रोडवेज बसों में फ‌र्स्ट-एड बॉक्स गायब, विभाग करता बेहतर सुविधा का दावा

12/8/2017 10:50:14 AM

भिवानी(पंकेस):कहने को तो रोडवेज विभाग यात्रियों को बेहतरीन सुविधाएं दे रही है लेकिन हकीकत कुछ और ही है। रोडवेज की किसी भी बस में प्राथमिक उपचार के लिए दवाई तो दूर की बात है इनमें फर्स्ट-एड बॉक्स ही नहीं हैं। ऐसे में अगर रास्ते में कोई दुर्घटना घट जाए तो मलहम पट्टी भी नहीं की जा सकती है। यह स्थिति छोटे रूटों के अलावा लम्बी दूरी की सभी बसोंं की है। लम्बी दूरी की किसी भी बस में फर्स्ट-एड बॉक्स ही नहीं है। इस बारे में कर्मचारियों ने कई बार मांग उठाई लेकिन आज तक इस समस्या का समाधान नहीं हो पाया है। जिले की किसी भी नई व पुरानी बस में फर्स्ट-एड बॉक्स नहीं है। हालांकि जब नई बसें डिपो में पहुंचती हैं तो उस समय सभी सुविधाएं होती हैं। 

बस में फर्स्ट-एड बॉक्स भी होता है और उसमें प्राथमिक उपचार के लिए दवाइयां भी होती हैं लेकिन कुछ दिनों के बाद बस से यह सारी सुविधाएं गायब हो जाती हैं। फिलहाल 90 फीसदी बसों में फर्स्ट-एड बॉक्स ही नहीं है, जिसमें मलहम पट्टी आदि रखी जा सके। बॉक्स की जगह स्पीकर या अन्य सामान ने ले ली है। अगर रास्ते में कहीं पर कोई दुर्घटना घट जाए तो यात्रियों की सुरक्षा रामभरोसे ही होती है। चूंकि किसी भी बस में एक इंच पट्टी भी नहीं है और न ही कोई मलहम आदि है। कायदे से फर्स्ट-एड बॉक्स में सारी सुविधाएं होती हैं। मसलन मलहम, पट्टी, कुछ अन्य दवाइयां भी होती हैं। सिरदर्द व बुखार की भी दवाई शामिल होती है लेकिन यह सुविधा कोसो परे है। बताते है कि नई बसों में 1-2 महीने तक तो यह सुविधाएं होती हैं लेकिन उसके बाद अपने आप दवाइयां गायब होने लगती हैं। कई बसों में मनोरंजन के लिए फर्स्ट-एड बॉक्स में स्पीकर सैट करवा लिए हैं। उनको फर्स्ट-एड बॉक्स से कोई लेना व देना नहीं होता। 

नहीं सुनते हैं अधिकारी
सूत्रों के अनुसार लंबी दूरी की बसों में फर्स्ट-एड में पूरा सामान रखवाने के लिए कई बार चालकों ने रोडवेज प्रशासन से मांग की। यहां तक कि जब भी कोई मीटिंग आदि होती है। उसमें भी चालक फर्स्ट-ऐड बॉक्स में दवाई मलहम आदि की मांग करते हैं, लेकिन हर बार उनकी मांगों के अनसुना कर दिया जाता है।