ट्रक यूनियन गोदामों में रखे माल की सप्लाई बंद करेंगी (देखें तस्वीरें)

10/3/2015 5:50:54 PM

अंबाला (कमल मिड्ढा) : हरियाणा की ट्रक यूनियनों के पदाधिकारियों की अहम बैठक अंबाला में संपन्न हुई।  इसके बाद गोदामों में रखे माल की लोकल स्तर पर सप्लाई बंद करने का बड़ा एलान किया गया। यूनियन पदाधिकारियों ने बड़ी संख्या में हरियाणा–पंजाब बॉर्डर पर एकत्रित होकर हाइवे पर चल रहे ट्रकों के चक्के जाम करवा दिए और पुलिस के सामने ही जोर जबरदस्ती कर हड़ताल में शामिल नही हो रहे ड्राइवरों की गाडियां रुकवाईं| इस दौरान उनकी पुलिस कर्मियों से भी तीखी नोकझोंक हुई। ट्रकों की इस हड़ताल का असर अब व्यापारियों पर भी पड़ने लगा है और उनका लाखों का माल बीच रस्ते में फसा है। 
 
पहली तारीख़ से चल रही ट्रक यूनियनों की हड़ताल अब कामकाज पर बुरा असर दिखाने लगी है। ट्रक संचालकों ने अपने गोदामों में रखे दुकानदारों, व्यापारियों के स्टॉक को भी लोकल स्तर पर सप्लाई ना करने का एलान कर दिया है। जिस वजह से हर क्षेत्र का कामकाज बुरी तरह प्रभावित नजर आ रहा है। अंबाला में ही सप्लाई बंद होने से कपड़ा और साइंस उद्द्योग का बड़ा जगत बड़ी परेशानी में आ गया है। क्योंकि विदेशों तक में सप्लाई होने वाला सारा आर्डर स्टॉक ना आने की वजह से बीच में लटक गया है। जबकि ट्रक एसोसिएशन स्पष्ट कर चुकी है कि वे मांगेंं पूरी ना होने तक कोई समझौता नही करेंगी|
 
हरियाणा–पंजाब बॉर्डर पर बड़ी संख्या में उतरे यूनियन पदाधिकारियों ने हाइवे पर चल रहे सभी ट्रकों और ट्रालों को रुकवा दिया। पंजाब पुलिस के सामने ही गाडियां चला रहे ड्राइवरों को रोककर उनके वाहनों के कागजात लिए गए और हड़ताल को सफ़ल बनाने का आह्वान किया गया। प्रदर्शन की अगुवाई कर रहे चंडीगढ़ यूनियन के अध्यक्ष के के अब्रोहल ने भी स्पष्ट किया कि जब तक मांगें पूरी नहीं होंगी हड़ताल जारी रहेगी|
 
लगातार तीसरे दिन भी जारी इस हड़ताल का असर अब बाजारों पर भी पड़ने लगा है। आलम यह है कि एक तरफ ट्रांसपोर्ट बंद होने के चलते जहाँ व्यापारियों का माल पहले से ही रास्ते में अटक चूका था और अब स्थानीय डिलीवरी बंद होने से उनका माल गोदामों में ही बंद हो गया है। बहरहाल, व्यापारियों ने भी सरकार से इसके जल्द से जल्द समाधान की अपील की है। 
 
 हालांकि बॉर्डर पर गाडियां रुकवाने के दौरान यूनियन वालों के कई बार ड्राइवरों तथा पुलिस वालों से तीखी नोक झोंक भी हुई,लेकिन यूनियन की बड़ी संख्या के सामने सभी ने चुप होना ही ठीक समझा। बहरहाल ये हड़ताल अब पूरी तरह छोटे-छोटे दुकानदारों से लेकर बड़े-बड़े उद्यमियों तक के लिए परेशानी का सबब बन गई है।