलेंगी तो सामान कहां से आएगा और दूसरा सरकार की ओर से समय निर्धारित है वहीं विभाग आगे बता रहा है सूत्र बताते हैं कि विभाग के कुछेक कर्मचारी करियाना की दुकानों से घूस लेने की एवज में ऐसा कर रहे हैं। सूत्रों की मानें तो कई को लाइसैंस जारी नहीं हुए, कई क ो मुश्किल से लाइसैंस जारी हुए अब दूसरों विभागों के नाम पर दुकानदारों को समय सीमा बताने के बाद भी डराने जैसा काम हो रहा है। 

ये हैं बंद, हो रही है ब्लैक
सरकार के आदेश हैं कि शराब की दुकानें बंद हैं फिर भी ब्लैक में धड़ल्ले से शराब बिक रही है वहीं सरकार के आदेश हैं कि अंडा, मछली, चिकन और मीट की दुकानें खुली रहेंगी, वे बंद हैं। इसी प्रकार से आदेश धरातल पर ठीक ढंग से लागू होते दिखाई नहीं दे रहे हं जिसके कारण दिक्कत हो रही है। 


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Isha

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