फसल बीमा योजना सरकार का बिजनैस फंडा: हुड्डा

8/1/2016 11:21:43 AM

चंडीगढ़: हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा कि भाजपा सरकार की बहुप्रचारित फसल बीमा योजना एवं पशु धन बीमा योजना किसानों एवं पशुपालकों के साथ सरासर धोखा है। पूरी योजना को गहराई से देखने से ऐसा लगता है जैसे सरकार अपनी जिम्मेदारी से पल्ला झाड़कर प्राइवेट बीमा कंपनियों की एजैंट बनकर रह गई है। योजना के तहत प्रीमियम तो प्रति एकड़ तय किया है, वहीं बीमे के लिए रेवेन्यू एस्टेट गांव को इकाई माना गया है।


किसानों को बांटने के लिए जोन वाइज प्रीमियम की दर भी अलग-अलग हैं और तो और बैंकों के कर्जदार किसानों से उनकी सहमति के बिना प्रीमियम उनके लोन अकाऊंट से लिया जा रहा है, यह कैसा किसान प्रेम है। उन्होंने कहा कि सरकार हर तरह के प्राकृतिक प्रकोप से हुए फसलों के नुक्सान पर मुआवजा देती रही है लेकिन भाजपा सरकार फसल बीमा योजना की आड़ में मुआवजे देने की प्रतिबद्धता से पीछे हट गई है। प्रधानमंत्री फसल बीमा योजन सरकार की अन्य योजनाओं की तरह केवल बिजनैस फंडा है, जो किसान के साथ ठगी के सिवाय कुछ नहीं है।


उन्होंने कहा कि यदि सरकार किसानों को वाकई कुछ मदद करने की इच्छा रखती है तो फसल बीमा योजना का प्रीमियम स्वयं अदा करने की जिम्मेदारी वहन करे। सरकार में आपसी तालमेल के अभाव पर चुटकी लेते हुए हुड्डा ने कहा कि सरकार की ड्राइविंग सीट पर कोई बैठा है और स्टीयरिंग किसी दूसरे के हाथ में है। कलच कोई दबा रहा है तो गियर कोई और लगा रहा है। कभी-कभी तो बिना कलच दबाए भी गियर लगाने की कोशिश करते हैं। ब्रेक कोई लगा रहा है तो रेस कोई और दबा रहा है।