विकास की बुलंदियों को छू रहा द्योतड़ गांव,

punjabkesari.in Sunday, Dec 15, 2019 - 04:28 PM (IST)

रानियां(सतनाम): किन्नुओं की खेती से मशहूर गांव द्योतड़ विकास की बुलंदियों को छू रहा है। गांव में चौतरफा विकास नजर आ रहा है। गांव द्योतड़ लोगों को मूलभूत सुविधाएं प्रदान कर रहा है। गांव के लोगों का आपसी भाईचारा बना हुआ है। लोग यहां पर शांतिपूर्वक अपना जीवन यापन कर रहे हैं। गांव में शिक्षा का स्तर भी अच्छा है। लगभग सभी लोग अपने बच्चों को शिक्षा दिलवा रहे हैं। गांव में ङ्क्षलगानुपात भी समान है। इस गांव के लोग अधिकतर खेती करते हैं। गांव में नरमा, कपास, ग्वार, गेहूं की फसल मुख्यत: होती है।

इन फसलों के साथ-साथ कुछ क्षेत्र में धान की फसल होती है। काफी समय पहले यह क्षेत्र रेतीले की श्रेणी में आता था। पानी की कमी के चलते यहां पर अधिकतर लोग सरकार की बागवानी मुहिम के तहत किन्नुओं के बाग लगाते थे। द्योतड़ के रकबे में अधिकतर किन्नुओं के बाग लगे हुए थे और आज भी अन्य किसी गांव के रकबे से द्योतड़ में किन्नुओं का रकबा अधिक है। इसलिए द्योतड़ गांव किन्नुओं की खेती के लिए क्षेत्र का मशहूर गांव है। अब गांव हर तरफ से खुशहाल है। सरकार द्वारा मिलने वाली सुविधाओं का भी ग्रामीण समय-समय पर लाभ उठा रहे हैं। गांव में सभी धर्मों के लोग मिलजुलकर रह रहे हैं।  

200 साल पुराना इतिहास
यह गांव मुसलमान सिकंदर का था। उसके बाद 1857 के गदर के दौरान सिखों ने खरीद लिया। उस समय रामदत्त सेठ के पास द्योतड़ गांव वाले गए और गांव को दलुराम से सहमति से छुड़वा लिया गया। यहां द्योतड़ जाति के लोग सिकंदर के समय से ही रहते थे। उसी के नाम से गांव का नाम द्योतड़ पड़ गया। सबसे पहले ईश्वर हुड्डा व उनके 3 भाई यहां आए और अपने मामा जो सहारण बरादरी के थे वो भी यहां आए। धीरे-धीरे यहां रिश्तेदारी व भाईचारे के नाते झुरिया, गेंणा, नैन, गोदारा, थ्योरी, ढाका, भाकर आदि जातियां आती रही। उसी दौरान 1891 के लगभग बाबा अमरनाथ जी यहां आए। गांव में उस समय प्लेग की बीमारी का काफी प्रकोप था। बाबा अमरनाथ जी ने लोगों को प्लेग की बीमारी से बचाया। गांव में मेघवाल, वाल्मीकि, कुम्हार, स्वामी सहित सभी बिरादरी एकत्रित रहती है। 

इन सरपंचों ने करवाया विकास
गांव में पहला सरपंच चुनीराम नंबरदार, घेरूराम थ्योरी, महावीर सेठ, मनीराम हुड्डा, तिलोकाराम सहारण, ओमप्रकाश न्योल, राजेंद्र मेहला, इंद्रपाल न्योल, वजीरचंद, सुभाष नेहरा ने विकास करवाया है। अब सरपंच विनोद सहारण गांव की कमान संभाले हुए हैं। गांव के विकास में जहां सभी सरपंचों ने अपना योगदान दिया है, वहीं विनोद सहारण भी गांव में विकास के मामले में वाहवाही लूट रहे हैं। 

गांव में सुविधाएं
द्योतड़ गांव में सभी मूलभूत सुविधाएं लोगों को मिल रही हैं। लोगों की सुविधा के लिए बिजलीघर, प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र, 3 सरकारी स्कूल, ग्राम सचिवालय, स्टेडियम, 4 जोहड़, गऊशाला, कबीर आश्रम, मेड़ी, डेरा बाबा अमरनाथ, पंचायत घर, पार्क सहित अन्य सुविधाएं लोगों का मिल रही हैं। गांव की लगभग सभी सड़कें पक्की हैं। लोगों की जरूरत के हिसाब से गांव में सरकार से मिलने वाली सभी सुविधाएं उपलब्ध करवाई जा रही हैं। 

लोगों की जुबानी : गांव के लोग बलवंत नंबरदार, राजेराम खाती, ओमप्रकाश, सुदेश कुमार, रामजीलाल, राजेंद्र, महेंद्र कुमार, छोटूराम, हरि राम, दुनीराम, इंद्रपाल, मांगेराम, जगराज, वकील, बनवारी ने बताया कि गांव में काफी विकास हुआ है। गांव के सरपंच बहुत ही शांत स्वभाव के धनी हैं। उनका लोगों के प्रति व्यवहार, बोलचाल बहुत ही अच्छी है। सामाजिक व धार्मिक क्रिया-कलापों में वे हर समय तैयार रहते हैं। गांव का विकास वे पूरी मेहनत व लगन से करवा रहे हैं। 

नई पंचायत द्वारा किए गए विकास कार्य
युवाओं के लिए व्यायाम शाला, सभी स्कूलों में इंटरलॉक सड़क निर्माण, रंग रोगन, वाटर कूलर, कम्प्यूटर रूम, गांव में पौधारोपण, श्मशान घाट प्रवेश द्वार, ग्राम सचिवालय, गांव में 12 इंटरलॉक गली निर्माण, पंचायती भूमि में सिंचाई के लिए पाइपलाइन, ढाणियों में पीने के पानी के लिए पाइप लाइन, बरसाती पानी की अंडर पाइपलाइन, स्टेडियम में सुधार, सभी जोहड़ों में घाट स्ट्रीट तैयार करवाए, खेलों का सामान, आंगनबाड़ी में रंग-रोगन, पंचायत घर तैयार करवाया, सड़क किनारे नालियां सहित अन्य करोड़ों के विकास कार्य करवाए गए। 


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Edited By

vinod kumar

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