प्रदेश में बलात्कार पर बलात्कार, अाखिर कहां सो रही है सरकार

1/16/2018 12:12:53 PM

अम्बाला(ब्यूरो):बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ अभियान का दम भरने वाली सरकार के राज में एक के बाद एक गैंगरेप की घटनाओं ने प्रदेश को हिलाकर रख दिया है। पिछले 72 घंटे में फरीदाबाद, जींद, पिंजौर व पानीपत में घटित हुई गैंगरेप की 5 घटनाओं ने प्रदेश में कानून व्यवस्था की पोल खोल दी है। आनन-फानन में सरकार टीम घटित कर जिम्मेदारी से पल्ला झाड़ लेती है। इस बार भी सरकार ने 3 वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों के तबादले कर ‘एक्शन मोड’ में होने का संदेश देने की कोशिश की है। इस तरह के मामलों में हमेशा ऐसा ही होता आया है।     

राजनीतिक दलों ने मांगा जवाब
अब तक पिछले गैंगरेप व रेप के दोषी गिरफ्त से बाहर हैं। एक-दो दिन हो-हल्ला मचाने के बाद प्रदेश की पुलिस पुराने ढर्रे पर लौट आती है। राजनीतिक दल भी सरकार को कोसने के बाद शांत हो जाते हैं। इस बार भी प्रदेश के विपक्षी दल कांग्रेस, इनैलो और आम आदमी पार्टी ने प्रदेश में कानून व्यवस्था की बदहाली का मुद्दा उठाते हुए सरकार से जवाब मांगा है। वहीं, डी.जी.पी. ने मुख्यमंत्री को भरोसा दिया है कि जल्द ही इन घटनाओं के आरोपियों को पकड़ लिया जाएगा और प्रदेश के सभी आई.जी. व एस.पी. अधीक्षकों को खास निर्देश जारी किए हैं।

महिला सुरक्षा के दावे खोखले
सरकार भले ही महिलाओं की सुरक्षा के कितने ही दावे करती रहे, लेकिन आंकड़े कुछ और ही बयां करते हैं। एन.सी.आर.बी. के वर्ष 2016 के रिकार्ड पर नजर डाली जाए तो पता चलता है कि इस दौरान प्रदेश में कुल 1187 रेप की घटनाएं हुई। इनमें से 996 मामले रेप के हैं, जबकि 191 मामले गैंगरेप के हैं, जो पूरे देश में सबसे अधिक हैं। इसके अलावा हरियाणा में प्रत्येक 1 लाख में से 9.4 महिलाएं रेप पीड़िता है तो हर 2 लाख में से 3 महिलाएं गैंगरेप की शिकार बनी हैं। वर्ष 2015 में भी 204 महिलाएं गैंगरेप की शिकार हुई। यह आंकड़ा भी किसी भी प्रदेश के मुकाबले सबसे अधिक है।

सरकार कोई भी, बेशर्मी वही
पूर्व कांग्रेस सरकार व भाजपा सरकार में रेप व गैंगरेप के मामले बदले हैं, लेकिन सरकार के प्रतिनिधियों की बेशर्मी अब भी वही है। पूर्व सरकार के कार्यकाल में 1 महिला से रेप के 11 मामले आने पर कांग्रेस अध्यक्ष रहे फूलचंद मुलाना ने 8 अक्तूबर 2012 को बयान जारी किया था कि ये मामले सरकार को बदनाम करने की कोशिश है। आज इसी तरह का बयान कुरुक्षेत्र के सांसद राजकुमार सैनी ने दिया है। उन्होंने बच्चियों से गैंगरेप के मामले में आज हिसार में सरकार का बचाव करते हुए कहा कि यह एक षड्यंत्र के तहत हुआ है। यह सरकार को फेल दिखाने की साजिश है।

ये हैं पांचों घटनाएं
गैंगरेप व हत्या की पहली घटना 12 जनवरी को जींद में सामने आई जहां कुरुक्षेत्र के झांसा से लड़की को अगवा कर गैंगरेप किया व हत्या के बाद शव को जींद फैंक दिया। इसी प्रकार 13 जनवरी को फरीदाबाद से एक युवती का किडनैप कर गैंगरेप किया। 14 को पानीपत के गांव उरनाला कलां में 11 वर्षीय बच्ची से गैंगरेप के बाद उसकी हत्या कर दी और इसी दिन पिंजौर में 10 साल की मासूम बच्ची के साथ दुष्कर्म कर दरिंदगीपूर्ण व्यवहार किया। इसके अलावा पांचवी घटना फिर फरीदाबाद में घटित हुई जहां 14 वर्ष की बच्ची का ऑटो में अगवा कर गैंगरेप किया गया।

डी.जी.पी. ने नैतिक मूल्यों को बताया कारण
डी.जी.पी. बी.एस. संधू ने कहा है कि यह जघन्य अपराध है और इसे कोई भी सहन नहीं कर सकता। पुलिस महिला सुरक्षा के प्रति पूरी तरह से वचनबद्ध है, मगर समाजिक स्तर पर नैतिक मूल्यों में आई गिरावट भी इस तरह के अपराधों में बड़ा कारण है। पुलिस ऐसे अपराधियों के खिलाफ सख्त कदम उठा रही है और अपने कार्याों में कोताही बरतने वाले पुलिस अधिकारियों व कर्मचारियों के खिलाफ कड़ा एक्शन ले रही है। सामाजिक स्तर पर भी मुहिम चलाकर ऐसी विकृत मानसिकता वाले लोगों के खिलाफ माहौल तैयार कर सकते हैं। 

महिला विरुद्ध अपराध चिंतनीय पहलू : ढींढसा
अंतर्राष्ट्रीय ख्याति प्राप्त वैज्ञानिक डा. कुलदीप सिंह ढींढसा के जुटाए तथ्यों से भी यह बात पुख्ता हो चली है कि प्रदेश की बेटी को बसाने मसलन उसकी सुरक्षा के लिए भी अभी कई कड़े कदम उठाने लाजिमी है। सर्वेक्षण की रिपोर्ट के अनुसार बेशक लिंगानुपात में गुणात्मक सुधार हुआ है लेकिन महिला विरुद्ध अपराधों में भी वृद्धि होना एक चिंतनीय पहलू है। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार को बड़ी गंभीरता से इस दिशा में कदम उठाने चाहिए तो वहीं समाज में व्यापत कुरीतियों को भी खत्म करने के लिए सरकार और समाज को कठोर एवं जमीनी प्रयास करने होंगे।