ईंट भट्ठा निर्माण उद्योग को 6 माह तक बड़ा झटका

10/14/2017 1:36:57 PM

चरखी दादरी (राजेश): भवन निर्माण करने वालों के लिए बुरी खबर है। आने वाले 6 माह के दौरान ईंटों की न केवल कमी खलेगी, बल्कि औने-पौने दामों पर भी खरीदनी पड़ सकती है। फीफा वर्ड गेम के चलते ग्रीन ट्रिब्यूनल ने एन.सी.आर. में ईंट भट्ठाें को दिसम्बर और जनवरी 2 माह बंद करने के आदेश जारी कर दिए हैं। इन आदेशों के चलते जिले के सभी ईंट भट्टे अब एक फरवरी को ही चल सकेंगे। वैसे भी जिले में 200 में से 80 ईंट भट्टे पहले से बंद पड़े हैं।

ईंट भट्टा उद्योग के पटरी पर आने में केवल 2 माह नहीं, बल्कि यह इसमें 6 माह से भी ज्यादा समय लग सकता है। क्योंकि एन.सी.आर. में अब केवल जिगजैग तकनीक से ही ईंट भट्टे चलाए जा सकते हैं। अभी तक जिले में करीब 50 ईंट भट्टा मालिकों ने ही इस तकनीक पर कार्य करना शुरू कर किया है लेकिन इन ईंट भट्ठाें पर नई तकनीक से कार्य शुरू करने में भी 2 से 3 माह का समय लगना तय है।

महंगी है जिगजैग तकनीक
पर्यावरण को सुरक्षित रखने के उद्देश्य से सुप्रीम कोर्ट ने एन.सी.आर में ईंट भट्ठा संचालकों को जिगजैग तकनीक इस्तेमाल करने की सख्त हिदायत दी हुई है। भट्टा मालिकों का कहना है कि यह तकनीक इस्तेमाल करने के लिए उन्हें 50 से 60 लाख रुपए और अतिरिक्त खर्च करने होंगे। पहले से ही ईंट भट्टा उद्योग मंदी की मार झेल रहा है और ऐसे में मार्कीट में बने रहना ईंट भट्टा उद्योग के लिए बड़ी चुनौती बन गई है।

सर्दी का मौसम ही होता है भट्ठाें का सीजन
एसोसिएशन के पूर्व प्रधान राजकुमार वशिष्ठ ने कहा कि ग्रीन ट्रिब्यूनल के आदेश मिल चुके हैं, लेकिन वास्तव में तो सर्दी का सीजन ही ईंट भट्ठाें के लिए सबसे उपयुक्त होता है। क्योंकि इस दौरान ही मजदूर अच्छे ढंग से कार्य कर सकते हैं। आग के पास बैठने में कोई परेशानी नहीं होती है। महंगी तकनीक होने की वजह से ईंट भट्ठा उद्योग बंद होने के कगार पर हैं।