फुटपाथ पर खुला सीवरेज लाइन दे रहा हादसों को न्यौता,खस्ताहाल फुटपाथ

punjabkesari.in Monday, Sep 02, 2019 - 04:52 PM (IST)

सोनीपत: शहर में सड़क पर से गुजरने वाले तेज रफ्तार वाहनों से बचने के लिए अगर आप फुटपाथ पर पैदल चलना चाहते हैं तो जरा सम्भल कर चलना होगा, क्योंकि अगर आपका जरा सा ध्यान भटका तो कोई गड्ढा या फिर सीवरेज का गंदा पानी आपको परेशानी में डाल सकता है। जी हां शहर में हालात ऐसे बने हुए हैं कि लाखों रुपए खर्च करने के बावजूद अधिकतर फुटपाथों पर या तो सीवरेज का गंदा पानी बह रहा है, या फिर गड्ढे हादसों को न्यौता दे रहे हैं। दरअसल, शहर में हर रोज बड़ी संख्या में लोग पैदल सफर करते हैं। फिट इंडिया मुहिम शुरू होने के बाद पैदल चलने वाले लोगों की संख्या में और अधिक इजाफा होने की उम्मीद जताई जा रही है।

परन्तु शहर में मुख्य सड़क मार्गों पर भी फुटपाथों की हालत इतनी खराब है कि राहगीर हादसे का शिकार हो सकता है। ऐसे में मजबूरी में उन्हें अपनी जान जोखिम में डालकर सड़क पर ही चलना पड़ रहा है। शहर में कई जगहों पर फुटपाथ की हालत खस्ता बनी हुई है। जिसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि अग्रसैन चौक पर जहां फुटपाथ पर सीवरेज का गंदा पानी बह रहा है, वहीं पुरखास रोड पर फुटपाथ पर खुला सीवरेज लाइन का मैनहोल कभी भी हादसे का कारण बन सकता है। इसके अतिरिक्त सैक्टर -14 की सड़क मार्ग पर भी सड़क किनारे नाला खुला पड़ा हुआ है। शहर का दिल कहे जाने वाले गीता भवन चौक पर भी फुटपाथ पर बने सीवरेज लाइन के मैनहोल पर रखा लोहे का जाल टूटने की कगार पर है।

ऐसे में शहर के प्रमुख सड़कों पर पैदल चलना राहगीरों के लिए मुश्किल हो गया है। उन्हें मजबूरी में सड़कों पर चलना पड़ रहा है। शहर में फुटपाथ पर न सिर्फ गड्ढे, सीवरेज लाइन का गंदा पानी बह रहा है, बल्कि अवैध कब्जों ने भी लोगों को सड़क पर चलने पर मजबूर कर दिया है। रेलवे स्टेशन से लेकर गीता भवन चौक की तरफ जाने वाले सड़क मार्ग पर बने फुटपाथ पर दुकानदारों ने अवैध कब्जे कर रखे हैं। सुभाष चौक के आसपास फुटपाथ पर अवैध पार्किंग पैदल चलने वाले लोगों को सड़क पर धकेल रही है। इसी तरह से ककरोई रोड, गोहाना रोड आदि शहर के विभिन्न सड़क मार्गों के फुटपाथ पर रेहड़ी संचालकों का कब्जा बना हुआ है। जिसका खमियाजा पैदल चलने वाले यात्रियों को उठाना पड़ रहा है। कई बार अतिक्रमण के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग की जा चुकी है, लेकिन समस्या के समाधान के लिए कोई कारगर कदम नहीं उठाया जा रहा है। 


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Isha

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