निजीकरण के विरोध में बैंकों की देशव्यापी हड़ताल, जानिए हरियाणा के हर जिले का अपडेट

3/15/2021 12:18:18 PM

ब्यूरो:  यूनाइटेड फोरम ऑफ बैंक यूनियन के बैनर तले विभिन्न बैंक की आज हड़ताल के चलते आम लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है हरियाणा के यमुनानगर में भी बैंक कर्मचारियों ने बैंक में हड़ताल करके बैंकों के बाहर प्रदर्शन किया और सरकार विरोधी नारे लगाए। नो यूनियन के संयुक्त संगठन यूनाइटेड फोरम आफ बैंकिंग यूनियन ने इस हड़ताल का आह्वान किया है। वित्त मंत्री द्वारा हाल ही में पेश किए गए बजट में 4 बैंकों के निजीकरण का प्रस्ताव आने के बाद बैंक कर्मचारी सरकार के विरोध में संघर्ष के लिए इकट्ठा हुए हैं।


बैंक कर्मचारी नेताओं का कहना है कि वह किसी भी कीमत पर निजी करण नहीं होने देंगे। उन्होंने कहा कि सभी पब्लिक सेक्टर के बैंकों की यूनियन इस हड़ताल में शामिल हैं। कर्मचारी नेताओं का कहना है कि बैंकों के निजीकरण से सरकार द्वारा खुलवाए गए  जन धन के खातों पर असर पड़ेगा। उनका कहना है कि 42 करोड खाते सरकारी बैंकों में खोले गए हैं। इसके अलावा सरकार की अधिकांश योजनाएं सरकारी बैंक ही लागू करते हैं। बैंक कर्मचारी नेताओं ने कहा कि निजी करण से आम आदमी की पहुंच से बैंक दूर हो जाएंगे और आने वाली पीढ़ी को नौकरी नहीं मिलेगी जिसके चलते पूरे देश के बैंक कर्मचारी हड़ताल पर हैं।

कुरुक्षेत्र  के  बैंक कर्मचारियों का कहना है कि निजी करण बैंकों के हक में नहीं है। कर्मचारियों का कहना है कि निजी करण किसी समस्या का हल नहीं है उन्होंने सीधे तौर पर भाजपा सरकार पर निशाना साधा और कहा कि हर क्षेत्र का निजी करण किया। रेवाड़ी में भी स्टेट बैंक ऑफ इंडिया, पंजाब नेशनल बैंक, यूनियन बैंक ऑफ इंडिया, इंडियन बैंक सहित 17 बैंकों के सैकड़ों कर्मचारी की मांग को लेकर दो दिवसीय हड़ताल पर है। इससे करीब 400 करोड रुपए का लेन देन प्रभावित हो रहा है। केंद्र सरकार द्वारा विभिन्न बैंकों का निजीकरण करने के विरोध में रोष प्रकट करते हुए आज से 2 दिन राष्ट्रव्यापी हड़ताल पर है।  उधर, चरखी दादरी निजीकरण के विरोध में बैंक कर्मचारियों ने 2 दिन के लिए 15 व 16 मार्च को हड़ताल पर रहेेंगे। 

टोहाना शहर के रेलवे रोड स्थित एसबीआई बैंक के सामने सरकारी बैंक के कर्मचारियों ने एकजुट होकर केंद्र सरकार के खिलाफ नारेबाजी करते हुए प्रदर्शन किया। इस दौरान उन्होंने मोदी सरकार पर सरकारी बैंक, रेलवे, बीमा व देश को लाभ देने वाली अन्य संपत्तियों को बेचने का आरोप लगाया। बैंक कर्मचारियों ने किसान आंदोलन का भी समर्थन करते हुए कहा कि सरकार द्वारा किसानों पर जबरन तीनों काले कानून थोपे जा रहे हैं जिनका किसान लगातार विरोध कर रहे हैं लेकिन सरकार उनकी कोई सुनवाई नहीं कर रही है। उन्होंने कहा कि देश में आजादी के इतिहास में अब तक का सबसे भ्रष्ट प्रधानमंत्री देश में आया है जिसने देश की सरकारी संपत्तियों को बेचने का मन बना लिया है। 

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Content Writer

Isha