सरकार का 72 घंटे में फसल के भुगतान का दावा फेल

4/23/2019 9:45:38 AM

बराड़ा(गेरा): अनाज मंडी बराड़ा व इसके अधीन आने वाले खरीद सैंटर उगाला व सरदाहेड़ी पर सोमवार शाम तक लगभग 2 लाख क्विंटल गेहूं की आवक हो चुकी है लेकिन अभी तक भुगतान न होने की स्थिति में आढ़तियों ने सरकार के 72 घंटे में फसल के भुगतान होने के दावे को फेल बताते हुए रोष स्वरूप बैठक कर कड़े कदम उठाने की चेतावनी दी।आढ़ती एसोसिएशन बराड़ा के प्रधान कंवरजीत सिंह विर्क के नेतृत्व में आयोजित बैठक में आढ़तियों ने समय पर भुगतान मिलने पर चिंता जताते हुए कहा कि भुगतान तो भुगतान सरकार उन्हें समय पर बारदाना भी उपलब्ध नहीं करवा पा रही है।

बैठक में उपस्थित आढ़तियों ने एक सुर में कहा कि गेहूं का सीजन चरम पर है और ऐसे में बारदाना न मिलना बहुत बड़ा परेशानी का सबब बना हुआ है। यदि उन्हें आज बारदाना नहीं मिलता है तो गेहूं खुले में पड़ी रहेगी जिसकी जिम्मेवारी संबंधित एजैंसियों की होगी। हैफेड द्वारा बराड़ा में गेहूं की खरीद 13 अप्रैल से आरंभ की गई थी परंतु 9 दिन बीतने पर भी अभी तक आढ़ती व किसान भुगतान की बाट जोह रहे हैं।

लगभग भुगतान का 50 करोड़ रूपया अफसरशाही व लालफीताशाही के चलते अटका पड़ा है जबकि सरकार ने गेहूं की खरीद, उठान व भुगतान को सुनिश्चित बनाने के दावे पर अपनी पीठ थपथपाई थी परंतु सरकार का 72 घंटे के भीतर भुगतान का दावा टांय-टांय फिस हो गया है। आढ़तियों व किसानों को रिश्ते में खटास आ रही है और अनावश्यक विलंब के चलते आढ़ती व किसान में आर्थिक भुगतान को लेकर टकराव की स्थिति बन गई है।

मंडी में अनाज बेचने आए किसान दीदार सिंह, श्योराम, महेंद्र सिंह, कैलाश कुमार, रणधीर सिंह, काला सिंह, बब्बू, तेजिंद्र सिंह व उजागर सिंह आदि ने बताया कि हमें बिजली के बिल, फसल कटाई, गहाई व ढुलाई आदि की मजदूरी का भुगतान करना है। इसके अतिरिक्त अगली फसल की तैयारी के लिए भी पैसा चाहिए परंतु गेहूं का अभी तक भुगतान ना होने से हमें रिश्तेदारों व निजी फाइनैंसर कम्पनियों के भरोसे छोड़ दिया गया है। सरकार हर साल दावे  करती है परंतु किसानों की समस्या को लिए कोई कदम नहीं उठाया जाता।

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