Farmers Protest: सरकार खोले बातचीत का रास्ता, रद्द करें कृषि कानून

punjabkesari.in Monday, May 03, 2021 - 01:18 PM (IST)

सोनीपत (ब्यूरो) : पश्चिम बंगाल समेत 5 राज्यों के चुनाव परिणाम को लेकर किसान संयुक्त मोर्चा सरकार पर आक्रामक हो गया है। किसान नेताओं ने कहा कि यह चुनाव परिणाम आंदोलन की नैतिक रूप से जीत है और भाजपा की हार। अब सरकार को यह गतिरोध समाप्त करके बातचीत का रास्ता दोबारा शुरू करना चाहिए ताकि किसानों की समस्या का हल निकले।

यहां किसान नेता बलवीर सिंह राजेवाल, हनान मौला, जोगिंद्र सिंह उग्राहां, जगजीत सिंह डल्लेवाल, गुरनाम सिंह चढूनी, योगेंद्र यादव, युद्धवीर सिंह, डा. दर्शनपाल और अभिमन्यु कोहाड़ ने कहा कि यह चुनाव परिणाम जनता का दिखाया गया आईना है। अगर भाजपा में अब भी घमंड बाकी है तो वह यू.पी. की जनता आने वाले दिनों में निकाल देगी। किसान नेताओं ने कहा कि पश्चिम बंगाल, तमिलनाडु और केरल में यह स्पष्ट है कि जनता ने भाजपा की विभाजनकारी सांप्रदायिक राजनीति को खारिज कर दिया है।

उन्होंने कहा कि नागरिकों की आजीविका के मुद्दों, किसान विरोधी केंद्रीय कृषि कानूनों और मजदूर-विरोधी श्रम कोड को चुनावी मुद्दा नहीं बनाना भाजपा को भारी पड़ा। किसानों ने पश्चिम बंगाल और अन्य राज्यों के नागरिकों को किसानों को समर्थन देने के लिए आभार प्रकट किया है। उन्होंने अब पूरे भारत के किसानों से अपील कि है कि अपने प्रतिरोध को मजबूत करें और अधिक से अधिक संख्या में आंदोलन में शामिल हों। किसान नेताओं ने कहा कि अब भाजपा की नैतिक जिम्मेदारी है कि आज के परिणामों को स्वीकार करे व किसानों से बातचीत कर 3 कृषि कानूनों को रद्द करे और एम.एस.पी. की कानूनी गारंटी दे। किसान नेताओं ने युवा आंदोलनकारी मोमिता बासु के निधन पर शोक प्रकट किया। साथ ही पंजाब में किसानों पर दर्ज मुकद्दमों की निंदा की है।

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Content Writer

Manisha rana

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