जांच करने आई टीम तो बोले - पहले बताओ कहां से आए हो, वर्ना निकलो बाहर

punjabkesari.in Friday, Feb 14, 2020 - 02:42 PM (IST)

यमुनानगर (सतीश) : ट्रांसपोर्ट के बड़े कारोबारियों ने सेल टैक्स के उज्ज अधिकारियों को शिकायत कर दी कि जगाधरी-यमुनानगर में ट्रांसपोर्टर फर्जी फर्म बनाकर टैक्स की चोरी कर रहे हैं। इसी के आधार पर अम्बाला से आए ज्वाइंट कमिश्नर रविन्द्र कौशिक की अलग-अलग टीमों ने वीरवार को जगाधरी और यमुनानगर में रेड कर दी। 2 जगह टीमों को सहयोग नहीं मिला। यमुनानगर-जगाधरी रेलवे स्टेशन पर भी रेड करने गई टीम के साथ बहस की गई। यहां खूब कहासुनी हुई। इसी तरह जगाधरी में गौरी शंकर मंदिर रोड पर भी टीम के साथ बहस की गई।

बहस करने वाले लोग एक ही बात कह रहे थे कि रेड के आर्डर दिखाओ तभी ही अंदर जाने देंगे। इस पर टीम ने कहा कि वे खड़े ही तो हैं। कुछ नहीं कर रहे। ज्वाइंट कमिश्नर को आ जाने दो पता चल जाएगा कि क्या करने वाले हैं। हालांकि टीम जब अंदर जांच करने गई तो गेट बंद कर लिए गए। अब सवाल यह है कि यदि टीम कार्रवाई करने आई थी तो गेट बंद करके कार्रवाई क्यों की जा रही है। इस कार्रवाई को तो सार्वजनिक होना चाहिए था। बता दें कि ज्वाइंट कमिश्नर के अधीन, अम्बाला, कुरुक्षेत्र, कैथल, करनाल, यमुनानगर व पंचकूला जिला आता है। वीरवार को जो कार्रवाई जारी रही उसमें ई.टी.ओ. दीपक दत्ता, ए.ई.टी.ओ. सुरेन्द्र कुमार सहित अन्य मौजूद रहे। 

वीरवार सुबह जब टीमें रेड के लिए पहुंची तो यहां पर मौजूद लोगों ने टीम से पूछा कि पता बताओ कहां से आए हो, वरना बाहर जाओ। इस पर ट्रांसपोर्टर के समर्थक भी इकट्ठा हो गए। टीम जहां रेड करने आई थी वहां पर माल से भरा रिक्शा भी खड़ा था। इस पर टीम का शक गहरा गया कि यहां पर ट्रांसपोर्टर का गोदाम है। टीम घंटों बाहर खड़ी रही। उन्हें अपने सीनियर अधिकारियों के आने का इंतजार था। वीरवार शाम खबर लिखे जाने तक रेड जारी थी। कार्रवाई क्या की गई इस पर अधिकारी कह रहे थे कि जल्द ही खुलासा करेंगे। 

ऐसे समझें इस खेल को
नाम न छापने की शर्त पर कारोबारी और रिटायर्ड अधिकारियों ने बताया कि यहां पर 2 नंबर का काम चल रहा है। मान लीजिए 100 रुपए का माल बिहार भेजना है तो कारोबारी को उसका बिल काटना होगा। तैयार माल पर 12 प्रतिशत और कच्चे माल पर 18 प्रतिशत टैक्स है। ट्रांसपोर्टर अपनी ही फर्जी फर्म के जरिए इस माल को बिहार भेज देता है। यदि 10 किलो माल बिहार भेजना है तो करीब 122 रुपए लगेंगे। वे पार्टी से 120 रुपए ले लेते हैं। इसमें जो टैक्स सरकार को जाना था वह ट्रांसपोर्टर को चला गया, बस यही खेल है। जो बिल आने और ले जाने के लिए प्रयोग किया गया था उसे बाद में अपने पास मंगवा लेते हैं। न किताबों में टैक्स दिया और न लिया।


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Isha

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