आवेदन पहले-मार्कशीट बाद में विभाग ने दे दी नौकरी

2/10/2019 2:56:49 PM

भिवानी(मोटू): जिला स्वास्थ्य विभाग में घालमेल के भी क्या कहने। इसका एक ताजा प्रमाण पंजाब केसरी के हाथ लगा है, जिसमें विभाग ने नौकरियों में आवेदन के लिए पिछले साल 30 जुलाई अंतिम तिथि निर्धारित की थी। मगर विभाग ने एक ऐसे आवेदक को नौकरी दे दी जिसे अपनी योग्यता का प्रोविजनल प्रमाण पत्र ही 31 जुलाई को हासिल हुआ था। इसके बावजूद विभाग ने उसे नौकरी देकर एक प्रकार से अपनी कार्यप्रणाली पर सवाल पैदा कर दिए हैं। 

हुआ यूं था कि जिला स्वास्थ्य विभाग ने पिछले साल एन.एच.एम. के तहत जुलाई महीने में आवेदन आमंत्रित किए थे। इनमें विभाग ने अनुबंध आधार पर एस.टी.एस., जिला स्तर पर पी.पी.एम. को-आॢडनेटर, स्टाफ नर्स, अकाऊंट असिस्टैंट आदि के लिए आवेदन मांगे थे। इसके लिए विभाग ने 30 जुलाई के लिए अंतिम तिथि निर्धारित की थी। इसके लिए आवेदकों को अपने आवेदक उप सिविल सर्जन एन.एच.एम. के कमरा नंबर 225 में अपने आवेदन जमा करवाने थे। 

एक आवेदक को योग्यता का प्रोविजनल प्रमाण पत्र ही 31 जुलाई को मिला 
इन भॢतयों के लिए एक आवेदक पारुल बंसल ने अकाऊंट असिस्टैंट के लिए आवेदन किया था। मगर उसकी वांछित योग्यता का असली की बजाय प्रोविजनल प्रमाण पत्र ही 31 जुलाई को हासिल हुआ है। इसके बावजूद उक्त युवक का विभाग ने 16 अगस्त को इंटरव्यू लिया और बाद में उसे चयनित कर लिया गया। इससे साबित होता है कि विभाग ने इन भॢतयों में किस तरह का घालमेल किया है। 

सी.एम.ओ. पर पहले ही लगे थे भॢतयों में भ्रष्टाचार के आरोप 
यहां बता दें कि पिछले साल जब 4 नवम्बर को सी.एम. मनोहर लाल खट्टर दादरी आए थे तब भाजपा नेताओं और कार्यकत्र्ताओं ने सी.एम. के सामने यहां के सी.एम.ओ. आदित्य स्वरूप गुप्ता पर इन भॢतयों में ही भ्रष्टाचार के आरोप लगाए थे। इस पर सी.एम. के आदेशों पर सी.एम.ओ. आदित्य स्वरूप गुप्ता का उसी रात भिवानी से ट्रांसफर कर पंचकूला ज्वाइन करने के लिए कहा था। उन आदेशों में भी यह भी कहा गया था कि सी.एम.ओ. आदित्य स्वरूप गुप्ता अपना चार्ज रात को ही यहां के किसी सीनियर डाक्टर को सौंप दें और 5 नवम्बर को ही पंचकूला ज्वाइन कर लें। 

सीनियरों की अनदेखी कर बैक डेट में पत्नी को दे दिया था चार्ज  
मगर सी.एम.ओ. आदित्य स्वरूप गुप्ता ने विभाग के उन आदेशों का भी उल्लंघन किया और उन्होंने ट्रांसफर के बैक डेट में यानी 3 नवम्बर से ही खुद को अवकाश पर बता यहां के सी.एम.ओ. का चार्ज अपनी पत्नी संध्या गुप्ता को दे दिया। जबकि यहां विभागीय आदेशानुसार 2 डाक्टर ऐसे थे जो संध्या गुप्ता से सीनियर थे। बाद में इस मामले में डी.सी. के हस्तक्षेप से 14 नवम्बर को यहां के सीनियर डाक्टर रघुबीर शांडिल्य को यहां के सी.एम.ओ. का कार्यभार सौंपा गया तो दूसरी ओर अपना तबादला रूकवाने के जुगाड़ में घूम रहे आदित्य स्वरूप गुप्ता 15 नवम्बर को ही अपना ट्रांसफर रद्द करा लाए। इसलिए शांडिल्य को यहां सिर्फ एक दिन के सी.एम.ओ. का ही कार्यभार मिल पाया था। 

अब इस नए प्रमाण से साबित होता है कि उन भॢतयों में घालमेल हुआ था 
अब जबकि पंजाब केसरी के पास उन भॢतयों के मामले में यह प्रमाण हासिल हुआ है तो उससे साबित होता है कि उन भॢतयों में यहां घालमेल हुआ था। इसके बावजूद सी.एम.ओ. आदित्य स्वरूप गुप्ता के खिलाफ न किसी तरह की विभागीय जांच हुई और उनका ट्रांसफर भी रद्द कर दिया गया। इसलिए इससे साबित होता है कि इसमें बड़े स्तर पर घपला है, जिसकी अगर जांच की जाए तो और भी मामले सामने आ सकते हैं। 

यह बोले पी.एम.ओ. 
इस बारे में जब पी.एम.ओ. रघुबीर शांडिल्य से बात की तो उन्होंने बताया कि उस दौरान उनके पास यहां के फिजिशियन के अलावा किसी तरह का चार्ज नहीं था। उन्हें तो इसी साल यहां के पी.एम.ओ. का चार्ज दिया गया है। इसलिए इस बारे में सी.एम.ओ. या चयन कमेटी के सदस्य ही बता सकते हैं। उन्होंने कहा कि वैसे भी वे इस तरह की भॢतयों की चयन कमेटी में भी शामिल नहीं थे और इस तरह का मामला उनके भी संज्ञान में है। 

सी.एम.ओ. नहीं कर रहे कॉल रिसीव 
दूसरी ओर, जब इस बारे में सी.एम.ओ. आदित्य स्वरूप गुप्ता के सरकारी मोबाइल नंबर 7027817601 पर कई बार संपर्क करने का प्रयास किया लेकिन उन्होंने न कॉल रिसीव की और न ही बैक कॉल की। दूसरी ओर उक्त आवेदक इस समय सिविल अस्पताल में नौकरी कर रहा है। 

यह बोले डिप्टी सी.एम.ओ.
इस मामले में जब पंजाब केसरी ने एन.एच.एम. के डिप्टी सी.एम.ओ. और चयन कमेटी के सदस्य डा.सुनील कुमार से बात की तो उन्होंने बताया कि ऐसा तो नहीं हो सकता। इस पर जब पंजाब केसरी संवाददाता ने उन्हें बताया कि इस बारे में हमारे पास प्रमाण मौजूद हैं तो वे बोले ऐसा है तो वे सोमवार को उक्त आवेदक के दस्तावेजों की दोबारा जांच करवाएंगे।

यह बोले अतिरिक्त मुख्य सचिव 
इस मामले में स्वास्थ्य विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव राजीव अरोड़ा से बात की तो उन्होंने बताया कि आप मेरे पास वे प्रमाण भेजिए जो आपके पास हैं। उसके बाद मैं उनकी जांच करवाऊंगा। उन्होंने कहा कि वे 2 महीने पहले ही इस पद पर आए हैं इसलिए पिछले साल का कोई रिकार्ड उनके पास नहीं है। इसलिए रिकार्ड देखकर ही कुछ कहा जा सकता है।

Deepak Paul