इन पुरानी हवेलियों से हो सकता है बड़ा खतरा: देखें तस्वीरें

8/17/2015 11:32:40 PM

भिवानी(पंकेस): फटा सीना, बिखरती ईंटों के बाद भी शहर के बीचोंबीच व घनी आबादी के बीच खामोश दरार खाई जर्जर हवेली खड़ी है। यह हवेलियां इतनी जर्जर हो चुकी हैं कि कभी भी छत का साथ छोड़ चुकी दीवारें पड़ोसियों के मकानों व राह में गिर सकती है। आए दिन इनकी दरार खाई दीवारों से ईंटे निकलकर बिखर रही हैं। यह भी नहीं है कि जिला प्रशासन को इन जर्जर हवेलियों का पता न हो लेकिन उसके बाद भी जिला प्रशासन मौन है। 

हालांकि विगत में बारिश के बाद एक जर्जर हवेली का मलबा गिरने के बाद जिला प्रशासन थोड़ा-सा हरकत में आया लेकिन उसके बाद भी लोगों को इन जर्जर हवेलियों का गिरने का खतरा सता रहा है। शहर का अंदरूनी हिस्सा ऐसा नहीं होगा जहां पर कोई न कोई पुरानी हवेली न हो और उस पर मोटा-सा ताला लटक न रहा हो। शहर में इस तरह की हवेलियों की संख्या 150 से 200 के बीच है। 
 
वहीं, जिला प्रशासन की नजरों में यह संख्या 25 से 30 के बीच मानी जा रही है। इन हवेलियों के अधिकांश मालिक दक्षिणी भारत में अपना कारोबार करने में व्यस्त हैं। उनको अपनी इस पुश्तैनी हवेली या जायदाद की कोई परवाह नहीं है।  बिना देखभाल के यह हवेलियां खंडहरों में तबदील हो गई हैं। इन हवेलियों में जगह-जगह झरोखे बन गए हैं। उनमें से बारिश व हवा आरपार निकल रही है। मकडिय़ों के जाल, कबूतरों के आशियाने बनने से हवेलियां और भी डरावनी बन रही हैं। 
 
लगता है कि हवेलियों में आई दरार व मलबा गिरने से बने झरोखों में से हमेशा मौत झांकती हो। दरारों के अलावा ये जर्जर हवेलियां कोई सड़क की तरफ तो कोई पड़ोस में बने मकान की तरफ झुक गई हैं जोकि कभी भी गिरकर बड़े हादसे का कारण बन सकती हैं। यहां से गुजरने वाले हर व्यक्ति को रात को क्या दिन में भी डर लगता है।