अम्बाला नगर निगम की सीमा में हो सकती है जोड़-तोड़

8/14/2018 11:16:17 AM

अम्बाला शहर (बलविंद्र): गत माह 26 जुलाई को हरियाणा सरकार के शहरी स्थानीय निकाय विभाग ने एक गजट नोटिफिकेशन जारी कर सोनीपत नगर निगम की अधिसूचित सीमा से 7 गांव तो पूर्ण रूप से बाहर कर दिया है, वहीं 8 गांवों का कुछ हिस्सा अर्थात उन्हें आंशिक रूप से बाहर निकाल दिया है। हालांकि इस कवायद में सरकार ने 6 अन्य गांवों का कुछ उक्त नगर निगम की सीमा में जोड़ भी दिया है। लिखने योग्य है कि तत्कालीन सोनीपत नगर परिषद को मौजूदा खट्टर सरकार ने जुलाई, 2015 के पहले सप्ताह में नगर निगम के रूप में अपग्रेड कर इस बाबत आधिकारिक अधिसूचना राजकीय गजट में प्रकाशित की थी। तब से इस निगम में शामिल किए गए अढ़ाई दर्जन से अधिक गांवों में से अधिकांश गांव इसके भीतर आने को तैयार नहीं थे एवं पिछले 3 वर्ष से वो इसका पुरजोर विरोध कर रहे थे,

जिस कारण अब सरकार को इनके आगे झुकना पड़ा। हालांकि अब ये देखने लायक होगा कि क्या इस ताजा कवायद के बाद नई अधिसूचित सोनीपत नगर निगम की आबादी 3 लाख की सीमा को पार कर पाती है अथवा नहीं क्योंकि प्रदेश में किसी नगर निगम बनाने या कायम रखने के लिए वहां की आबादी 3 लाख होना अनिवार्य है। इसी बीच एक प्रश्न यह भी उठता है कि अगर सोनीपत नगर निगम में ऐसा किया जा सकता है, तो अम्बाला में क्यों नहीं। अम्बाला नगर निगम कि सीमा से अम्बाला कैंट के विधायक एवं प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज अम्बाला सदर के क्षेत्र को पूर्णतय: बाहर करना चाहते हंै, जिसके लिए इस वर्ष उन्होंने अम्बाला नगर निगम को तोडऩे का भी फैसला राज्य मंत्रिमंडल से करवाया था परंतु यह मामला कोर्ट में पहुंच गया जो आज तक लटका पड़ा है। 

राज्य सरकार कर सकती है निगम के किसी भी क्षेत्र को अंदर बाहर
राज्य सरकार हरियाणा नगर निगम अधिनियम, 1994 की धारा 3 (3) के अंतर्गत निगम की सीमा से किसी भी क्षेत्र को कभी भी अन्दर- बाहर कर सकती है लेकिन सोनीपत में ऐसा वहां की नगर निगम अधिसूचित होने के 3 वर्ष बाद हुआ है एवं आज तक तक वहां पहले चुनाव भी नहीं हुए। अधिनियम की धारा 4 (4) के तहत किसी भी नगर निगम अधिसूचित होने के 3 साल 3 माह के भीतर वहां पहले चुनाव अनिवार्य है एवं इस कारण से सोनीपत नगर निगम के चुनाव अक्तूबर, 2018 के पहले सप्ताह तक चुनाव संपन्न हो जाने चाहिए क्योंकि वह जुलाई, 2015 में अधिसूचित हुआ। अब चूंकि सोनीपत नगर निगम की सीमाओं को संशोधित कर इसे फिर से नोटिफाई किया गया है, तो यह राज्य सरकार द्वारा इसके चुनावों को और आगे लटकाने की सोची-समझी रणनीति प्रतीत होती है। 

Deepak Paul