किसान युनियन ने रोकी बेगमपुरा एक्सप्रेस, पढ़ें पूरी खबर (Pics)

10/1/2016 6:38:19 PM

अंबाला (कमलप्रीत): अंबाला छावनी रेलवे स्टेशन पर आज वाराणसी से जम्मू जा रही बेगमपुरा एक्सप्रेस को उत्तर प्रदेश से जा रहे किसान युनियन ने रेलवे लाइन पर बैठकर रोके रखा। यूनियन के लोगों का आरोप था कि ट्रेन में उनकी महिलाओं के साथ टिकट चेकिंग कर रहे चेकर्स ने अभद्र व्यवहार किया है और उनके कुछ लोगों को रास्ते में रोक लिया। इसी कारण यूनियन ने अंबाला में ट्रेन को रोक दिया। आरपीएफ व् जीआरपी ने यूनियन के लोगों से रेलवे लाइन से हटाकर ट्रेन को रवाना किया। यूनियन ने ट्रेन को लगभग 25 मिनट तक रोके रखा।


गौरतलब है कि अंबाला छावनी रेलवे स्टेशन पर स्थिति उस समय अजीबो-गरीब हो गई जब ट्रेन को यूपी के किसानों ने बेगमपुरा एक्सप्रेस को अंबाला में रोक दिया और किसान यूनियन जिंदाबाद के नारे लगाने लगे। आनन्- आरपीएफ व् जीआरपी पहुंची और किसानों को जिनमें महिलाये भी शामिल थी उन्हें ट्रेन के आगे से हटाया और और ट्रेन को आगे के लिए चलाया। इस दौरान सैकड़ो किसान यूनियन नेता व् उनके साथ शामिल महिलाए ट्रेन में नहीं बैठे और रेलवे स्टेशन पर ही नारेबाजी करने लगे। अवदेश यादव यूनियन नेता ने बताया कि ट्रेन में टिकेट चेकर्स ने महिलाओं के साथ अभद्र व्यवहार किया है और उनके कुछ लोगों को रास्ते में उतारा है। उन्होंने कहा कि वे बाराबंकी से जम्मू जा रहे है जहां पर उनकी यूनियन कि मीटिंग है। जहां पर उनके राष्ट्रीय नेता आ रहे है। रेल रोकने पर उन्होंने कहा कि उनके पास और कोई रास्ता नहीं था।


वही रेलवे स्टेशन पर सैकड़ो कार्यकर्ताओं के उतरने पर आरपीएफ व् जीआरपी ने उन्हें रेलवे स्टेशन से बाहर खदेड़ दिया। जिससे नाराज़ होकर वे नारेबाजी करते हुए रेलवे स्टेशन से बाहर निकल गए। अब आरपीएफ उनके खिलाफ मामला दर्ज़ करने कि तैयारी कर रही है। लेकिन आरपीएफ के एएससी नरेंद्र मोहन वशिष्ट ने स्थिति को सँभालते हुए यूनियन के नेताओं को समझाकर मामले को रफा-दफा करने कि कोशिश की। आरपीएफ के थाना अध्यक्ष अजय भारद्वाज ने व् जीआरपी के थाना अध्यक्ष अमन कुमार ने बताया कि इन लोगों ने ट्रेन को रोका है और इनके खिलाफ जो भी एक्ट बनता है उसके तहत मामला दर्ज़ किया जाएगा। वही स्टेशन अधीक्षक हंस राज ने बताया कि बेगम पूरा एक्सप्रेस जो पहले से ही देरी से चल रही है कुछ लोगो ने जो किसान  भारतीय किसान मजदूर दलित यूनियन के नेता है उन्होंने ट्रेन को रोका है। जिनके बारे में आरपीएफ को कह दिया है तथा वो मामले को देख रहे है।

एन्ड-अप-हज़ारो किसान यूनियन के नेता इस ट्रेन में बिना टिकट यात्रा कर रहे है। रेल प्रशासन उनसे टिकट देखने कि बजाए उन्हें इसलिए मनाने में लगे है कि कही कोई बड़ा बखेड़ा न खड़ा हो जाए। क्या भारतीय रेल इस तरह से कभी भी फायदे का बजट दिखा पाएगी जबकि सैकड़ो लोगों अंबाला रेल प्रशासन बिना टिकट यात्रियों को पकड़ कर उनसे मोटा जुर्माना वसूल रहा है।