घर में आई दूसरी बेटी, पिता ने अनोखे ढंग से मनाया जश्न...देखिए तस्वीरें

2/16/2016 11:52:37 AM

भिवानी (अशोक भारद्वाज): अनन्या बेटी शगुन योजना के तहत सोमवार को अंचल नर्सिग होम में समाजसेवी एंव राष्ट्रपति पुरस्कार अवार्डी अशोक भारद्वाज ने अपनी अनोखी पहल के साथ एक बेटी एक पेड़ के साथ अपनी नवजात बेटी को पालकी में बिठा कर शहर में जश्र मनाया, इसका प्रदेश के जनस्वास्थय मंत्री घनश्याम सर्राफ ने भी स्वागत किया। पिता अशोक अपनी नवजात बेटी को इस मनोरम झांकी के साथ शंखनाद, नगाड़े व देहाती थाली बजाते हुए घर पहुंचे।
 

प्रदेश सरकार में राज्य मंत्री घनश्याम सर्राफ ने बेटी की पालकी का स्वागत किया एंव बेटी को आशीर्वाद दिया।सर्राफ ने कहा कि बेटी बचाने में इस प्रकार की ऐतिहासिक मुहिम देश में कारगर सिद्ध होती है। उन्होंने इस प्रकार के अभियान की सरहाना करते हुए कहा कि ये अभियान देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओं को एक नई दिशा देगा। इस अवसर पर डा. विनोद अंचल व अनीता अचंल का कहना है कि भिवानी के इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ है कि एक बेटी को कृष्ण कन्हैया की तरह सजी हुई पालकी में बिठा कर अस्पताल से विदा किया गया।

उन्होंने नवजात बेटी को आशीर्वाद देते हुए कहा कि यह बड़ी होकर देश-विदेश में नाम रोशन करेगी। उनका कहना है कि यहां का शंखनाद एंव ढोल नगाड़ों से ऐसा माहौल हो गया है जैसे किसी देवी ने अवतार लिया हो। उन्होनें बताया कि आज 295 बेटियों ने जन्म लिया है जिनको अस्पताल प्रशासन की तरफ से नवजात कन्या को 1100 रुपए, मिठाई एंव नए वस्त्र  व तुलसी का पौधा देकर सम्मनित किया। उन बेटियों के आधार कार्ड बनाकर सुकन्या सृमद्धि योजना के तहत खाता खोलकर उनको सम्मान दिया जाता है।
 

वहीं बालयोगी मंहत चरण दास जी महाराज ने  कहा कि बेटी के सम्मान करने पर ही देश व समाज को ऊपर तक ले जाया जा सकता है। उन्होंने कहा कि हरियाणा का लिंग अनुपात काफी कम है जिसे ठीक करने के लिए प्रधानमंत्री ने अहम योजना शुरु की थी। जिसके तहत बेटी बचाव बेटी पढ़ाओ के कार्यक्रम का आगाज किया था। उन्होंने कहा कि  भिवानी में अचंल नर्सिग होम द्वरा कन्या शगुन योजना चलाई जा रही है जो कि काबिले तारीफ है। उन्होंने कहा कि ऐसे कदम सभी को चलाने चहिए ताकि हमारे समाज का भला हो सके। बेटी के पिता अशोक भारद्वाज औऱ माता अंजु ने बताया कि उनके घर में दो बेटियों ने जन्म लिया है और दोनों बेटियां नवरात्र समय काल में जन्मी। जो कि उनके परिवार के लिए देवी स्वरूप है।