6 माह में अनुबंध पदों पर पक्की भर्ती संभव नहीं

6/2/2018 12:47:18 PM

चंडीगढ़: हरियाणा सरकार के लिए पूर्व हुड्डा सरकार की नियमितीकरण नीतियों को रद्द करने का हाईकोर्ट का निर्णय अाफत बनकर अाया है। लगभग पांच हजार कर्मियों पर निर्णय का सीधा असर और छह माह के भीतर सभी अनुबंध कर्मियों को हटाकर पक्की भर्ती करने के अदेश भाजपा के लिए गले की फांस बन सकता है क्योकि छह महीने में सभी अनुबंध पदों पर पक्की भर्ती संभव नहीं है। साढ़े तीन साल में 25 हजार पद भरे गए थे। इसे देखते हुए मनोहर सरकार के महाधिवक्ता बलदेव राज महाजन ने पूर्व हुड्डा सरकार की तीनों नियमितकीकरण नीतियों की समीक्षा शुरु कर दी है। नीतियों का विस्तृत अध्ययन करने के बाद यह निर्णय लिया जाएगा कि सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी जाए या नहीं। 

नीतियों में अगर दम हुअा और कानूनी पहलुओं पर खरा उतरती होंगी तो ही सरकार, हाईकोर्ट के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देगी। जिससे कर्मचारियों को जल्दी कोई राहत मिलती नजर नहीं अा रही। हाईकोर्ट के ताजा निर्णय के बाद स्वीकृत पदों के विरूद्घ लगे अनुबंध कर्मियों में हड़कंप मचा हुअा है। अाउटसोर्स कर्मियोंं पर फैसले का असर नहीं पढ़ेगा। जितने भी कर्मचारी स्वीकृत पदों के विरुद्ध सेवाएं दे रहे हैं उन्हें ,6 महीने के अंदर नौकरी जाने का डर सा है। 

सरकार के सामने एक और बड़ी मुसीबत यह भी अा खड़ी हुई है कि अगर 6 महीने में 50 हजार पद पर पक्की भर्ती करनी पड़ी तो इसे सिरे कैसे चढ़ाया जाएगा। क्योकि भाजपा अपने तीन साल के कार्यकाल में लगभग 25 हजार भर्तियां ही कर पाई है। जिनमें से बीस-बाईस कर्मियों ने ज्वाइन कर लिया था। वहीं हजारों की संख्या में भर्तियां कानून के पचड़े में फंसी हुई हैं जो प्रक्रियाधीन है। जिन पर हरियाणा कर्मचारी चयन अायोग के विवादों में घिरे होने का असर पड़ रहा है। 
 

Deepak Paul