नहीं मिट रहा शहर पर लगा गंदगी का कलंक, फिर रैकिंग में पिछड़ेंगे

12/11/2018 11:57:38 AM

अम्बाला शहर(मुकेश): स्वच्छता सर्वेक्षण से पहले शहर में जगह-जगह गंदगी के ढेर लगे हैं। गंदगी का नियमित उठान नहीं हो पा रहा। आलम यह है कि कई जगहों पर भारी दुर्गंध की वजह से लोगों को सांस रोक कर गुजरना पड़ता है। यह स्थिति तब है जब नगर निगम के पास पर्याप्त संसाधन और कर्मचारी हैं। वहीं, स्वच्छता सर्वेक्षण की तैयारियों को लेकर निगम आयुक्त संबंधित अधिकारियों के साथ बैठकें कर रहे हों ताकि शहर को सर्वेक्षण में बेहतर रैंकिंग मिल सके, लेकिन स्वच्छता सर्वे को लेकर की जा रही तैयारी नाकाफी नजर आ रही है।

नगर निगम गेट के सामने सुलभ शौचालय के बाहर ही गंदगी का बड़ा अम्बार लगा है। इसके अलावा पटेल रोड, आर्य चौंक से पुलिस लाइन को जाने वाले सड़क पर, पुराना दिल्ली मार्ग पर जगह-जगह, पुराना सिविल अस्पताल चौंक के पास, बसातियां वाली गली, सर्कुलर रोड, रेलवे रोड, नदी मोहल्ला आदि जगहों पर गंदगी के ढेर लगे हैं। गौरतलब है कि इस बार देश भर में किए जा रहे स्वच्छता सर्वेक्षण में एक हजार शहरों को शामिल किया गया है।

इनमें अम्बाला भी एक है। पिछले वर्ष 400 शहरों का स्वच्छता सर्वेक्षण कराया गया था। इसमें अम्बाला का 308वां स्थान रहा था। ये कोई उपलब्धि नहीं थी। इसका मतलब कि अम्बाला में भारी गंदगी पाई गई। बावजूद इसके नगर निगम ने स्वच्छता को लेकर कोई खास कदम नहीं उठाया है। अगर हालात ऐसे ही रहे तो गत वर्ष की भांति स्वच्छता सर्वेक्षण में इस बार भी रैकिंग में पिछड़ेंगे। पॉलीथिन भी बन रही समस्या निगम आयुक्त बेशक शहर को पोलीथीन मुक्त घोषित करने की बात कर रहे हों लेकिन अब भी शहर में धड़ल्ले से पोलिथीन का इस्तेमाल हो रहा है। इस्तेमाल के बाद पॉलीथिन कचरे में जाती हैं। जहां कचरे का समय से उठान न होने की वजह से गायें और अन्य गौवंश पॉलीथिन को चारा बना रहे हैं जो उनको नुक्सान पहुंचा रहा है। इससे पहले नगर निगम पॉलीथिन पर बैन लागू कराने की चेतावनी कई बार दे चुका है। लेकिन जमीनी स्तर पर अभी तक काम नहीं हुआ है।

Deepak Paul