मनोरंजन गलत नहीं है लेकिन इससे जनता का पेट नहीं भरता

8/19/2018 10:34:38 AM

चंडीगढ़: हरियाणा की राजनीति में वर्तमान में कांग्रेस के नेता व कभी इनैलो सरकार में गृह मंत्री, वित्त मंत्री, आबकारी एवं कराधान मंत्री रहे प्रोफैसर संपत सिंह कहते हैं कि देवीलाल ने हमेशा मुझे एक नंबर पर माना, भले ही जनता मुझे दो नंबर पर देखती थी। देवीलाल जी ने मेरे कहे काम को कभी नहीं नकारा जिसके लिए मुझे गर्व है। पंजाब केसरी के चंडीगढ़ प्रतिनिधि चंद्र शेखर धरणी से खास बातचीत में प्रो. संपत सिंह ने कहा कि मैं कोई मुख्यमंत्री का उम्मीदवार नहीं हूं लेकिन यदि कोई दाव लग गया या कोई बना दे तो कोई दिक्कत नहीं है। नरसिम्हा राव की तरह अगर कुर्सी मिले तो लेने में गुरेज नहीं। 

प्रस्तुत हैं खास बातचीत के प्रमुख अंश :

प्र.: खट्टर सरकार की घोषणाएं पूर्ण न होने के पीछे आप क्या कारण मानते हैं?
उ.: घोषणाओं को पूरा करने की सरकार की कोई मंशा नहीं है। उनके लिए यह केवल एक खेल और जुमलेबाजी ही है। मैं मेरे साथी रहे खट्टर को सलाह दूंगा कि नाच-गाना, राहगीरी आदि मनोरंजन को छोड़कर काम के प्रति गंभीर हो जाएं जो मुख्यमंत्री और मंत्रियों का वास्तविक काम है। मनोरंजन गलत नहीं है लेकिन इससे जनता का पेट नहीं भरता, जनता को काम चाहिए।

प्र.: 4 दशक से अधिक सक्रिय राजनीति में आपने कई विधानसभा क्षेत्रों से चुनाव लड़े, अब आप किस विधानसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ेंगे?
उ.: -मुझे कांग्रेस में शामिल हुए केवल 9 साल हुए हैं। यह फैसला पार्टी का होगा कि पार्टी मुझे कहां से चुनाव लड़वाती है। मैं इस बात की चिंता नहीं करता कि कहां से चुनाव लड़वाया जाएगा, मैं अनुभव से सक्षम हूं, जहां भी पार्टी कहे चुनाव के लिए तैयार हूं।

प्र.: इनैलो में आपका कद नंबर दो पर रहा लेकिन अब कांग्रेस में आप बैकफुट पर नकार आ रहे हैं, ऐसा क्यों?
उ.:  इनैलो की नींव चौधरी देवीलाल ने रखी जिसमें मेरे जैसे कई अन्य साथियों का भी योगदान रहा जिससे इनैलो इस मुकाम तक पहुंची। उन्होंने बताया कि बाद में पार्टी की कमान अजय के पास आ गई। पार्टी का नाम लोकदल से बदल कर इनैलो रख दिया गया। इसके बाद हालात कुछ ऐसे हुए कि मैं पार्टी छोडऩे पर मजबूर हो गया। इन बातों को मैं दोहराना नहीं चाहता। एक तरह से मैं सड़क पर आ गया लेकिन भूपेंद्र हुड्डा जी ने मुझे सहर्ष अपनाया और पार्टी में शामिल करवाकर टिकट भी दिलवाया इसलिए मैं उनकी कद्र करता हूं।

प्र.: पूर्व वित्तमंत्री होने के नाते हरियाणा की वित्तीय स्थिति के बारे में आप क्या कहेंगे?
उ.: हरियाणा की वित्तीय स्थिति कमजोर है जिसका अनुमान सरकार की घोषणाओं से लगाया जा सकता है। घोषणाओं के अनुरूप उनका बजट नहीं होता है। बजट में हर जिले के लिए एक मैडीकल कॉलेज की घोषणा हुई लेकिन धरातल पर ऐसा नहीं हुआ। यह कह देने मात्र से बात नहीं बनती कि उदय योजना के कारण राज्य पर कर्ज अधिक हो गया है क्योंकि इसका ब्याज तो कम्पनियां भर रही हैं।

प्र.: इनैलो और बसपा के गठबंधन को आप किस नकार से देखते हैं?
उ.: यह उनकी पार्टी का फैसला है। ऐसा नहीं है कि बसपा के साथ गठबंधन पहली बार हो रहा है, ऐसा पहले भी हुआ है लेकिन सिरे नहीं चढ़ा। भले ही वह भाजपा के साथ हो या अन्य के साथ। उन्होंने कहा कि मैं इनके कारणों तक नहीं जाऊंगा, कारण जो भी रहे हों लेकिन गठबंधन परवान नहीं चढ़ा।

प्र.: कांग्रेस में गुटबाजी और वर्चस्व की लड़ाई को आप किस तरह देखते हैं?
उ.: यह वर्चस्व की लड़ाई नहीं है। कांग्रेस सरकार बनाएगी और मुख्यमंत्री बनने की कोशिश प्रत्येक की होती है, मुझे छोड़कर, जो वे कर रहे हैं।

 

 

 

Rakhi Yadav