मंदिर के लिए संतों, अर्चकों व रामभक्तों का शंखनाद

12/3/2018 10:20:57 AM

अम्बाला(मुकेश): अयोध्या में भगवान श्री राम का मंदिर निर्मित करवाने को लेकर रविवार को अम्बाला शहर की नई अनाजमंडी में आयोजित हिंदू सम्मेलन में न केवल संतों ने मंच से मंदिर विरोधियों को ललकारा बल्कि राम भक्तों ने भी जयकारे लगाकर अपनी मंशा बता दी कि अब और इंतजार नहीं होगा। शहर सम्मेलन में अध्यादेश लाने या कानून बनाने की मांग भी रखी गई। विश्व हिंदू परिषद की ओर से आयोजित हिंदू सम्मेलन में मुख्यातिथि डा. महेश मनोचा रहे जबकि मुख्य वक्ता परिषद के राष्ट्रीय सचिव धर्म नारायण रहे। 

मंच पर विराजमान करीब 50 संतों, साध्वियों, 50 अर्चकों ने एक स्वर से सरकार व मंदिर विरोधियों को चेतावनी दी कि अब समय आ गया है कि न केवल भगवान राम की जन्म भूमि बल्कि काशी विश्वनाथ का मंदिर व भगवान श्री कृष्ण की जन्म स्थली को भी हिंदूओं को सौंप दिया जाए। संतों में पिंजौर से साध्वी अमृता, अखाड़ा सचिव संपूर्णानंद स्वामी, उज्जैन से पं. विजय शंकर मेहता, बाबा रिजकदास, साध्वी नैसर्गिका, विकासानंद, साध्वी गोपिका भारती, आचार्य सनातन चैतन्य महाराज व अनिल शर्मा आदि ने मंच से अपनी अपनी बात कही। संतों ने राम विरोधियों को ललकारा और कहा कि जनभावनाओं का निरादर पड़ेगा महंगा। 

विश्व हिंदू परिषद के केंद्रीय मंत्री धर्म नारायण ने कहा कि जब देश के न्यायालय के पास 100 करोड़ हिंदूओं की भावनाओं को समझना प्राथमिकता नहीं है तो हिंदू समाज अपना निर्णय लेगा। उन्होंने कहा कि सत्ता लोलुप नेताओं के कारण देश में राष्ट्र विरोधी नारे लगाए जाते हैं। राम के अस्तित्व को ही नकारने का काम राम विरोधी कर चुके हैं। उन्होंने कहा कि 1984 में हुई बैठक में संतों ने स्पष्ट कहा था कि राम जन्म भूमि, कृष्ण जन्म भूमि और काशी विश्वनाथ हिंदूओं को दे दो वे बाकी नहीं मांगेंगे लेकिन ऐसा हिंदू विरोधी नहीं करने दे रहे। हमें ऐसी विरोधी ताकतों का मुकाबना करने की शक्ति प्राप्त करनी होगी जो केवल एकता से मिलेगी।

Rakhi Yadav